अलवर. प्रदेश के अलवर और भरतपुर जिले का करीब 150 किलोमीटर का इलाका मॉब लिंचिंग का डार्क जोन (mob linching in alwar and bharatpur) बन गया है. इन जिलों में मॉब लिंचिंग (Mob lynching in alwar) की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं. गोतस्करों के हरियाणा बॉर्डर क्रॉस करने से पहले पुलिस और कथित गोरक्षकों के साथ झड़प की सबसे अधिक घटनाएं यहीं होती हैं. इसके अलावा चोरी और हादसों के आरोप में भी यहां पर लोगों ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं (Mob lynching incidents) को अंजाम दिया है. ताजा मामला गोविंदगढ़ क्षेत्र का है जहां ट्रैक्टर चोरी के आरोप में एक सब्जी बेचने वाले को भीड़ ने अपना शिकार बना लिया. सब्जी विक्रेता को भीड़ ने चोर समझकर पीट-पीटकर मार डाला.
बीते पांच सालों में मॉब लिंचिंग में अब तक चार लाेगों की जान जा चुकी है (deaths in mob lynching) और दो लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं. पहलू खां और उमर खान के बाद अकबर उर्फ रकबर गोतस्करी के चलते मॉब लिंचिंग का शिकार हुआ और मारा गया. प्रदेशभर से गोतस्करों को हरियाणा और दिल्ली जाने के लिए इन्हीं दो जिलों से गुजरना होता है. इस बात का गोरक्षक संगठनों को भी पता है और उनकी नजर भी बॉर्डर इलाकों के ऐसे रास्तों पर रहती है जहां से गोतस्कर गुजरते हैं.
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इसके अलावा वाहन चोरी के आरोप में भी आए दिन मारपीट के मामले सामने आते हैं. अलवर के गोविंदगढ़ क्षेत्र में दो दिन पहले 14 अगस्त को ट्रैक्टर चोरी के आरोप में भीड़ ने एक सब्जी बेचने वाले चिरंजीलाल सैनी को पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया. ग्रामीणों ने घायल को अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान 15 अगस्त की शाम को उसकी मौत हो गई. इस घटना ने एक बार फिर से अलवर को शर्मसार किया है. घटना के विरोध में ग्रामीणों ने पुलिस थाने का घेराव किया. घटना को लेकर क्षेत्र में तनाव का माहौल है और लोगों में खासा रोष भी है.
गो तस्करी के दौरान सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग
अलवर और भरतपुर जिले का यह इलाका राजस्थान का मेवात क्षेत्र है. यहां गोवंश की तस्करी किस स्तर पर हो रही है. इसका अंदाजा गत साढ़े तीन साल के आंकड़ों को देखकर ही लगाया जा सकता है. पिछले साढ़े तीन वर्षों में दोनों जिलों में ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं. इन जिलों में महज तीन साल में ही गोतस्करी के 638 मामले दर्ज कर 719 गोतस्करों को पकड़ा गया. पुलिस के लाख जतन के बावजूद गोतस्कर काबू में नहीं आ रहे हैं. आए दिन होने वाली इन घटनाओं से अलवर और भरतपुर जिला बदनाम हो रहा है.
मॉब लिंचंग की घटनाएं
पहली वारदात
3 अप्रैल 2017 को अलवर के बहरोड़ में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या आठ पर शाम के वक्त जागुवास चौक पर गोरक्षा दल और अन्य हिन्दूवादी संगठन के लोगों ने सैकड़ों लोगों के साथ गोतस्करी के आरोप में 6 वाहनों को रोककर 15 गोतस्करों के साथ मारपीट कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया था. मारपीट में गंभीर रूप से घायल पांच जनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनमें से मेवात जिले के नूंह के जयसिंहपुर निवासी पहलू खां (50) की 5 अप्रैल को निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी.
दूसरी वारदात
9 नवंबर 2017 को रात गोविंदगढ़ थाना इलाके में एक मामला सामने आया था. कथित गोरक्षकों ने उमर खान नाम के व्यक्ति की पिटाई के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी. बाद में शव को रेलवे पटरी पर डाल दिया था. पुलिस ने शव को मर्चरी में रखवा दिया था. तीन दिन बाद परिजनों के आने पर घटना का खुलासा हुआ था.
तीसरी वारदात
23 दिसम्बर 2017 को अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र में एक बार फिर गोवंश ले जा रहे एक युवक की 40-50 लोगों ने पिटाई कर दी. गोरक्षा के नाम पर कथित गोरक्षकों ने उसको जमकर पीटा, लेकिन गनीमत यह रही पुलिस समय पर पहुंच गई. अन्यथा उसकी पीट-पीटकर हत्या कर दी जाती. पिटाई के बाद गंभीर हालत में युवक जाकिर खान को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती करवाया था. जाकिर अपने तीन साथियों के साथ अलवर जिले के बानसूर क्षेत्र से गोवंश लेकर हरियाणा जा रहा था.
चौथी वारदात
20 जुलाई 2018 को अलवर के रामगढ़ इलाके में गो तस्करी के शक में भीड़ ने अकबर पर हमला बोल दिया था. बाद में अकबर की मौत हो गई थी. घटना के अगले दिन इस पूरे मामले में पुलिस की भूमिका और उसकी कार्रवाई पर सवाल उठने लग गए थे. इस मामले में मारपीट के बाद जान गंवाने वाले अकबर खान को अस्पताल ले जाने में देरी करने के आरोप में एक सहायक पुलिस उप निरीक्षक को निलंबित करने के साथ ही और तीन पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया गया था.
पांचवी वारदात
अगस्त 2019 में शाहजहांपुर थाना क्षेत्र में मॉब लिंचिंग की घटना सामने आई थी. शाहजहांपुर क्षेत्र के खुसा की ढाणी में देर रात भीड़ ने एक गोतस्कर की जमकर पिटाई कर दी थी. गंभीर हालत में तस्कर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
छठी वारदात
15 सितंबर 2021 को 19 वर्षीय योगेश बाइक से अपने गांव भटपुरा जा रहा था. इस दौरान एक बालिका उसकी बाइक से टकरा गई थी. इस पर समाज विशेष के लोगों ने योगेश को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. दोनों पक्षों ने इस संबंध में 17 सितंबर को बड़ौदा मेव थाने में एक्सीडेंट और मारपीट का मामला दर्ज कराया था. उसके बाद मारपीट में घायल युवक की 3 दिन बाद जयपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई.