अलवर. जिले के थानागाजी में बुधवार को एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में अचानक धमाके के बाद आग लग गई. इसकी चपेट में आने से दो बाल मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए. जिन्हें इलाज के लिए अलवर के अस्पताल में रेफर किया गया है. साथ ही आग की चपेट में वहां मौजूद कई बाल मजदूर झुलस गए. हालांकि, आग लगने की घटना के बाद काम कर रहे सभी लोग बाहर की तरफ भागे. इसलिए बड़ा हादसा होने से बच गया. घटना में झुलसे बच्चों और लोगों को इलाज के लिए सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
थानागाजी के थानाधिकारी रामजी लाल मीणा ने बताया कि थानागाजी कस्बे में तीन बच्चे झुलसने की जानकारी मिली. पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर तीनों घायल बच्चों को इलाज के लिए अलवर की राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया. पुलिस ने बताया कि भड़भूजा मोहल्ले के एक घर में पिछले कई दिनों से अवैध बारूद बनाने की फैक्ट्री चलाई जा रही है. फैक्ट्री में पटाखे भी बनाए जा रहे थे. फैक्ट्री मालिक गौरी भार्गव मोहल्ले और आस पास के बच्चों को रुपए का लालच देकर अवैध काम करवा रहा था. हादसे के बाद से गौरी भार्गव मौके से फरार है. बुधवार दोपहर भड़भुजा मोहल्ला निवासी आदित्य (12), धर्मेंद्र उर्फ सन्नी (8) और गौरव (13) फैक्ट्री में काम कर रहे थे.
बच्चों ने बताया कि काम करने के दौरान उनके पैर से कोई छोटा पटाखा जमीन पर घिस गया और उसकी चिंगारी बारूद के ढेर में लग गई. इसके बाद धमाकों के साथ आग की लपटें उठने लगीं. इस हादसे में झुलसे बालक सन्नी ने बताया कि हम स्कूल से आए थे. पड़ोस में ही पटाखे बनाने की फैक्ट्री थी और हमें फैक्ट्री वाला बुलाकर ले गया. बच्चे ने बताया कि वह रोज यहां जाते हैं. मालिक काम करने के 50 रुपए देता है.
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पुलिस ने बताया कि हादसे के बाद से गौरी भार्गव फरार है. आदित्य और गौरव 40 से 50 प्रतिशत और धर्मेंद्र 10 प्रतिशत झुलस गया है. इस हादसे में उसके हाथ पैर और मुंह जल गए है. थानाधिकारी रामजी लाल मीणा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया कि फैक्ट्री मालिक गौरी भार्गव इसी इलाके का रहने वाला है. वह फैक्ट्री में ताला लगाकर फरार है. उसकी तलाश की जा रही है. प्रशासन की स्वीकृति के बाद फैक्ट्री का ताला तोड़कर देखा जाएगा. प्रशासन की तरफ से फैक्टरी संचालक को किसी भी तरह की एनओसी नहीं दी गई है. इस हादसे में झुलसे आदित्य की नानी कृपा देवी ने बताया कि वो काम करके दोपहर में आई थी. जब बच्चे घर पर आ गए थे, तो उनको घर पर छोड़कर गई थी. उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि उनके बच्चे फैक्ट्री में काम करते हैं. उनके पास थानागाजी अस्पताल से फोन आया कि आदित्य झुलस गया है. जब वो अस्पताल पहुंची, तो पता चला कि नवासा भी झुलस गया है.