अलवर. राजस्थान के मुकाबले हरियाणा में शराब सस्ती मिलती है इसलिए हरियाणा से राजस्थान में शराब सप्लाई की जाती है. इसके अलावा गुजरात में शराब पर रोक लगी हुई है तो वहीं गुजरात और अन्य प्रदेशों में भी हरियाणा से शराब सप्लाई होती थी. अलवर के रास्ते यह तस्करी का खेल चलता था. शराब तस्कर मोटा मुनाफा कमाने के लालच में नकली शराब बनाकर बेच रहे हैं. इतना ही नहीं यह पूरा खेल कानूनी तौर पर किया जा रहा है.
दरअसल, केमिकल के नाम पर ड्रामों में स्प्रिट एक जगह से दूसरी जगह सप्लाई हो रहा है. स्प्रिट में केमिकल रंग मिलाकर नकली शराब बनाई जाती है और उसके बाद शराब को महंगे ब्रांड की बोतल में बंद करके बेचा जाता है. अलवर सहित पूरे प्रदेश में यह खेल चल रहा है. इससे जहां शराब माफियाओं और तस्करों को मोटा मुनाफा पहुंचता है तो वहीं यह शराब लोगों के लिए हानिकारक भी है और इसे पीने से मौत भी हो सकती है.
अलवर जिले में 5 जगह आबकारी विभाग की तरफ से नकली फैक्ट्री में छापे मार कार्रवाई की गई. सभी जगह पर आबकारी विभाग की टीम को लाल ढक्कन वाले ड्रम मिले हैं. इन ड्रम के माध्यम से स्प्रिट सप्लाई होती है. केमिकल के नाम कानूनी तौर पर बिल्टी पर इंटर मोको ट्रांसपोर्ट के माध्यम से एक जगह से दूसरी जगह पर सप्लाई किया जाता है. उसके बाद रंग में केमिकल मिलाने के बाद इस स्पीड से नकली शराब बनाई जाती है. इसके बाद इसे भरकर ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई किया जाता है.
लाल ढक्कन वाले ड्रम-
अलवर आबकारी विभाग की टीम की तरफ से हाल ही में खैरथल, मुबारकपुर, देसूला, कालू का बास और पडिसल में नकली शराब की फैक्ट्री पर छापा मारते हुए बड़ी संख्या में नकली शराब का जखीरा पकड़ा गया है. सभी जगह पर आबकारी विभाग की टीम को लाल ढक्कन वाले ड्रम मिले हैं जिनमें स्प्रिट सप्लाई होकर आई थी. इसी तरह से हाल ही में जोधपुर में आबकारी विभाग की तरफ से नकली शराब का कारखाना पकड़ा गया. वहां पर भी आबकारी विभाग की टीम को लाल ढक्कन वाले ड्रम मिले हैं इसके अलावा प्रदेश में अन्य जगह भी आबकारी विभाग की तरफ तरफ से छापामारी की जा रही है और आरोपियों पर कार्रवाई भी जारी है.
अब तक के हालात-
एक अप्रैल से अब तक आबकारी विभाग की तरफ से 405 मामले दर्ज किए गए हैं जिसमें 86 मामले स्पेशल कार्रवाई हैं. इस दौरान आबकारी विभाग की टीम ने 286 लोगों को गिरफ्तार किया है.