अलवर. पूर्व मंत्री व बानसूर के पूर्व विधायक डॉ रोहिताश्व शर्मा ने कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि कांग्रेस सरकार के राज में नेता-अफसर सब मिलकर जमीनों को खुर्द बुर्द करने में लगे हैं. हर तरफ घोटाले हो रहे हैं. अकेले बानसूर विधानसभा क्षेत्र में करीब 250 करोड़ रुपए से अधिक के जमीन घोटाले हुए हैं.
अलवर के सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता करते हुए पूर्व मंत्री रोहिताश्व शर्मा ने सरकार व प्रशासन पर सीधे सीधे आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि बानसूर में मौजूदा कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत भू-माफिया का साथ देने में लगी है. नारायणपुर में गैर मुमकिन नदी पर पट्टे काट दिए. अब वहीं जमीन भूमाफिया खरीदने लग गया. उन पर एक्शन होने लगा तो मंत्री ने बचाव कर दिया. तभी तो नारायणपुर की जनता में गुस्सा है. कैसे गैर मुमकिन नदी की जमीन को गैर मुमकिन आबादी बना दिया. फिर 2004 में पट्टा दे दिया. अब 2023 में जमीन का बेचना शुरू हुआ तो उस पर दुकानें बनाई जाने लगी. इसके बाद इस नदी की जमीन का मामला सामने आ गया.
जबकि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि नदी-नालों के बहाव क्षेत्र की जमीन पर किसी तरह का निर्माण नहीं हो सकता है. यहां तो नदी की जमीन पर पट्टा काट दिया और फिर बेच दिया. कलेक्टर चाहे तो तुरंत एक्शन हो सकता है. लेकिन उनके पास जनता की सुनने को समय नहीं है. पूर्व मंत्री ने कहा कि उन्होंने कलेक्टर को कई बार फोन किए लेकिन जवाब नहीं दिया. आखिर में मुख्य सचिव को फोन करना पड़ा. उसके बावजूद कोई एक्शन नहीं लिया गया. पूर्व मंत्री ने कहा कि हरसौरा में देवस्थान की जमीन का बड़ा घोटाला हुआ है. इससे पहले भी नारायणपुर में जमीन पर बड़ा मामला सामने आया था.प्रधानमंत्री की जल जीवन मिशन योजना में करीब 500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है. ऐसे अनेक मामले उनके पास हैं. जिनके बारे में कलेक्टर चाहें तो मैं पूरा खुलासा कर सकता हूं. अब नारायणपुर में गैर-मुमकिन नदी के छोटे से हिस्से को गैर मुमकिन आबादी दिखा उस पर पट्टा देने का मामला सामने आया है.
उन्होंने कहा कि साल 1975 से पहले यही जमीन गैर मुमकिन नदी की है. लेकिन इसके बाद इस जमीन को आबादी में दिखा दिया. 2004 में पट्टा दे दिया गया. अब उसको बेचने वाले हैं. जिस पर दुकानें बनाकर करीब 2 से 3 करोड़ में बेचने की तैयारी है. पहले शकुंतला देवी के नाम से पट्टा जारी किया था. अब उसी जमीन को विक्रम गुर्जर को बेच दिया गया. प्रशासन व सरकार चुप रहा तो कोर्ट इस प्रकरण पर संज्ञान जरूर लेगा. जनता भी सरकार से न्याय मांग रही है. कहा कि कलेक्टर व एसीपी चाहे तो ये सामने ला सकती है, मैं दावा कर रहा हूं. चाहे तो प्रशासन मुझसे संपर्क कर ले. लेकिन मौजूदा सरकार में प्रशासन भी चुप है.