अलवर. जिले के पांडुपोल मंदिर में हनुमान जी के दर्शन के लिए लोगों को अभी 30 सितंबर तक इंतजार करना होगा. सरकार की तरफ से लंबे समय के लॉकडाउन के बाद 7 सितंबर से देश के सभी मंदिरों को खोल दिया गया है. लेकिन जिन मंदिरों में ज्यादा भीड़ रहती है, उनको खोलने का फैसला मंदिर प्रशासन पर छोड़ा गया है. ऐसे में पांडुपोल मंदिर प्रशासन ने निर्णय लिया है कि मंदिर के पट फिलहाल 30 तारीख तक बंद रहेंगे.
जिले के सरिस्का के घने जंगल में पांडुपोल हनुमान मंदिर है. यह मंदिर देशभर में अपनी खास पहचान रखता है. अलवर के अलावा राजस्थान के सभी जिलों, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पंजाब सहित देश के विभिन्न कोने से लोग यहां दर्शन को आते हैं. प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को लोगों को सरिस्का में जाने की अनुमति मिलती है. इस दिन हजारों की संख्या में लोग हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं.
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कोरोना संक्रमण के चलते सरकार की तरफ से मंदिरों को बंद कर दिया गया था. आम लोगों के मंदिर में प्रवेश पर पूरी तरह से रोक थी. केवल पुजारी मंदिर में पूजा कर रहे थे. इस दौरान पांडुपोल मंदिर में मेला भी नहीं लग रहा था. लंबे समय के इंतजार के बाद 7 सितंबर से सरकार ने सभी मंदिरों को आम लोगों के लिए खोल दिया है. जिन मंदिरों में ज्यादा भीड़ रहती है, उनको खोलने का अंतिम फैसला मंदिर प्रशासन पर छोड़ा गया है.
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इस दौरान सरकार की तरफ से खास गाइड लाइन जारी की गई है जिसका पालन करने के निर्देश दिए गए हैं. जिन मंदिरों में भीड़ के कंट्रोल करने के इंतजाम नहीं है उन्हें अभी बंद रखा गया है. ऐसे में जिले के सरिस्का स्थित पांडुपोल हनुमान मंदिर को 30 सितंबर तक बंद रखने का फैसला लिया गया है. इसी तरह त्रिपोलिया महादेव मंदिर के पट भी 30 सितंबर तक बंद रहेंगे.
सरिस्का डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि मंदिर प्रशासन की तरफ से लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के इंतजाम किए जा रहे हैं. इसलिए मंदिर को अभी आम लोगों के लिए बंद रखा गया है. अलवर का पांडुपोल हनुमान मंदिर देश के बड़े हनुमान मंदिरों में शामिल हैं. हनुमान जी ने पांडुपोल मंदिर में पांडवों का घमंड तोड़ा था जिस वजह से इस मंदिर का विशेष महत्व है.