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निकाय चुनाव कांग्रेस के सामने बने चुनौती...अलवर सहित प्रदेश भर में हुई हलचल तेज - Body elections congress

अलवर सहित प्रदेश भर में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है, तो वहीं निकाय चुनाव कांग्रेस के लिए चुनौती बने हुए हैं, क्योंकि इस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. अगर उसके बाद भी भाजपा निकाय चुनाव पर कब्जा करती है तो आने वाले समय में कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है.

अलवर सहित प्रदेश भर,tate including Alwar
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Published : Sep 24, 2019, 1:50 AM IST

अलवर. प्रदेश में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है. अलवर में भिवाड़ी, अलवर और थानागाजी में चुनाव होने है. इस बार चुनाव जीतना और बोर्ड बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है. इसलिए प्रदेश भर में पूरी सावधानी बरती जा रही है.इस समय कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है.

निकाय चुनाव कांग्रेस के सामने बने चुनौती

वहीं निकाय चुनाव के लिए लॉटरी निकल चुकी है. अलवर में 65, भिवाड़ी में 60 वार्डो में पार्षद चुनेंगे. अभी से चुनाव प्रचार प्रचार 4 शुरू हो चुका है, जबकि किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. राजनीतिक नियुक्तियां निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं. अलवर यूआईटी चेयरमैन, बोर्ड के अध्यक्ष कई पद हैं. जिन पर लोग लगे हुए हैं.

पढ़ें : कांग्रेस में शामिल बसपा विधायक गुढ़ा का बड़ा बयान, कहा- UP से आने वाले प्रभारी मंत्रियों ने लूट मचा रखी है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट लगाता निकाय चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं. निकाय चुनाव जीतना और सभी जगहों पर बोर्ड बनाना बड़ी चुनौती है. इस साल पहली बार सभापति के चुनाव अलग होंगे.

अलवर. प्रदेश में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है. अलवर में भिवाड़ी, अलवर और थानागाजी में चुनाव होने है. इस बार चुनाव जीतना और बोर्ड बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है. इसलिए प्रदेश भर में पूरी सावधानी बरती जा रही है.इस समय कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है.

निकाय चुनाव कांग्रेस के सामने बने चुनौती

वहीं निकाय चुनाव के लिए लॉटरी निकल चुकी है. अलवर में 65, भिवाड़ी में 60 वार्डो में पार्षद चुनेंगे. अभी से चुनाव प्रचार प्रचार 4 शुरू हो चुका है, जबकि किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. राजनीतिक नियुक्तियां निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं. अलवर यूआईटी चेयरमैन, बोर्ड के अध्यक्ष कई पद हैं. जिन पर लोग लगे हुए हैं.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट लगाता निकाय चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं. निकाय चुनाव जीतना और सभी जगहों पर बोर्ड बनाना बड़ी चुनौती है. इस साल पहली बार सभापति के चुनाव अलग होंगे.

Intro:अलवर सहित प्रदेश भर में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है। तो वही निकाय चुनाव कांग्रेस के लिए चुनौती बने हुए हैं। क्योंकि इस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है। अगर उसके बाद भी भाजपा निकाय चुनाव पर कब्जा करती है तो आने वाले समय में कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है।


Body:अलवर सहित देशभर में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है। अलवर में भिवाड़ी, अलवर व थानागाजी में चुनाव होने है। इस बार चुनाव जीतना व बोर्ड बनाना किसी चुनौती से कम नही है। इसलिए प्रदेश भर में पूरी सावधानी बरती जा रही है। इस समय कांग्रेस की प्रदेश में सरकार है।

अलवर सहित प्रदेश में निकाय चुनाव की हलचल तेज हो चुकी है। निकाय चुनाव के लिए लॉटरी निकल चुकी है। अलवर में 65, भिवाड़ी में 60 वार्डो में पार्षद चुनेंगे। अभी से चुनाव प्रचार प्रचार4 शुरू हो चुका है। जबकि किसी भी पार्टी ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। राजनीतिक नियुक्तियां निकाय चुनाव में कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं। अलवर यूआईटी चेयरमैन, बोर्ड के अध्यक्ष कई पद हैं। जिन पर लोग लगे हुए हैं।


Conclusion:कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मुख्यमंत्री व सचिन पायलट लगाता निकाय चुनाव पर नजर बनाए हुए हैं। निकाय चुनाव जीतना व सभी जगहों पर बोर्ड बनाना बड़ी चुनौती है। इस साल पहली बार सभापति के चुनाव अलग होंगे।
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