अलवर. जिला प्रशासन की ओर से कोरोना का इलाज कराने के लिए निजी अस्पतालों के लिए इलाज की दरें निर्धारित की गई है. जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने चेतावनी दी है कि जो भी इन दरों से अधिक राशि वसूलेगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में राज्य सरकार ने भी कमर कस ली है.
अलवर जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से निजी अस्पतालों की दरें निर्धारित की गई है, उनके पैकेज निर्धारित किए गए हैं. किस इलाज का कितना पैकेज होगा, इसके लिए एक सूची जारी की गई है. कुछ अस्पताल पैकेज को स्वीकार नहीं कर रहे हैं और गरीबों का शोषण कर रहे हैं. मनमानी राशि वसूल कर रहे हैं. राजकीय राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय में बेड क्षमता पूरी हो चुकी है. प्राइवेट अस्पताल अभी बेड की गलत जानकारी दे रहे हैं. हाल ही में दो अस्पतालों ने जिस तरीके का रवैया अपनाया, वह पूरे गैर जिम्मेदाराना रवैया था. दो अस्पतालों ने जिला प्रशासन की ओर से ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराने के बोर्ड लगाकर बात लिखी थी, जो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि सभी अस्पतालों को जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन गैस उपलब्ध कराई जा रही है. अलवर में 24 अस्पताल कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं और सभी को ऑक्सीजन मिल रही है. इन दोनों अस्पतालों ने भय का माहौल पैदा किया. जिससे मरीजों से अधिक राशि वसूल की जा सके.
डॉक्टरों को मरीज के मनोबल बढ़ाने के निर्देश
जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया का कहना है कि आपदा के इस दौर में मरीजों को घबराहट पैदा करने के लिए ऐसा माहौल बनाया गया है और इसमें मरीजों की मौत भी हो सकती है. राज्य सरकार और WHO ने गाइडलाइन जारी की है कि अस्पतालों में मनोरंजन और म्यूजिक सिस्टम लगाया जाए. जिससे मरीजों का मनोरंजन हो और मनोबल बढ़े और डॉक्टरों की जिम्मेदारी है कि मरीजों का मनोबल बढ़ाया जाए ना कि उनका मनोबल गिराया जाए.
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वहीं कुछ अस्पताल अभी अधिक राशि ले रहे हैं. इसलिए सरकार ने एक प्रोफॉर्मा जारी किया है, जो सभी अस्पतालों को दिया जाएगा और उसकी सूचना जिला प्रशासन को दी जाएगी. नगर परिषद द्वारा शहरी क्षेत्र में फ्लेक्स भी लगाना शुरू कर दिया है. जिनमें किस इलाज की कितनी दर निर्धारित है, वह सब उसमें लिखी होगी और पंपलेट भी वितरित किए जाएंगे. अस्पतालों के बाहर भी बोर्ड लगाए जाएंगे. जिससे उनके मरीजों के परिजनों को इस बात का पता चल सके कि कौन सी बीमारी का कितनी राशि निर्धारित की गई है.
उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों के प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं और सभी प्रभारी अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अधिक राशि वसूलने वाले अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई करें. उन पर निगरानी रखने के भी निर्देश दिए गए हैं. गरीब व्यक्ति का इलाज भी निजी अस्पतालों में होना चाहिए. कई अस्पतालों की यह सूचना आ रही है कि मरीजों के परिजनों को रात में कह दिया जाता है कि आप अपने मरीज को ले जाओ ओर डिस्चार्ज कर दिया जाता है. डॉक्टर भगवान का रूप में माना जाता है लेकिन डॉक्टर भय का माहौल पैदा कर मरीजों को लूटने का काम कर रहे हैं.