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नीमराणा में ह्रदय गति रुकने से सैनिक की मौत, राजकीय सम्मान से किया अंतिम संस्कार

नीमराणा के कुतिना गांव निवासी लेखराज सिंह सेना में नायक के पद पर तैनात थे. ह्रदय गति रुकने से अचानक उनका निधन हो गया. बुधवार को उनका पार्थिव शरीर उनके घर लाया गया. स्थनीय प्रशासन की उपस्थिति में शहीद का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया.

राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार , गार्ड ऑफ ऑनर दिया, Soldier dies due to heart failure, State funeral , Behror Alwar News
ह्रदय गति रुकने से सैनिक की मौत
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Published : May 12, 2021, 8:51 PM IST

बहरोड़ (अलवर). नीमराणा के कुतिना गांव में सेना में नायक पद पर तैनात लेखराज सिंह की ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से मौत हो गई. उनका पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर बाद गांव कुतिना स्थित उनके निवास पर लाया गया जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

पढ़ें: लॉकडाउन के दौरान पुलिस की सख्ती, राजधानी की सड़कों पर पसरा सन्नाटा

मुखाग्नि शहीद लेखराज सिंह के 18 वर्षीय बेटे मनीष सिंह ने दी. शहीद लेखराज सिंह 2003 से सेना में तैनात थे. लेखराज सिंह का ड्यूटी के दौरान शहीद होना परिवार के लिए बड़ा सदमा है.
नीमराना के गांव कुतिना निवासी शहीद लेखराज सिंह ने 2003 को सेना में नौकरी शुरू की थी. उनकी तैनाती चंडीगढ़ में थी. 10 मई को करीब 8 बजे हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. इसकी खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया. एक भाई गांव में खेती का काम संभाल रहा है. शहीद लेखराज सिंह के परिवार में पत्नी, 11 वर्षीय बेटी हिमांशी और 18 वर्षीय बेटा मनीष है. उनके पिता भी सेना से सेवानिवृत्त हैं.

सेना में तैनात नायक सूबेदार प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि अचानक तबीयत खराब होने की वजह से नायक लेखराज सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. उन्होंने कहा कि सर्विस के दौरान मौत होने पर उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया है. अंतिम संस्कार के समय सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद को अंतिम विदाई दी. इस दौरान स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद रहा. कुतिना सरपंच रविन्द्र सिंह ने बताया की इस दौरान सरकार की कोविड 19 गाइडलाइन का पालन किया गया. खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया.

बहरोड़ (अलवर). नीमराणा के कुतिना गांव में सेना में नायक पद पर तैनात लेखराज सिंह की ड्यूटी के दौरान हृदय गति रुकने से मौत हो गई. उनका पार्थिव शरीर बुधवार दोपहर बाद गांव कुतिना स्थित उनके निवास पर लाया गया जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.

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मुखाग्नि शहीद लेखराज सिंह के 18 वर्षीय बेटे मनीष सिंह ने दी. शहीद लेखराज सिंह 2003 से सेना में तैनात थे. लेखराज सिंह का ड्यूटी के दौरान शहीद होना परिवार के लिए बड़ा सदमा है.
नीमराना के गांव कुतिना निवासी शहीद लेखराज सिंह ने 2003 को सेना में नौकरी शुरू की थी. उनकी तैनाती चंडीगढ़ में थी. 10 मई को करीब 8 बजे हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. इसकी खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया. एक भाई गांव में खेती का काम संभाल रहा है. शहीद लेखराज सिंह के परिवार में पत्नी, 11 वर्षीय बेटी हिमांशी और 18 वर्षीय बेटा मनीष है. उनके पिता भी सेना से सेवानिवृत्त हैं.

सेना में तैनात नायक सूबेदार प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि अचानक तबीयत खराब होने की वजह से नायक लेखराज सिंह को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इस दौरान हृदय गति रुकने से उनका निधन हो गया. उन्होंने कहा कि सर्विस के दौरान मौत होने पर उन्हें शहीद का दर्जा दिया गया है. अंतिम संस्कार के समय सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर शहीद को अंतिम विदाई दी. इस दौरान स्थानीय प्रशासन मौके पर मौजूद रहा. कुतिना सरपंच रविन्द्र सिंह ने बताया की इस दौरान सरकार की कोविड 19 गाइडलाइन का पालन किया गया. खबर मिलते ही गांव में मातम छा गया.

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