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अलवर: सरस डेयरी में भ्रष्टाचार...एसीबी ने शुरू की जांच - राजस्थान की खबर

अलवर में सरस डेयरी से सम्बंधित भ्रष्टाचार कि जांच अब एसीबी कर रही है. दिल्ली प्रशासन कि लापरवाही को सामने लाने के बाद और डेयरी के एमडी के खिलाफ शिष्टाचार की शिकायतें सामने आने के साथ-साथ डेयरी के चेयरमैन के मिले होने की भी आशंकाऐं जताई गईं हैं.

अलवर: सरस डेयरी में भ्रष्टाचार...एसीबी ने शुरू की जांच
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Published : Jul 24, 2019, 2:58 PM IST

अलवरः राजस्थान की विधानसभा तक भ्रष्टाचार के आरोप में घिरी अलवर सरस डेयरी की एसीबी ने जांच शुरू की है. एसीबी की तरफ से डेयरी प्रशासन को रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें मुख्य रूप से डेयरी की विभिन्न योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार और दूध परिवहन वाहनों के टेंडर का रिकॉर्ड शामिल है. हालांकि डेयरी प्रशासन की तरफ से अभी तक पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है.

अलवर: सरस डेयरी में भ्रष्टाचार...एसीबी ने शुरू की जांच


साल 2016- 17 में सरस डेयरी में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी. इस शिकायत के मामले में दिल्ली प्रशासन की तरफ से अनियमितता बरती गई. इस संबंध में एसीबी ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की. एसीबी के एएसपी सालेह मोहम्मद ने बताया कि सरस डेयरी के तत्कालीन एमडी शरद चौधरी के खिलाफ एक परिवाद दर्ज किया गया था.उस परिवाद में इंसेंटिव स्कीम के तहत एक ग्रेट पर आधा लीटर दूध देने की योजना में भ्रष्टाचार में गड़बड़ी संबंधित शिकायत दी थी.

इसके अलावा दूध परिवहन की गाड़ियों के टेंडर में भी भ्रष्टाचार सम्बंधित मामले सामने आए थे. दिल्ली प्रशासन पर लंबे समय से मिलावट के आरोप लग रहे हैं. दूध केंद्र को तीन बार बंद करने और बाद में उन्हें फिर से खोलने की भी शिकायतें मिल रही हैं. एसीबी ने दिल्ली प्रशासन से इंसेंटिव स्कीम वाहनों के मिलावटी दूध के संचालकों का रिकॉर्ड तलब किया है. एसीबी ने बताया कि डेयरी में गड़बड़ी की शिकायतों की विभागीय स्तर पर पहले से जांच चल रही है और उसमें भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आए थे.

अब इन तथ्यों को शामिल करते हुए एसीबी की ओर से जांच शुरू की गई है. एसीबी को सरस डेयरी में तत्कालीन एमडी शरद चौधरी के खिलाफ मिली शिष्टाचार की शिकायतों में डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा की मिलीभगत की आशंका भी है.एसपी सलेह मोहम्मद ने बताया कि शिकायतों में एमडी चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह सूचना भी सामने आई है कि बना राम मीणा ने चेयरमैन बनने के बाद ही चौधरी को एमडी लगवाया था, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने और दूध समितियों के विरोध के बाद चौधरी को एमडी पद से हटा दिया गया था.

अलवरः राजस्थान की विधानसभा तक भ्रष्टाचार के आरोप में घिरी अलवर सरस डेयरी की एसीबी ने जांच शुरू की है. एसीबी की तरफ से डेयरी प्रशासन को रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं. इसमें मुख्य रूप से डेयरी की विभिन्न योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार और दूध परिवहन वाहनों के टेंडर का रिकॉर्ड शामिल है. हालांकि डेयरी प्रशासन की तरफ से अभी तक पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है.

अलवर: सरस डेयरी में भ्रष्टाचार...एसीबी ने शुरू की जांच


साल 2016- 17 में सरस डेयरी में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी. इस शिकायत के मामले में दिल्ली प्रशासन की तरफ से अनियमितता बरती गई. इस संबंध में एसीबी ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की. एसीबी के एएसपी सालेह मोहम्मद ने बताया कि सरस डेयरी के तत्कालीन एमडी शरद चौधरी के खिलाफ एक परिवाद दर्ज किया गया था.उस परिवाद में इंसेंटिव स्कीम के तहत एक ग्रेट पर आधा लीटर दूध देने की योजना में भ्रष्टाचार में गड़बड़ी संबंधित शिकायत दी थी.

