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बच्ची और महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए अलवर पुलिस शुरू करेगी डायलॉग

अलवर में दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए अलवर में पुलिस नया अभियान शुरू करने जा रही है. 17 अक्टूबर को अलवर के स्कूलों में बच्चों को गुड टच और बैड टच की जानकारी दी जाएगी.

अलवर न्यूज, alwar news
अलवर पुलिस की नई पहल
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Published : Oct 8, 2020, 9:27 AM IST

अलवर. जिले सहित पूरे प्रदेश में बच्चों, युवती और महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में राजस्थान पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू करने का फैसला लिया है. इस अभियान की शुरुआत अलवर से होगी. इसके लिए अलवर पुलिस ने एक योजना तैयार की है. इसकी शुरुआत स्कूली बच्चों को गुड टच व बैड टच के साथ होगी.

क्राइम रोकने के लिए अलवर पुलिस की नई पहल

हाल ही में हाथरस की घटना के बाद देश में राजनीति शुरू हो चुकी है. सभी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. वहीं लगातार युवती और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आ रही है. राजस्थान भी इस तरह की घटनाओं से शर्मसार हो रहा है. राजस्थान में सबसे ज्यादा घटानाएं अलवर से आ रही हैं. ऐसे में राजस्थान पुलिस की तरफ से प्रदेश में एक विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है. इसकी शुरुआत अलवर से होगी. इस अभियान के माध्यम से बच्चों के अभिभावक बच्चों युवतियों सहित सभी को जागरूक करने का काम किया जाएगा.

यह भी पढ़ें. जोधपुर के मकान में चल रहे देह व्यापार का भंडाफोड़, आर्मी जवान, दलाल सहित 3 महिलाएं गिरफ्तार

पुलिस अधिकारियों की माने तो इस तरह की ज्यादातर घटनाएं परिवार और रिश्तेदारी में होती है. ऐसे में लोगों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. यह घटनाएं पुलिस या सरकार के प्रयास से नहीं बल्कि लोगों के जागरूक होने से रुकेगी. दरअसल, लोगों को अपनी सोच में बदलाव करना चाहिए. बच्चों में अगर किसी भी तरह का बदलाव नजर आता है तो माता-पिताओं को इनसे बात करनी चाहिए. साथ ही बच्चों से दूरी बनाने की जगह उनसे बातचीत करें. जिससे बच्चे किसी भी तरह की परेशानी होने पर सीधे माता-पिता के संपर्क में आए.

ऐसे में अलवर पुलिस की तरफ से एक विशेष योजना तैयार की गई है. जिसकी शुरुआत 17 अक्टूबर को गुड टच और बैड टच से होगी. इसमें बच्चों को विशेष कार्यक्रम सेमिनार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सहित विभिन्न संसाधनों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा पुलिस डायलॉग के जरिए लोगों को जागरूक करेगी. पुलिस अधिकारियों की माने तो यह बदलाव 1 दिन में नहीं देखने को मिलेगा. इसमें महीनों व सालों लग सकते हैं. लेकिन अगर आज सही कदम उठाएंगे तो हमारे आने वाले बच्चे दुष्परिणाम से बच सकते हैं.

अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि लोगों की सोच में बदलाव होना आवश्यक है. इस तरह के काम किसी एक व्यक्ति के प्रयास से नहीं होते पुलिस और पुलिसिंग दो अलग-अलग कार्य व रूप हैं. पुलिस समाज में लोगों की रक्षा के लिए बनाई गई है. जबकि पुलिस सिंह प्रत्येक व्यक्ति करता है. उसका रूप अलग-अलग होता है. कुछ लोग घर में अपने बच्चों के परिवार की देखभाल करते हैं. तो वहीं कुछ ऑफिस में रहकर बेहतर काम करते हैं. इस अभियान के माध्यम से कांस्टेबल पुलिस ऑफिसर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सफाई कर्मी रिक्शा चालक सहित सभी को जोड़ा जाएगा.

यह भी पढ़ें. भरतपुर: डीग थाना प्रभारी और SI ने डकैती षड्यंत्र मामले के एक आरोपी को मिलीभगत कर छोड़ा, दोनों निलंबित

इसमें अलवर के ख्याति प्राप्त लोगों के माध्यम से लोगों तक संदेश पहुंचाएं जाएंगे. महिलाओं को कानून की जानकारी दी जाएगी. क्योंकि आज भी बहुत से मामले सूचना का कानून का ज्ञान नहीं होने के कारण पुलिस तक नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में किसी भी तरह की परेशानी दिक्कत होने पर क्या करें. उनको क्या कदम उठाने की आवश्यकता है. इस तरह से सभी जानकारियां लोगों तक पहुंचाई जाएंगी. गांव में सरपंच जनप्रतिनिधि सहित अन्य लोगों की मदद से छोटी नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. उनसे बातचीत होगी. जिससे लोग बात करें एक दूसरे से अपनी परेशानी शेयर करें.

