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SDM और तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से कमाए करोड़ों, 12 दिन बाद भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर लैंड माफिया

जिले की बानसूर तहसील में ऐसा मामला सामने आया है, जहां तहसीलदार भगवतशरण त्यागी के फर्जी हस्ताक्षर का प्रयोग कर अवैध तरीके से भूखण्डों का बेचान किया गया है. आरोपी अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है.

SDM और तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से भूखण्डों का बेचान
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Published : Jun 21, 2019, 11:44 PM IST

अलवर. जिले की बानसूर तहसील में ऐसा मामला सामने आया है, जहां तहसीलदार भगवतशरण त्यागी के फर्जी हस्ताक्षर का प्रयोग कर अवैध तरीके से भूखण्डों का बेचान किया गया है. हाल ही में कुछ दिनों पूर्व उपखंड अधिकारी के हस्ताक्षर को स्कैन कर एक प्रोपर्टी डीलर ने करोड़ों रूपए की काली कमाई की थी. उसी आरोपी प्रोपर्टी डीलर पूर्ण चंद यादव का नाम इस मामले से जुड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.

SDM और तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से भूखण्डों का बेचान

दरअसल अलवर जिले के बानसूर तहसील में कुछ दिन पहले ही ऐसा मामला सामने आया था. जहां एक प्रोपर्टी डीलर ने उपखंड अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर की मदद से भूखण्डों का बेचान कर करोड़ों रूपए की काली कमाई की थी लेकिन इस मामले को कुछ दिन ही बीते थे कि फिर एक ऐसा मामला सामने आया है जहां तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर की मदद से दस्तावेज तैयार कर भूखण्डों का बेचान हुआ है.

उपखंड अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जांच में आरोपी पूर्ण चंद यादव का नाम आने के बाद, अभी तक 12 दिन से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि यदि जल्द से जल्द कार्रवाई होती है तो इससे भूखण्डों को खरीदने वाले लोगों को राहत मिल पाएगी.

अलवर. जिले की बानसूर तहसील में ऐसा मामला सामने आया है, जहां तहसीलदार भगवतशरण त्यागी के फर्जी हस्ताक्षर का प्रयोग कर अवैध तरीके से भूखण्डों का बेचान किया गया है. हाल ही में कुछ दिनों पूर्व उपखंड अधिकारी के हस्ताक्षर को स्कैन कर एक प्रोपर्टी डीलर ने करोड़ों रूपए की काली कमाई की थी. उसी आरोपी प्रोपर्टी डीलर पूर्ण चंद यादव का नाम इस मामले से जुड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.

SDM और तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से भूखण्डों का बेचान

दरअसल अलवर जिले के बानसूर तहसील में कुछ दिन पहले ही ऐसा मामला सामने आया था. जहां एक प्रोपर्टी डीलर ने उपखंड अधिकारी के फर्जी हस्ताक्षर की मदद से भूखण्डों का बेचान कर करोड़ों रूपए की काली कमाई की थी लेकिन इस मामले को कुछ दिन ही बीते थे कि फिर एक ऐसा मामला सामने आया है जहां तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर की मदद से दस्तावेज तैयार कर भूखण्डों का बेचान हुआ है.

उपखंड अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जांच में आरोपी पूर्ण चंद यादव का नाम आने के बाद, अभी तक 12 दिन से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि यदि जल्द से जल्द कार्रवाई होती है तो इससे भूखण्डों को खरीदने वाले लोगों को राहत मिल पाएगी.

