अजमेर. लोक देवता तेजाजी की दशमी पर जिले में विभिन्न स्थानों पर वीर तेजाजी के थानकों पर मेले लगे हुए हैं. देर रात से ही श्रद्धालुओं का वीर तेजाजी के थानकों पर आने का सिलसिला जारी है. ज्यादातर श्रद्धालु अपने घर से बने हुए पकवान का भोग लगाने पंहुचे और परिवार की खुशहाली की कामना की. अजमेर में सुरसुरा स्थित लोक देवता वीर तेजाजी की निर्वाण स्थली है. यहां वीर तेजाजी की दशमी पर तेजाजी का भव्य मेला लगा हुआ है.
इसी तरह जिले में विभिन्न स्थानों पर वीर तेजाजी के प्राचीन थानकों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है. अजमेर में गुलाब बाड़ी स्थित तेजाजी की देवली मंदिर में रविवार को विशाल जागरण हुआ. वहीं देर रात से ही वीर तेजाजी के थानकों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती रही. जो अगले दिन सुबह से लेकर देर रात जारी रही. तेजाजी की देवली में वीर तेजाजी के थानक का विशेष श्रृंगार किया गया. यहां मंदिर की व्यवस्था माली समाज संभालता है. सैनी संस्थान के सचिव राजेंद्र कुमार बागड़ी ने बताया कि 75 वर्षों से पहले से यहां वीर तेजाजी की दशमी मनाई जाती रही है. उन्होंने बताया कि वीर तेजाजी को मानने वाले श्रद्धालु घर से ही दाल, बाटी और खीर का भोग लगाते हैं.
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रविवार रात को विशाल जागरण हुआ जो सुबह 4 बजे तक चला. सोमवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर आना जाना लग गया. यह रात तक करीब 35 से 40 हजार लोग दर्शन करने और मेले में शामिल होंगे. मेले में झूले, खाने-पीने और घरेलू सामान की स्टाल लगती है. मेले में लोग जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं. क्षत्रिय फूल मालियान संस्थान प्रीतम सिंह भाटी ने बताया कि वीर तेजाजी के स्थानक पर जो भी श्रद्धा के साथ आता है, उसकी मनोकामना यहां पूरी होती है. खासकर जो लोग जहरीले कीड़े और सर्प दंश से पीड़ित है, वह थानक पर आकर ठीक हो जाते हैं.
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उसरी गेट स्थित 200 वर्ष पुराना तेजाजी का मंदिर: अजमेर में उसरी गेट स्थित वीर तेजाजी का मंदिर करीब 200 वर्ष पुराना है. वीर तेजाजी को मानने वाले श्रद्धालु यहां तेजा दशमी पर जरूर आते है. वक्त के साथ यहां श्रद्धालुओं की आस्था भी लगातार बढ़ती जा रही है. सुबह से ही तेजाजी के मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. दोपहर बाद श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती गई, जो शाम तक बढ़कर हजारों में हो गई.
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मंदिर समिति के पदाधिकारी खेमचंद गहलोत ने बताया कि मंदिर जितना प्राचीन है, उतनी ही लोगों में गहरी आस्था है. यहां तक आने वाले हर श्रद्धालु को वीर तेजाजी पर पूरा भरोसा है कि वह उनकी तकलीफों को दूर कर देंगे. यही कारण है कि श्रद्धालु वीर तेजाजी दशमी को मंदिर में आना कभी नहीं भूलते. केवल शहर के ही नहीं बल्कि आसपास के गांव के भी बड़ी संख्या में लोग तेजाजी मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं. गहलोत ने बताया कि वीर तेजाजी को वरदान है कि जो भी उनके थानक पर पीड़ित आएगा उसके कष्ट दूर होंगे. जहरीले कीड़े और सर्पदंश से ग्रसित लोगों का यहां बिना दवा के उपचार हो जाता है. लोक देवता तेजाजी जन जन के आराध्य है.