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अलवर : पर्यावरण के बिगड़ते हालात पर चिंतन के लिए 3 दिवसीय कॉन्फ्रेंस, समाधान पर भी होगा विचार - ashok gahlot

अलवर के तिजारा के पास निमली के एक इंस्टीट्यूट में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई है. इसमें मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया.

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अलवर में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस
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Published : Feb 10, 2020, 8:08 AM IST

अलवर. देश में पर्यावरण के बिगड़ते हालात को देखते हुए अलवर में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. उसके बाद उन्होने पर्यावरण की एक रिपोर्ट का विमोचन भी किया.

अलवर में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस

कार्यक्रम आयोजक और सेंटर ऑफ साइंस एंड एनवायरमेंट की डीजी सुनीता नारायण ने कहा, कि पर्यावरण देश के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. भारत विकासशील देश है और यहां के बिगड़ते हालात को संभालना जरूरी है. आज हम वातावरण में सांस नहीं ले पा रहे हैं. जब बारिश होती है तो बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं या पूरे देश में साल भर सूखे की स्थिति बनी रहती है. लगातार पानी का स्तर नीचे जा रहा है. शहरों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं.

पढ़ें. कोटा: यातायात नियमों का पालन करने के लिए पुलिस ने गांधीवादी तरीके से की समझाइश

ऐसे में कुछ औद्योगिक इकाइयों को बंद करने और दिल्ली में वाहनों पर रोक लगने से पर्यावरण में सुधार नहीं होगा. उसके लिए देश के सभी लोगों को मिलकर सोच-विचार करना होगा. हर व्यक्ति को पानी बचाना होगा और अपने पर्यावरण को अशुद्ध होने से रोकना होगा. उन्होंने कहा, कि निमली में शुरू हुई कांफ्रेंस में देश भर से 70 पत्रकार हिस्सा ले रहे हैं. 3 दिनों तक कचरा निस्तारण, सोलर एनर्जी, पानी, नदी, तालाब और पर्यावरण सहित इससे जुड़े हुए सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

अलवर. देश में पर्यावरण के बिगड़ते हालात को देखते हुए अलवर में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई है. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. उसके बाद उन्होने पर्यावरण की एक रिपोर्ट का विमोचन भी किया.

अलवर में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस

कार्यक्रम आयोजक और सेंटर ऑफ साइंस एंड एनवायरमेंट की डीजी सुनीता नारायण ने कहा, कि पर्यावरण देश के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. भारत विकासशील देश है और यहां के बिगड़ते हालात को संभालना जरूरी है. आज हम वातावरण में सांस नहीं ले पा रहे हैं. जब बारिश होती है तो बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं या पूरे देश में साल भर सूखे की स्थिति बनी रहती है. लगातार पानी का स्तर नीचे जा रहा है. शहरों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं.

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ऐसे में कुछ औद्योगिक इकाइयों को बंद करने और दिल्ली में वाहनों पर रोक लगने से पर्यावरण में सुधार नहीं होगा. उसके लिए देश के सभी लोगों को मिलकर सोच-विचार करना होगा. हर व्यक्ति को पानी बचाना होगा और अपने पर्यावरण को अशुद्ध होने से रोकना होगा. उन्होंने कहा, कि निमली में शुरू हुई कांफ्रेंस में देश भर से 70 पत्रकार हिस्सा ले रहे हैं. 3 दिनों तक कचरा निस्तारण, सोलर एनर्जी, पानी, नदी, तालाब और पर्यावरण सहित इससे जुड़े हुए सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

Intro:अलवर
देश में पर्यावरण के बिगड़ते हालात को देखते हुए अलवर के तिजारा के पास निमली स्थित एक इंस्टिट्यूट में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। इसमें सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की डीजी सुनीता नारायण ने कहा कि पर्यावरण देश के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है। भारत विकासशील देश है यहां के बिगड़ रहे हालात को संभालना आवश्यक है।


Body:अलवर में तिजारा के पास नहीं मिली में अनिल अग्रवाल एनवायरमेंटल इंस्टिट्यूट में तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस की शुरुआत रविवार को हुई। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। उसके बाद पर्यावरण की एक रिपोर्ट का विमोचन किया। कार्यक्रम आयोजक व सेंटर ऑफ साइंस एंड एनवायरमेंट की डीजी सुनीता नारायण ने कहा कि देश के जो हालात हैं। उनमें हमें चिंतन करनी होगी। आज हम वातावरण में सांस नहीं ले पाते हैं। जब बारिश होती है तो बाढ़ जैसे हालात होते हैं। वैसे देश में साल भर सूखे की स्थिति बनी होती है। लगातार पानी का स्तर नीचे जा रहा है। शहरों में कचरे के ढेर लगे हुए हैं। ऐसे में कुछ औद्योगिक इकाइयों को बंद करने व दिल्ली में वाहन पर रोक लगने पर उनकी संख्या कम करने से पर्यावरण में सुधार नहीं होगा।


Conclusion:उसके लिए देश के सभी लोगों को मिलकर सोच विचार करना होगा। प्रत्येक व्यक्ति को पानी बचाना होगा व अपने पर्यावरण को अशुद्ध होने से रोकना होगा। उन्होंने कहा कि निमली में शुरू हुई कांफ्रेंस में देश भर से 70 पत्रकार हिस्सा ले रहे हैं। 3 दिनों तक कचरा निस्तारण, सोलर एनर्जी, पानी, नदी, तालाब व पर्यावरण सहित इससे जुड़े हुए सभी मुद्दों पर चर्चा की जाएगी व देश के हालात के हिसाब से इनके समाधान भी खोजे जाएंगे। उन्होंने कहा आज जो देश के हालात है। ऐसे में हमें सावधान होने की जरूरत है।

बाइट- सुनीता नारायण, सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट की डीजी
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