इसके अलावा दूध परिवहन की गाड़ियों के टेंडर में भी भ्रष्टाचार सम्बंधित मामले सामने आए थे. दिल्ली प्रशासन पर लंबे समय से मिलावट के आरोप लग रहे हैं. दूध केंद्र को तीन बार बंद करने और बाद में उन्हें फिर से खोलने की भी शिकायतें मिल रही हैं. एसीबी ने दिल्ली प्रशासन से इंसेंटिव स्कीम वाहनों के मिलावटी दूध के संचालकों का रिकॉर्ड तलब किया है. एसीबी ने बताया कि डेयरी में गड़बड़ी की शिकायतों की विभागीय स्तर पर पहले से जांच चल रही है और उसमें भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आए थे.

अब इन तथ्यों को शामिल करते हुए एसीबी की ओर से जांच शुरू की गई है. एसीबी को सरस डेयरी में तत्कालीन एमडी शरद चौधरी के खिलाफ मिली शिष्टाचार की शिकायतों में डेयरी के चेयरमैन बन्नाराम मीणा की मिलीभगत की आशंका भी है.एसपी सलेह मोहम्मद ने बताया कि शिकायतों में एमडी चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यह सूचना भी सामने आई है कि बना राम मीणा ने चेयरमैन बनने के बाद ही चौधरी को एमडी लगवाया था, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने और दूध समितियों के विरोध के बाद चौधरी को एमडी पद से हटा दिया गया था.

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अलवर।
अलवर से लेकर राजस्थान की विधानसभा तक भ्रष्टाचार के आरोप में घिरी अलवर सरस डेयरी की एसीबी ने जांच शुरू की है। एसीबी की तरफ से डेयरी प्रशासन से रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। इसमें मुख्य रूप से डेयरी की विभिन्न योजनाओं में हुए भ्रष्टाचार व दूध परिवहन वाहनों के टेंडर का रिकॉर्ड शामिल है। हालांकि डेयरी प्रशासन की तरफ से अभी तक पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है।


Body:साल 2016- 17 में सरस डेयरी में भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। उस शिकायत मामले में दिल्ली प्रशासन की तरफ से अनियमितता बरती गई। इस संबंध में एसीबी ने मामले की जांच पड़ताल शुरू की है। एसीबी के एएसपी सलेह मोहम्मद ने बताया कि सरस डेयरी के तत्कालीन एमडी शरद चौधरी के खिलाफ एक परिवाद दर्ज किया गया था।

उसमें इंसेंटिव स्कीम के तहत एक ग्रेट पर आधा लीटर दूध देने की योजना में भ्रष्टाचार में गड़बड़ी संबंधित शिकायत दी थी। इसके अलावा दूध परिवहन की गाड़ियों के टेंडर में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। दिल्ली प्रशासन पर लंबे समय से मिलावट के आरोप लग रहे हैं। दूध केंद्र तीन बार बंद करने और बाद में उन्हें फिर से खोलने की भी शिकायतें मिल रही हैं।

एसीबी ने दिल्ली प्रशासन से इंसेंटिव स्कीम वाहनों के मिलावटी दूध के संचालकों का रिकॉर्ड तलब किया है। दिल्ली के तीनों ने एसीबी कार्यालय पहुंचकर रिकॉर्ड दिया। लेकिन अभी तक पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं कराया गया है। इसलिए डेयरी प्रबंधक से पूरा रिकॉर्ड उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।


Conclusion:एसीबी ने बताया कि डेयरी में गड़बड़ी की शिकायतों की विभागीय स्तर पर पहले से जांच चल रही है। उसमें भ्रष्टाचार के तथ्य सामने आए थे। अब इन तथ्यों को शामिल करते हुए एसीबी की ओर से जांच शुरू की गई है। एसीबी को सरस डेयरी में तत्कालीन एमडी शरद चौधरी के खिलाफ मिली शिष्टाचार की शिकायतों में डेयरी चेयरमैन बन्नाराम मीणा की मिलीभगत की आशंका है। एसपी सलेह मोहम्मद ने बताया कि शिकायतों में एमडी चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। बना राम मीणा ने चेयरमैन बनने के बाद ही चौधरी को एमडी लगवाया था। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप लगने और दूध समितियों के विरोध के बाद चौधरी को एमडी पद से हटा दिया गया था।
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