ETV Bharat / state

बीसलपुर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से बंद हुई जलापूर्ति, बूंद-बूंद के लिए तरसे लोग - Bisalpur Pipeline Damaged

अजमेर जिले की नसीराबाद इलाके की छावनी परिषद प्रशासन की लापरवाही की वजह से कस्बेवासी काफी सालों से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. शुक्रवार के दिन एक बार फिर से यहां करने वाले लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसना पड़ा. यही नहीं यहां पर रहने वाले लोग गंदा और दूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं.

Water supply stopped, damaged pipeline, बीसलपुर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त,  छावनी परिषद, Bisalpur pipeline
बीसलपुर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने से बंद हुई जलापूर्ति
author img

By

Published : Nov 20, 2020, 2:02 PM IST

नसीराबाद (अजमेर). छावनी परिषद प्रशासन की लापरवाही की वजह से कस्बेवासी काफी सालों से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. गुरुवार के दिन गोयला इलाके में बीसलपुर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण कस्बे में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाई.

शुक्रवार की सुबह कस्बेवासी पानी के इंतजार में परेशान होते रहे. जबकि स्थानीय छावनी परिषद की जिम्मेदारी बनती है कि कस्बेवासियों को सूचना देकर जल आपूर्ति के बारे में जानकारी दे. पेयजल आपूर्ति नहीं होने से लोग परेशान रहे. आमतौर पर छावनी परिषद के पास एक दिन का पानी स्टोरेज रखना होता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

जानकारी के अनुसार छावनी परिषद के टैंक पर स्थापित पानी स्टोरेज टंकियों की क्षमता करीब 6 लाख गेलन है. जबकि कस्बे की आबादी को देखते हुए करीब 10 लाख गेलन पानी के स्टोरेज की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे जलदाय विभाग की लाइन क्षतिग्रस्त होने पर कस्बे को नियमित जलापूर्ति हो सके.

छावनी परिषद द्वारा कस्बे की पेयजल व्यवस्था को लेकर 1995 में दो स्टोरेज टैंक स्थापित किये थे जिनकी क्षमता करीब 6 लाख गेलन है. कस्बे की आबादी वर्तमान में करीब 52000 हजार है. बावजूद इसके छावनी परिषद ने स्टोरेज टैंक की क्षमता नहीं बढाई. यही नहीं कई जगहों पर टंकियों की सफाई भी नहीं होती और लोग गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें: गहलोत सरकार ने 4 साल बाद रद्द की पुलिस दूरसंचार में 233 पदों पर निकाली गई भर्ती, वापस होगा परीक्षा शुल्क

छावनी परिषद के पूर्व चेयरमैन और वार्ड संख्या 1 के पार्षद योगेश सोनी और वार्ड संख्या 6 की पार्षद अनीता मेहरा ने बताया कस्बे की पेयजल समस्या का समाधान होना आवश्यक है. सोनी और मेहरा ने बताया छावनी परिषद के पास एक दिन के पानी स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण जलदाय विभाग द्वारा पानी नहीं मिलने पर कसबे में नियमित पानी वितरण नहीं हो पाता है.

ये भी पढ़ें: CM गहलोत ने PM मोदी को लिखा पत्र, रेगिस्तानी क्षेत्र के 5 शहरों और 2,104 गांवों की पेयजन योजना के लिए मांगा ऋण

सोनी और मेहरा ने छावनी परिषद ईओ अरविंद नेमा से पानी की समस्या के समाधान को लेकर स्टोरेज टैंक की क्षमता बढाने, टंकियों की सफाई और पम्पिंग मशीनों के नवीनकरण की मांग की थी जिससे कस्बे को पेयजल समस्या से निजात मिल सके लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है.

नसीराबाद (अजमेर). छावनी परिषद प्रशासन की लापरवाही की वजह से कस्बेवासी काफी सालों से पेयजल समस्या से जूझ रहे हैं. गुरुवार के दिन गोयला इलाके में बीसलपुर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने के कारण कस्बे में पेयजल आपूर्ति नहीं हो पाई.

शुक्रवार की सुबह कस्बेवासी पानी के इंतजार में परेशान होते रहे. जबकि स्थानीय छावनी परिषद की जिम्मेदारी बनती है कि कस्बेवासियों को सूचना देकर जल आपूर्ति के बारे में जानकारी दे. पेयजल आपूर्ति नहीं होने से लोग परेशान रहे. आमतौर पर छावनी परिषद के पास एक दिन का पानी स्टोरेज रखना होता है लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

जानकारी के अनुसार छावनी परिषद के टैंक पर स्थापित पानी स्टोरेज टंकियों की क्षमता करीब 6 लाख गेलन है. जबकि कस्बे की आबादी को देखते हुए करीब 10 लाख गेलन पानी के स्टोरेज की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे जलदाय विभाग की लाइन क्षतिग्रस्त होने पर कस्बे को नियमित जलापूर्ति हो सके.

छावनी परिषद द्वारा कस्बे की पेयजल व्यवस्था को लेकर 1995 में दो स्टोरेज टैंक स्थापित किये थे जिनकी क्षमता करीब 6 लाख गेलन है. कस्बे की आबादी वर्तमान में करीब 52000 हजार है. बावजूद इसके छावनी परिषद ने स्टोरेज टैंक की क्षमता नहीं बढाई. यही नहीं कई जगहों पर टंकियों की सफाई भी नहीं होती और लोग गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें: गहलोत सरकार ने 4 साल बाद रद्द की पुलिस दूरसंचार में 233 पदों पर निकाली गई भर्ती, वापस होगा परीक्षा शुल्क

छावनी परिषद के पूर्व चेयरमैन और वार्ड संख्या 1 के पार्षद योगेश सोनी और वार्ड संख्या 6 की पार्षद अनीता मेहरा ने बताया कस्बे की पेयजल समस्या का समाधान होना आवश्यक है. सोनी और मेहरा ने बताया छावनी परिषद के पास एक दिन के पानी स्टोरेज की व्यवस्था नहीं होने के कारण जलदाय विभाग द्वारा पानी नहीं मिलने पर कसबे में नियमित पानी वितरण नहीं हो पाता है.

ये भी पढ़ें: CM गहलोत ने PM मोदी को लिखा पत्र, रेगिस्तानी क्षेत्र के 5 शहरों और 2,104 गांवों की पेयजन योजना के लिए मांगा ऋण

सोनी और मेहरा ने छावनी परिषद ईओ अरविंद नेमा से पानी की समस्या के समाधान को लेकर स्टोरेज टैंक की क्षमता बढाने, टंकियों की सफाई और पम्पिंग मशीनों के नवीनकरण की मांग की थी जिससे कस्बे को पेयजल समस्या से निजात मिल सके लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो सका है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.