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देश के अलग-अलग हिस्सों से अलवर पहुंचे रहे किसान, कृषि कानूनों को हटाने की मांग

नए कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और एमएसपी लागू करने की बात कह रहे हैं. 2 महीने से अधिक समय से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर धरना दे रहे हैं. फिर चाहे शाहजहांपुर बॉर्डर हो या सिंघु या गाजीपुर बॉर्डर हो, सभी जगह पर हजारों की संख्या में किसान शांति से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. अलवर के शाहजहांपुर स्थित राजस्थान-हरियाणा सीमा पर किसानों के समर्थन करने के लिए 2536 किलोमीटर दूर केरला से किसान अलवर पहुंचे. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से से बड़ी संख्या में किसान अलवर पहुच रहे हैं.

Demand for removal of agricultural laws, राजस्थान-हरियाणा बॉर्डर
2536 किलोमीटर दूर केरला से किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंचे किसान
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Published : Feb 4, 2021, 11:04 AM IST

अलवर. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध लगातार जारी है. राजस्थान, हरियाणा सीमा पर बड़ी संख्या में किसान अपना विरोध जता रहे हैं. 2536 किलोमीटर दूर केरला के किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अलवर पहुचे हैं. किसानों के समर्थन में लगातार बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, उड़ीसा सहित देश के विभिन्न हिस्सों से किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अलवर आए हुए हैं. केरल से आए किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेती वो पीछे नहीं हटेंगे.

2536 किलोमीटर दूर केरला से किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंचे किसान

नए कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और एमएसपी लागू करने की बात कह रहे हैं. 2 महीने से अधिक समय से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर धरना दे रहे हैं. फिर चाहे शाहजहांपुर बॉर्डर हो या सिंघु या गाजीपुर बॉर्डर हो, सभी जगह पर हजारों की संख्या में किसान शांति से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. सरकार किसान को घेरने में लगी है तो किसान सरकार पर गम्भीर आरोप लगा रहे हैं. अलवर के शाहजहांपुर स्थित राजस्थान-हरियाणा सीमा पर किसानों के समर्थन करने के लिए 2536 किलोमीटर दूर केरला से किसान अलवर पहुंचे. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से से बड़ी संख्या में किसान अलवर पहुच रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः हरियाणा: जींद किसान महापंचायत में बोले टिकैत- गद्दी वापसी की बात हुई तो क्या करोगे

ईटीवी भारत से बातचीत में केरला से आए किसानों ने कहा कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा. सरकार के नए कृषि कानून से किसान को खासा नुकसान होगा और नए कानून का पूरा फायदा पूंजीपतियों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि लगातार पहले दिन से वो किसानों के साथ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. अलग-अलग ग्रुप में उनके लोग अलवर सहित अन्य स्थानों पर पहुंच रहे हैं. साथ ही किसानों के रहने के लिए भी इंतजाम किए गए हैं. रात भर टेंट में रहकर किसानों को रात गुजारनी पड़ती है.

किसानों ने कहा कि सरकार को उनके तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. विभिन्न राज्यों के लोग धरने के दौरान अपनी संस्कृति से जुड़े हुए वाद्य यंत्र बजाते हैं. अपनी मातृभाषा में गाने गाते हैं और लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हैं.

अलवर. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का विरोध लगातार जारी है. राजस्थान, हरियाणा सीमा पर बड़ी संख्या में किसान अपना विरोध जता रहे हैं. 2536 किलोमीटर दूर केरला के किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अलवर पहुचे हैं. किसानों के समर्थन में लगातार बड़ी संख्या में पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, उड़ीसा सहित देश के विभिन्न हिस्सों से किसान अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अलवर आए हुए हैं. केरल से आए किसानों ने कहा कि जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेती वो पीछे नहीं हटेंगे.

2536 किलोमीटर दूर केरला से किसान आंदोलन में शामिल होने पहुंचे किसान

नए कृषि कानूनों का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं और एमएसपी लागू करने की बात कह रहे हैं. 2 महीने से अधिक समय से किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर धरना दे रहे हैं. फिर चाहे शाहजहांपुर बॉर्डर हो या सिंघु या गाजीपुर बॉर्डर हो, सभी जगह पर हजारों की संख्या में किसान शांति से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. सरकार किसान को घेरने में लगी है तो किसान सरकार पर गम्भीर आरोप लगा रहे हैं. अलवर के शाहजहांपुर स्थित राजस्थान-हरियाणा सीमा पर किसानों के समर्थन करने के लिए 2536 किलोमीटर दूर केरला से किसान अलवर पहुंचे. इसके अलावा पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित देश के विभिन्न हिस्से से बड़ी संख्या में किसान अलवर पहुच रहे हैं.

यह भी पढ़ेंः हरियाणा: जींद किसान महापंचायत में बोले टिकैत- गद्दी वापसी की बात हुई तो क्या करोगे

ईटीवी भारत से बातचीत में केरला से आए किसानों ने कहा कि सरकार को अपना फैसला वापस लेना होगा. सरकार के नए कृषि कानून से किसान को खासा नुकसान होगा और नए कानून का पूरा फायदा पूंजीपतियों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि लगातार पहले दिन से वो किसानों के साथ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. अलग-अलग ग्रुप में उनके लोग अलवर सहित अन्य स्थानों पर पहुंच रहे हैं. साथ ही किसानों के रहने के लिए भी इंतजाम किए गए हैं. रात भर टेंट में रहकर किसानों को रात गुजारनी पड़ती है.

किसानों ने कहा कि सरकार को उनके तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए. विभिन्न राज्यों के लोग धरने के दौरान अपनी संस्कृति से जुड़े हुए वाद्य यंत्र बजाते हैं. अपनी मातृभाषा में गाने गाते हैं और लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए लगातार केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हैं.

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