अलवर. जिले में कोरोना के साथ डिप्थीरिया का प्रभाव भी बढ़ने लगा है. बीते दिनों डिप्थीरिया के आउटब्रेक के बाद एक बार फिर से संक्रमित मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ गई. ऐसे में एक बार फिर से स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव में सर्वे का काम शुरू किया गया है.
अलवर में मेवात क्षेत्र आता है. जानकारी में सामने आया है कि मेवात क्षेत्र में लोग टीकाकरण नहीं करवाते हैं. ऐसे में बच्चों के कई गंभीर बीमारी होने का खतरा बना रहता है. जिले में इन दिनों कोरोना का प्रभाव जारी है. इसके साथ ही बच्चों में होने वाली जानलेवा बीमारी डिप्थीरिया का प्रभाव भी नजर आने लगा है.
कुछ दिन पहले अलवर, किशनगढ़ बास क्षेत्र में डिप्थीरिया का जांच हुआ था. जिसमें एक गांव में 15 लोग बीमार मिले. वहीं एक बच्चे की मौत का मामला भी सामने आया. हालांकि, मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांव में सर्वे करके टीकाकरण किया गया.
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इसके अलावा आसपास के अन्य गांवों के अलावा किशनगढ़ बास, अलवर, रामगढ़ क्षेत्र के सभी गांव का सर्वे किया जा रहा है. इसी बीच अलवर के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में डिप्थीरिया का एक मरीज भर्ती हुआ है.
स्वास्थ्य विभाग की तरफ से हालत गंभीर होने पर जयपुर के लिए रेफर कर दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बच्चे में डिप्थीरिया के लक्षण है. अलवर के पास भरतपुर क्षेत्र का बच्चा रहने वाला है. हालत गंभीर होने पर उसे रेफर कर दिया गया है. वहीं बच्चे के घर के आस-पास स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सर्वे का काम किया जा रहा है.
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स्वास्थ विभाग के अधिकारियों ने कहा कि समय पर टीकाकरण नहीं होने के कारण बच्चों में यह बीमारी होती है. डिप्थीरिया में मृत्यु दर ज्यादा रहती है. तो वहीं इसका संक्रमण भी तेजी से फैलता है. मेवात क्षेत्र में लोग अपने बच्चों के टीकाकरण नहीं करवाते हैं. इसलिए समस्या ज्यादा गंभीर हो जाती है.