अलवर. भाजपा ने रेलवे के माध्यम से राजस्थान की सत्ता में काबिज होने का प्लॉन बनाया है. पहली बार प्रदेश के रेलवे स्टेशनों के डेवलपमेंट पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं. भारतीय रेलवे का पूरा फोकस राजस्थान पर है. एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशनों को तैयार किया जा रहा है. वंदे भारत के अलावा राजस्थान को नई ट्रेनें दी गई हैं. साथ ही नई रेलवे लाइन व रेलवे ओवर ब्रिज का काम तेजी से चल रहा है.
प्रदेश के 69 स्टेशनों की बदलेगी तस्वीरः राजस्थान में कुछ ही महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. अंदर खाने कांग्रेस व भाजपा ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता को मुफ्त की रेवड़ियां बांटने में जुटे हैं. भाजपा ने भी प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के लिए एक्शन प्लॉन तैयार कर लिया है. केंद्र सरकार रेलवे व डेवलपमेंट के नाम पर सत्ता में काबिज होने की योजना बना रही है. रेलवे का सबसे ज्यादा फोकस राजस्थान पर है. पहली बार राजस्थान के 69 स्टेशनों के रीडेवलप पर हजारों करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस दिशा में काम भी शुरू हो चुका है.
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एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार होंगे स्टेशनः प्रदेश के 9 स्टेशनों को पूरी तरह बदला जाएगा. इन स्टेशनों को एयरपोर्ट की तर्ज पर तैयार करने का काम चल रहा है. इसके अलावा करीब 60 छोटे स्टेशन पर यात्री सुविधाओं में विस्तार के अलावा मूलभूत सुविधाएं बेहतर करने का काम किया जाएगा. रेल मंत्री राजस्थान में नई रेलवे लाइन व नई ट्रेनों की घोषणा कर रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री विकास कार्यों का उद्घाटन करने में जुटे हैं. राजस्थान में रेलवे स्ट्रक्चर पर आज तक कभी कोई ध्यान नहीं दिया गया.
पहली बार राजस्थान पर सर्वाधिक ध्यानः ज्यादातर रेल मंत्री बिहार व पश्चिम बंगाल क्षेत्र के रहे हैं. इसलिए सबसे ज्यादा फोकस उन क्षेत्रों में ही रहा. पहली बार रेलवे की तरफ से सबसे ज्यादा ध्यान राजस्थान पर दिया जा रहा है. दरसअल रेल यातायात सीधा आम आदमी से जुड़ा हुआ होता है. रेल यातायात बेहतर होने से आम आदमी को राहत मिलती है. साथ ही व्यापारी भी खुश रहते हैं. व्यापारियों को आने-जाने में सुविधा मिलती है तो माल ट्रांसपोर्टेशन में भी आराम रहता है.
जयपुर जंक्शन पर खर्च होंगे 717 करोड़ः रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी शशिकिरण ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के नौ स्टेशन को पूरी तरह से बदला जाएगा. जयपुर, गांधीनगर, उदयपुर, जैसलमेर और जोधपुर स्टेशन पर काम शुरू हो चुका है. जयपुर जंक्शन पर 717 करोड़ रुपए खर्च होंगे. गांधीनगर जंक्शन पर 212 करोड़ रुपए, उदयपुर जंक्शन पर 354 करोड़ रुपए, जैसलमेर जंक्शन पर 140 करोड़ रुपए और जोधपुर जंक्शन पर 494 करोड़ रुपए रीडेवलपमेंट व विकास कार्यों का खर्च होंगे. इसके अलावा अन्य जंक्शन के लिए भी जल्द ही टेंडर प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.
स्टेशनों पर क्या होंगी सुविधाएंः स्टेशन पर एयर कोनकॉर्स, कवर्ड प्लेटफार्म, लिफ्ट व एस्केलेटर की सुविधा, फुट ओवर ब्रिज, अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित वेटिंग रूम, शापिग कॉम्पलेक्स, एग्जीक्यूटिव लाउंज, उन्नत व मानक स्तर की लाइटिंग, फूडकोर्ट इत्यादि जैसी सुविधाएं होंगी. सभी स्टेशनों को वहां के हेरिटेज अंदाज में तैयार किया जाएगा. साथ ही स्थानीय झलक नजर आएगी. इसके अलावा मल्टी लेवल पार्किंग सहित सभी आधुनिक सुविधाएं होंगी.
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स्टेशन का होगा कायापलटः जयपुर रेलवे जॉन के रेवाड़ी, फुलेरा, अलवर, बांदीकुई, सीकर, दौसा, रींगस, राजगढ़, जोबनेर, खैरथल, नीमकाथाना, झुंझुनू, फतेहपुर शेखावाटी सहित कुल 15 स्टेशनों पर सुविधाएं बढ़ेगी. इसी तरह अजमेर डिवीजन में रानी फालना मारवाड़ भीलवाड़ा मावली डूंगरपुर बांसवाड़ा सहित 15 स्टेशनों को बेहतर किया जाएगा. बीकानेर जोन में हनुमानगढ़, सिरसा, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, कोसली, चूरु, रतनगढ़, सादलपुर, श्रीगंगानगर लालगढ़ सहित 15 स्टेशन बेहतर होंगे. जोधपुर रेलवे डिवीजन में बाड़मेर, मेड़ता रोड, सुजानगढ़, जालौर, रामदेवरा, बालोतरा सहित 15 स्टेशन को नया लुक दिया जाएगा.
ट्रेनों में सफर करते हैं प्रतिदिन लाखों यात्रीः पूरे राजस्थान क्षेत्र में उत्तर पश्चिम रेलवे ट्रेनों को संचालित करता है. उत्तर पश्चिम रेलवे में प्रतिदिन 500 ट्रेनें संचालित होती हैं. इनमें करीब 15 लाख लोग सफर करते हैं. रेलवे में बेहतर सुविधा होने से सीधा फायदा ट्रेनों में सफर करने वाले लाखों लोगों को मिलेगा. इसलिए रेलवे व भाजपा का फोकस राजस्थान पर है.
उत्तर पश्चिम रेलवे को बजट में क्या मिलाः उत्तर पश्चिम रेलवे को वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में 6724.29 करोड़ आवंटित किया गया है. जो कि पिछले साल के 4672.55 करोड़ की तुलना में 43.91 प्रतिशत ज्यादा है. इसमें रेलवे लाइन के दोहरीकरण, नए स्टेशन, नई रेलवे लाइन, रेलवे लाइन के विद्युतीकरण का कार्य सहित सैकड़ों नए कार्य मंजूर किए गए. सुरक्षा पर सबसे ज्यादा बजट रखा गया.