अलवर. जिले सहित पूरे प्रदेश में बच्चों, युवती और महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में राजस्थान पुलिस ने एक विशेष अभियान शुरू करने का फैसला लिया है. इस अभियान की शुरुआत अलवर से होगी. इसके लिए अलवर पुलिस ने एक योजना तैयार की है. इसकी शुरुआत स्कूली बच्चों को गुड टच व बैड टच के साथ होगी.

क्राइम रोकने के लिए अलवर पुलिस की नई पहल

हाल ही में हाथरस की घटना के बाद देश में राजनीति शुरू हो चुकी है. सभी पार्टियां एक-दूसरे पर आरोप लगा रही हैं. वहीं लगातार युवती और महिलाओं के साथ दुष्कर्म की वारदात सामने आ रही है. राजस्थान भी इस तरह की घटनाओं से शर्मसार हो रहा है. राजस्थान में सबसे ज्यादा घटानाएं अलवर से आ रही हैं. ऐसे में राजस्थान पुलिस की तरफ से प्रदेश में एक विशेष अभियान शुरू किया जा रहा है. इसकी शुरुआत अलवर से होगी. इस अभियान के माध्यम से बच्चों के अभिभावक बच्चों युवतियों सहित सभी को जागरूक करने का काम किया जाएगा.

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पुलिस अधिकारियों की माने तो इस तरह की ज्यादातर घटनाएं परिवार और रिश्तेदारी में होती है. ऐसे में लोगों को खास सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. यह घटनाएं पुलिस या सरकार के प्रयास से नहीं बल्कि लोगों के जागरूक होने से रुकेगी. दरअसल, लोगों को अपनी सोच में बदलाव करना चाहिए. बच्चों में अगर किसी भी तरह का बदलाव नजर आता है तो माता-पिताओं को इनसे बात करनी चाहिए. साथ ही बच्चों से दूरी बनाने की जगह उनसे बातचीत करें. जिससे बच्चे किसी भी तरह की परेशानी होने पर सीधे माता-पिता के संपर्क में आए.

ऐसे में अलवर पुलिस की तरफ से एक विशेष योजना तैयार की गई है. जिसकी शुरुआत 17 अक्टूबर को गुड टच और बैड टच से होगी. इसमें बच्चों को विशेष कार्यक्रम सेमिनार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सहित विभिन्न संसाधनों के माध्यम से जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा पुलिस डायलॉग के जरिए लोगों को जागरूक करेगी. पुलिस अधिकारियों की माने तो यह बदलाव 1 दिन में नहीं देखने को मिलेगा. इसमें महीनों व सालों लग सकते हैं. लेकिन अगर आज सही कदम उठाएंगे तो हमारे आने वाले बच्चे दुष्परिणाम से बच सकते हैं.

अलवर पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा कि लोगों की सोच में बदलाव होना आवश्यक है. इस तरह के काम किसी एक व्यक्ति के प्रयास से नहीं होते पुलिस और पुलिसिंग दो अलग-अलग कार्य व रूप हैं. पुलिस समाज में लोगों की रक्षा के लिए बनाई गई है. जबकि पुलिस सिंह प्रत्येक व्यक्ति करता है. उसका रूप अलग-अलग होता है. कुछ लोग घर में अपने बच्चों के परिवार की देखभाल करते हैं. तो वहीं कुछ ऑफिस में रहकर बेहतर काम करते हैं. इस अभियान के माध्यम से कांस्टेबल पुलिस ऑफिसर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सफाई कर्मी रिक्शा चालक सहित सभी को जोड़ा जाएगा.

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इसमें अलवर के ख्याति प्राप्त लोगों के माध्यम से लोगों तक संदेश पहुंचाएं जाएंगे. महिलाओं को कानून की जानकारी दी जाएगी. क्योंकि आज भी बहुत से मामले सूचना का कानून का ज्ञान नहीं होने के कारण पुलिस तक नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में किसी भी तरह की परेशानी दिक्कत होने पर क्या करें. उनको क्या कदम उठाने की आवश्यकता है. इस तरह से सभी जानकारियां लोगों तक पहुंचाई जाएंगी. गांव में सरपंच जनप्रतिनिधि सहित अन्य लोगों की मदद से छोटी नुक्कड़ सभा के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जाएगा. उनसे बातचीत होगी. जिससे लोग बात करें एक दूसरे से अपनी परेशानी शेयर करें.

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