Intro:बानसूर ,(अलवर )उपखंड कार्यालय में एक प्रॉपर्टी डीलर द्वारा उपखंड अधिकारी के हस्ताक्षर को स्कैन कर प्रोपर्टी डीलर ने कमाए करोड़ों रुपए ।कुछ दिन पूर्व उपखंड कार्यालय में ऐसा पहला मामला सामने आया उपखंड अधिकारी राकेश मीणा ने भूमि रूपांतरण पर स्कैन किए हुए हस्ताक्षरो का फर्जी तरीके से धोखाधड़ी की प्रोपर्टी डीलर पूर्ण चंद यादव पुत्र पहलाद राम यादव जाति अहीर निवासी बुराला की ढाणी तहसील बानसूर ने आज फिर तहसील कार्यालय में ऐसा ही एक मामला सामने आया पूर्व तहसीलदार जारी किया गया फर्जी आदेश के संबंध में हाल ही तहसीलदार सत्यनारायण छिपा एवं संबंधित बाबू महेश कुमार गुर्जर के रिकॉर्ड जांच की गई जिसमें संबधित बाबू के बयान भी लिए गए। जिसमें संबंधित बाबू द्वारा अवगत कराया कि खसरा नंबर से संबंधित भूमि रूपांतरण की पत्रावली 28-10-2018 से राजस्व शाखा में लंबित है जिसके उप नगर नियोजक अलवर में अनापत्ति प्राप्त नहीं हुई है ।उक्त पत्रावली में पूर्ण चंद द्वारा फर्जी स्कैन हस्ताक्षरो का फायदा उठाकर प्रॉपर्टी मे करोड़ रुपए कमाए। प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीएम राकेश कुमार मीणा ने बताया की पूर्ण चंद के खिलाफ धोखाधड़ी फर्जी हस्ताक्षर मामले में पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया गया लेकिन उपखंड अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करती बानसूर पुलिस अब तक मुलजिम को नहीं कर पाई गिरफ्तार। उपखंड अधिकारी के बार -बार कहने पर पुलिस का ढीला रवैया आया सामने । उपखंड अधिकारी ने पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर की । इसी व्यक्ति द्वारा दो फर्जी हस्ताक्षरो के मामले सामने आए हैं और भी हो सकते हैं ऐसे मामले गिरफ्तारी के बाद पता चल सकेगा। कितने ही फर्जी तरीके से जमीनों की खरीद-फरोख्त की होगी

बाइट राकेश मीणा बानसूर उपखंड अधिकारीBody:बानसूर (अलवर) उपखंड कार्यालय में एक प्रॉपर्टी डीलर द्वारा उपखंड अधिकारी के हस्ताक्षरो को फर्जी तरीके से स्कैन कर प्रोपर्टी डीलर ने कमाए करोड़ों रुपए ।कुछ दिन पूर्व उपखंड कार्यालय में ऐसा पहला मामला सामने आया। उपखंड अधिकारी राकेश मीणा ने भूमि रूपांतरण पर स्कैन किए हुए हस्ताक्षरो का फर्जी तरीके से धोखाधड़ी की। प्रोपर्टी डीलर पूर्ण चंद यादव पुत्र पहलाद राम यादव जाति अहीर निवासी बुराला की ढाणी तहसील बानसूर ने आज फिर इसी के द्वारा तहसील कार्यालय में ऐसा ही एक मामला और सामने आया ।पूर्व तहसीलदार भगवत शरण त्यागी के हस्ताक्षर करके भूमि रूपांतरण आदेश जारी किया गया । फर्जी आदेश के संबंध में हाल ही तहसीलदार सत्यनारायण छिपा एवं संबंधित बाबू महेश कुमार गुर्जर के रिकॉर्ड जांच की गई ।जिसमें संबधित बाबू के बयान भी लिए गए। जिसमें संबंधित बाबू द्वारा अवगत कराया कि खसरा नंबर से संबंधित भूमि रूपांतरण की पत्रावली 08-10-2018 से राजस्व शाखा में लंबित है । जिसके उप नगर नियोजक अलवर में अनापत्ति प्राप्त नहीं हुई है ।उक्त पत्रावली में पूर्ण चंद द्वारा फर्जी स्कैन हस्ताक्षरो का फायदा उठाकर प्रॉपर्टी मे करोड़ रुपए कमाए। फर्जी तरीके से जमीन बेचकर खरीददार को भी नुकसान पहुंचाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार एसडीएम राकेश कुमार मीणा ने बताया की पूर्ण चंद के खिलाफ धोखाधड़ी फर्जी हस्ताक्षर मामले में पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया गया लेकिन उपखंड अधिकारी के आदेशों की अवहेलना करती बानसूर पुलिस अब तक मुलजिम को नहीं कर पाई गिरफ्तार। उपखंड अधिकारी के बार -बार कहने पर पुलिस का ढीला रवैया आया सामने । उपखंड अधिकारी ने पुलिस के प्रति नाराजगी जाहिर की । इसी व्यक्ति द्वारा दो फर्जी हस्ताक्षरो के मामले सामने आए हैं और भी हो सकते हैं ऐसे मामले गिरफ्तारी के बाद पता चल सकेगा। कितने ही फर्जी तरीके से जमीनों की खरीद-फरोख्त की होगी

बाइट राकेश मीणा उपखंड अधिकारी बानसूरConclusion:
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