अलवर. अलवर जिले में 70,000 से अधिक पेंशनर हैं. पेंशनरों के लिए अलवर शहर में 12 दवा केंद्र हैं. इसके अलावा सभी ब्लॉक क्षेत्र में सरकारी पेंशनर दवा केंद्र हैं, जिन पर पेंशनरों को पेंशन डायरी के हिसाब से दवा मिलती है. पेंशन डायरियों में दवा का खेल चलता है. डॉक्टर और सरकारी भंडार की दुकानों पर काम करने वाले दवा विक्रेता आपस में समझौता कर डायरी पर अपने हिसाब की दवाई लिखते हैं. उसके बाद सरकार को लाखों का चूना लगाते हैं.
दरअसल, पेंशनर डायरी पर हर महीने लाखों की दवाएं लिखी जाती हैं, पूरे जिले में यह खेल चल रहा है. कई बार इस खेल का खुलासा हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी लगातार यह प्रक्रिया जारी है. ऐसे में एक तरफ जहां सरकारी भंडार को लाखों का चूना लग रहा है, वहीं दूसरी ओर अस्पताल में मिलने वाली जेनेरिक दवाओं की जगह मरीजों को निजी कंपनियों की दवाई खानी पड़ रही है. ऐसे में अलवर जिले के सभी सरकारी डॉक्टरों को बुजुर्ग पेंशनर की डायरी पर लिखने वाली दवाओं को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है.
यह भी पढ़ेंः धौलपुर जिला अस्पताल में हर्ट पेशेंट के लिए कार्डियक आईसीयू का शुभारंभ
जिला कलेक्टर ने कहा कि सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से डॉक्टरों को जेनेरिक दवा लिखने के लिए कहा गया है, जिससे मरीजों को सही दवा मिल सके. इसके अलावा जो दवाई अस्पताल में उपलब्ध नहीं है या गंभीर बीमारी में जिन दवाओं की मरीज को आवश्यकता है, उन दवाओं को डॉक्टर डायरी में बाहर की लिख सकते हैं. इसके अलावा उपभोक्ता भंडार के पेंडिंग चल रहे बिल को लेकर भी जल्द ही समाधान निकालने का फैसला लिया गया है. भंडार के लाखों और करोड़ों की बिल पेंडिंग चल रहे हैं, ऐसे में जिला कलेक्टर ने कहा कि जल्द ही इसका समाधान भी निकाला जाएगा.