अलवर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने कोरोना काल के दौरान अनाथ हुए बच्चों और विधवा महिलाओं को राहत दी है. सीएम ने विधवा महिलाओं को आर्थिक सहायता देने और बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे देने की घोषणा की. जिसके बाद अगले ही दिन रविवार को प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली अलवर जिला प्रशासन पीड़ितों के घर पहुंचे. इस दौरान पीड़ित परिवार का मौके पर ही रजिस्ट्रेशन किया गया.
श्रम राज्यमंत्री टीकाराम जूली ने बताया कोरोना के चलते बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ और महिलाएं विधवा हो गई. ऐसे में बच्चों और महिलाओं को जीवनयापन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गहलोत सरकार ने अनाथ हुए बच्चों को 1लाख रूपए और प्रति 2500 रुपए 18 साल की उम्र तक देने का फैसला लिया है. सरकार खुद बच्चों की पढ़ाई, आवासीय, विद्यालय सभी का खर्चा उठाएगी. इसके अलावा विधवा हुई महिलाओं को भी 1 लाख की आर्थिक सहायता साथ ही 1 हजार रूपए बच्चे के पढ़ाई का खर्च और साल में एक बार 2 हजार रुपए स्कूल की ड्रेस के देने के आदेश दिए हैं. श्रम मंत्री ने कहा सरकार की योजना से एक भी पीड़ित नहीं छूटेगा. उसके लिए सर्वे करवा लिया है. सभी को जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है.
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जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को मिले इसके प्रयास किए जा रहे हैं. प्रशासन मौके पर पहुंचकर पीड़ितों का रजिस्ट्रेशन कर रहा है. प्रशासन की तरफ से सर्वे कराया गया है. इसके अलावा भी अगर कोई व्यक्ति छूट गया तो अपना नाम दर्ज करा सकता है.
जिला कलेक्टर और श्रम मंत्री ने कहा कि जल्द ही एक लाख की आर्थिक सहायता पीड़ितों को दी जाएगी. इसके अलावा सरकार की योजना के अनुसार अन्य लाभ भी मिलेंगे. रजिस्ट्रेशन के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत ना आए इसके लिए सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया. श्रम मंत्री ने कहा कि वह खुद गांव-गांव जाकर लोगों का रजिस्ट्रेशन कराएंगे. इस मौके पर पीड़ितों ने भी सरकार को धन्यवाद देते हुए प्रशासन का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उनको रजिस्ट्रेशन और अन्य खानापूर्ति के लिए सरकारी कार्यालय में चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे.