अलवर. सरिस्का बाघ परियोजना के जंगल क्षेत्र में बसे गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है. इन गांवों को तेजी से विस्थापित करने व ग्रामीणों के लिए जगह निर्धारित करने के लिए संभागीय आयुक्त ने सभी अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि ग्रामीणों को किसी भी तरह की दिक्कत ना हो व जल्द से जल्द यह काम पूरा किया जाए.
इस दिशा में सभी सरकारी विभागों को मिलकर काम करना है, क्योंकि सारिस्का क्षेत्र में लगातार ग्रामीणों का दखल बढ़ रहा है और ऐसे में वन्यजीवों को खतरा रहता है. बता दें कि सारिस्का क्षेत्र में 29 गांव बसे हुए थे, इनमें से 3 गांव पहले विस्थापित हो चुके हैं और 6 गांव अभी विस्थापित होने हैं. जिसकी प्रक्रिया लगातार चल रही है. हाल ही में पानीढाल गांव के 24 परिवारों को तिजारा क्षेत्र में शिफ्ट किया गया है.
इसके अलावा अन्य गांवों के ग्रामीणों को भी विस्थापित किया जाना है. इसके लिए लगातार सरिस्का प्रशासन ग्रामीणों से वार्ता कर रहा है तो वहीं ग्रामीणों को सभी सुविधाएं उपलब्ध हो. इसके लिए प्रशासन की तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. जयपुर संभाग के संभागीय आयुक्त सोमनाथ मिश्रा ने अधिकारियों की अलवर में एक बैठक ली. बैठक में सारिस्का विस्थापन प्रक्रिया से जुड़े हुए सभी सरकारी विभाग के अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान संभागीय आयुक्त ने सरिस्का में बसे गांवों को विस्थापित करने के लिए 3 हजार हेक्टेयर भूमि का भौतिक सत्यापन व रिकॉर्ड में उपयोगिता के लिए सर्वे करके 7 दिन में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
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इसके अलावा जिस क्षेत्र में इन ग्रामीणों को विस्थापित किया जाएगा. उस क्षेत्र में बिजली पानी सड़क सहित अन्य सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है. संभागीय आयुक्त ने सभी विधानसभा क्षेत्रों के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में ग्रामीणों के लिए जगह चिन्हित करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि लगातार ग्रामीणों को विस्थापित किया जाएगा, इसलिए पर्याप्त जगह सरकारी योजना के हिसाब से सभी ग्रामीणों को दी जाएगी.
सरिस्का क्षेत्र में बड़ी संख्या में ग्रामीण रहते हैं जिनको सभी सरकारी सुविधाएं मिले हैं. उसके लिए जिला कलेक्टर ने सभी सरकारी विभागों के अधिकारियों को जल्द से जल्द जरूरी कदम उठाने पर सरकार की सभी योजनाओं का सरिस्का के ग्रामीणों को फायदा पहुंचाने के लिए कहा है. साथ ही सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि गांव के विस्थापित होने के बाद सरिस्का क्षेत्र में वन्यजीवों का विचरण बढ़ेगा और साथ ही जंगली जानवरों का कुनबा भी बढ़ेगा.