रामगढ़ (अलवर). पंचायत समिति सभागार में बुधवार को ऑनलाइन पंचायत कार्यप्रणाली पर प्रशिक्षण शिविर हुआ. यह शिविर पंचायत समिति क्षेत्र के नवनिर्वाचित सरपंचों के लिए आयोजित किया गया. इस शिविर में पंचायत समिति में सूचना और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोग्रामर अंकुश शर्मा ने ग्राम पंचायतों में सरकार द्वारा ई पंचायत सॉफ्टवेयर प्रणाली प्रारंभ होने की जानकारी दी.
प्रशिक्षण के प्रथम चरण में सरपंचों को बताया गया कि पंचायतों में अब मस्टरोल से लेकर भुगतान और टेंडर सहित सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी. आने वाले समय में चेक से भुगतान नहीं किया जाकर ऑनलाइन भुगतान किया जा सकेगा. प्रशिक्षण सत्र के बीच चिड़ावा सरपंच जुबेर खान सहित सभी सरपंचों द्वारा ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया का पुरजोर विरोध किया गया.
सरपंचों का कहना था कि ग्राम पंचायतों से यह अधिकार छीनकर ऑनलाइन प्रक्रिया अपनाकर अधिकारियों द्वारा मनमानी की जाएगी. जिससे सरपंच किसी भी कीमत पर बर्दास्त नहीं करेंगे. पूर्व में भी इस प्रक्रिया को अपनाते हुए अपने चहेतों को निविदाएं देकर लाभान्वित किए जाने के मामले सामने आए हैं. जबकि यह ग्राम पंचायतों का अधिकार है कि वह अपने स्तर पर निविदाएं प्रकाशित करवाएं.
वहीं प्रशिक्षण के दौरान उस समय अजीब स्थिति उत्पन्न हो गई. जब खेड़ी सरपंच राकेश चौधरी ने सरकार की ऑनलाइन ग्राम पंचायत की कार्यप्रणाली को ही कठघरे में खड़ा कर दिया. खेड़ी सरपंच ने कहा कि एक तरफ हमारी सरकार ने पहले के फैसले को पलटते हुए निरक्षर को सरपंच का चुनाव लड़ने का अधिकार दे दिया. अब वहीं दूसरी तरफ निरक्षर जनप्रतिनिधियों को कंप्यूटर से काम करने की शिक्षा दी जा रही है. राकेश चौधरी ने सवाल खड़ा किया कि निरक्षर और कम पढ़े-लिखे सरपंच कैसे ऑनलाइन प्रक्रिया को समझेंगे.
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इस दौरान मुबारिकपुर सरपंच भूपेंद्र सिंह, रामकोर, जीत सिंह, तरा देवी, डिल्लु खान, रामा देवी पिंकी, रामखिलाड़ी, ल्लूराम, रजाक खान, फसरी,राकेश चौधरी, जुबेर खान सहित सभी ग्राम पंचायत सरपंच मौजूद रहे.