नई दिल्ली: नवनिर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट में कई भारतीय मूल के सांसद शामिल होंगे. इसे भारत के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है. इनमें से कुछ ने न केवल अपनी राजनीतिक साख के लिए बल्कि अपनी धार्मिक मान्यताओं पर अपने मुखर रुख के लिए भी बहस छेड़ दी है.
ट्रंप की कैबिनेट में हाल ही में गुजरात से ताल्लुक रखने वाले 44 वर्षीय काश पटेल को भी शामिल किया गया है. पटेल के साथ-साथ तुलसी गबार्ड और विवेक रामास्वामी जैसी हस्तियों ने भी अपनी हिंदू रूट्स को लेकर सभी का ध्यान आकर्षित किया है.
ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक चुनाव
तुलसी गबार्ड का भारत से कोई सीधा संबंध नहीं है, लेकिन हिंदू धर्म से उनका गहरा जुड़ाव, विशेष रूप से हरे कृष्ण दर्शन की शिक्षाएं, उनकी पहचान का एक परिभाषित हिस्सा रही हैं. वह हमेशा अपने विश्वास के बारे में खुलकर बात करती रही हैं, अक्सर उन्हें भजन और प्रार्थना करते हुए देखा जाता है.
इराक में अपनी तैनाती के दौरान वह अपने साथ भगवद गीता लेकर गई थीं और 2016 में उन्होंने पवित्र ग्रंथ पर हाथ रखकर पद की शपथ ली थी. कांग्रेस सदस्य के रूप में गबार्ड ने मजबूत अमेरिकी-भारत संबंधों की वकालत करना अपनी प्राथमिकता बना ली, उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के संयुक्त राष्ट्र में आह्वान का समर्थन करने और कांग्रेस में भारत के हितों के लिए एक मजबूत आवाज बनने की कसम खाई.
ट्रंप ने विवेक रामास्वामी को चुना
स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क के साथ ट्रंप ने अपने नए सरकारी दक्षता विभाग का नेतृत्व करने के लिए वफादार और पूर्व राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी को चुना. जब उनसे उनकी धार्मिक मान्यताओं के बारे में पूछा गया, तो रामास्वामी ने गर्व से कहा, "मैं हिंदू हूं, और मुझे इस पर गर्व है.मेरा माननाहै कि मेरा विश्वास धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए मेरी प्रतिबद्धता को मजबूत करेगा."
रामास्वामी अपनी हिंदू सांस्कृतिक रूट्स से पहचान रखते हैं, वे अक्सर स्पेसिफिक धार्मिक सिद्धांतों के बजाय व्यापक, यूनिवर्सल वैल्यू पर जोर देते हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यदि उन्हें किसी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए नियुक्त किया जाता है, तो उनका विश्वास कानून के प्रति उनके पालन को प्रभावित नहीं करेगा.
ट्रंप ने काश पटेल को FBI निदेशक के लिए नामित किया
वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने क्रिस्टोफर रे की जगह काश पटेल को एफबीआई निदेशक के रूप में नामित करके विवाद खड़ा कर दिया. ट्रंप और 'ड्रेन द स्वैम्प' के एजेंडे के अपने मजबूत समर्थन के लिए जाने जाने वाले पटेल अयोध्या में राम मंदिर को लेकर भी मुखर रहे हैं.
उन्होंने मंदिर की सदियों पुरानी जड़ों की उपेक्षा करते हुए हाल की घटनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेरिकी मीडिया की आलोचना की। फरवरी में उन्होंने कहा, "चाहे आप हिंदू हों या मुसलमान, 1500 में हिंदू देवताओं में से एक के लिए वहां एक हिंदू मंदिर था, जिसे गिरा दिया गया था और वे इसे वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं. वाशिंगटन के प्रतिष्ठान सुविधाजनक रूप से इतिहास के इस हिस्से को भूल गए."
इनके अलावा ट्रंप ने भारतीय मूल के डॉ. जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के निदेशक के रूप में भी नामित किया है. हालांकि भट्टाचार्य का कोलकाता से संबंध है, लेकिन उन्होंने अपनी आस्था के बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया है. ट्रंप के व्हाइट हाउस में भारतीय-अमेरिकी हिंदू उषा चिलुकरी वेंस भी होंगी, जो आने वाले उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की दूसरी पत्नी होंगी.