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उर्स 2024: जुम्मे की विशेष नमाज में लाखों जायरीन ने झुकाए खुदा के आगे सिर - Jumme Ki Namaz in Ajmer Urs

ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स पर शुक्रवार को जुम्मे की विशेष नमाज अदा की गई. इसमें लाखों जायरीन खुदा के सामने सिर झुकाते नजर आए.

Special Jumme Ki Namaz
812वें उर्स पर जुम्मे की विशेष नमाज
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 19, 2024, 4:35 PM IST

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स पर आए हुए जायरीन के लिए आज का दिन काफी विशेष रहा. उर्स पर आए लाखों जायरीन ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह परिसर में स्थित शाहजानी मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा की. नमाज के लिए जायरीन की कतारें दरगाह से बाहर निकलकर धानमंडी, देहली गेट से होते हुए गंज तक आ गई. खुदा के आगे नमाज में लाखों जायरीन के सिर झुके. नमाज के बाद तमाम जायरीन ने देश में अमन, चैन, भाईचारा और खुशहाली की दुआ मांगी.

ख्वाजा गरीब नवाज के 812वें उर्स का मेला जारी है. उर्स मेले के दौरान शुक्रवार को लाखों जायरीन ने जुम्मे की विशेष नमाज अदा की. जुम्मे की विशेष समाज दरगाह परिसर में शाहजहानी मस्जिद में हुई. नमाजियों के कतारें दरगाह से निकलकर दरगाह बाजार, अंदरकोट, नला बाजार, धानमंडी, लोंगिया, देहली गेट होते हुए गंज तक पंहुच गई. रेलवे स्टेशन के सामने घंटाघर मस्जिद तक नमाजियों की कतारें लग गई.

पढ़ें: उर्स 2024 : पाकिस्तानी जायरीन के जत्थे में आए मशहूर गायक जोएब अशरफी, ख्वाजा की शान में गाया ये गीत

कौमी एकता की दिखी झलक: दरगाह के बाहर नमाज के लिए बैठने वाले लोगों के लिए सिंधी और हिन्दू दुकानदारों ने अखबार और प्लास्टिक शीट उपलब्ध करवाई. कई जगहों पर नमाजियों के लिए छाया और पानी की व्यवस्था की गई. अजमेर में गंगा जमुनी तहजीब को देखते हुए जायरीन भी गदगद नजर आए. नमाज के बाद देश के कोने-कोने से ख्वाजा गरीब नवाज के 812वें उर्स में हाजरी लगाने आए जायरीन जुम्मे की नमाज तक रुके हुए थे. इसके बाद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की चौखट चूमने के बाद दिल में दोबारा आने की हसरत लिए जायरीन अपने घरों को लौटने लगे हैं.

पढ़ें: ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स छोटे कुल की रस्म के साथ सम्पन्न, 21 जनवरी को होगी बड़े कुल की रस्म

यह बोले जायरीन: ख्वाजा के दर पर आने वाले जायरीन में कई युवा पहली बार आए हैं, तो कई जायरीन वर्षों से उर्स में हाजरी देने के लिए आ रहे हैं. कलकत्ता से आये युवा जायरीन परवेज बताते हैं कि पहली बार वे ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आए हैं. परिवार में सब स्वस्थ और खुशहाल रहें. इसके लिए दुआएं मांगी गई हैं. ख्वाजा के यहां जुम्मे की नमाज अदा करने का मौका मिला यह खुशनसीबी है. दुआ करते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज बार-बार बुलाते रहें. उन्होंने कहा कि देश में सभी लोग मिलजुल कर रहें और देश तरक्की करे, यही दुआएं की गई हैं.

पढ़ें: ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स: पाकिस्तानी जाय​रीन की ओर से चादर पेश, मांगी भाईचारे की दुआ

जमील बताते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर आकर दिल को सुकून मिला है. उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. यहां देखा कि हिंदू-मुस्लिम सब मोहब्बत और भाईचारे के साथ रहते हैं. दरगाह में सभी मजहब के लोग आते हैं. देश में सब खुशहाल और भाईचारे के साथ रहें. मुबारक बताते हैं कि वह वर्षों से उर्स में अजमेर आ रहे हैं. यहां हर जायज मन्नत है और मुरादे पूरी होती हैं. देश में ही नहीं पूरे दुनिया में ख्वाजा गरीब नवाज की शान है. एयरपोर्ट पर जेब से डॉलर गिर गए थे और घर के पास वह डॉलर मिल गए, यह इनका ही कर्म है.

कल जाएंगे पाकिस्तानी जायरीन: ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में देश और दुनिया से हाजरी देने के लिए आए लाखों लोगों में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के 230 जायरीन भी हैं. 15 जनवरी को पाक जायरीन अजमेर आए थे. 17 जनवरी को पाकिस्तानी जायरीन ने दरगाह में पाकिस्तान की हुकूमत और ख्वाब की ओर से चादर पेश की थी. अब उनके रुखसत होने का समय भी आ गया है.

अजमेर. सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 812वें उर्स पर आए हुए जायरीन के लिए आज का दिन काफी विशेष रहा. उर्स पर आए लाखों जायरीन ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह परिसर में स्थित शाहजानी मस्जिद में जुम्मे की नमाज अदा की. नमाज के लिए जायरीन की कतारें दरगाह से बाहर निकलकर धानमंडी, देहली गेट से होते हुए गंज तक आ गई. खुदा के आगे नमाज में लाखों जायरीन के सिर झुके. नमाज के बाद तमाम जायरीन ने देश में अमन, चैन, भाईचारा और खुशहाली की दुआ मांगी.

ख्वाजा गरीब नवाज के 812वें उर्स का मेला जारी है. उर्स मेले के दौरान शुक्रवार को लाखों जायरीन ने जुम्मे की विशेष नमाज अदा की. जुम्मे की विशेष समाज दरगाह परिसर में शाहजहानी मस्जिद में हुई. नमाजियों के कतारें दरगाह से निकलकर दरगाह बाजार, अंदरकोट, नला बाजार, धानमंडी, लोंगिया, देहली गेट होते हुए गंज तक पंहुच गई. रेलवे स्टेशन के सामने घंटाघर मस्जिद तक नमाजियों की कतारें लग गई.

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कौमी एकता की दिखी झलक: दरगाह के बाहर नमाज के लिए बैठने वाले लोगों के लिए सिंधी और हिन्दू दुकानदारों ने अखबार और प्लास्टिक शीट उपलब्ध करवाई. कई जगहों पर नमाजियों के लिए छाया और पानी की व्यवस्था की गई. अजमेर में गंगा जमुनी तहजीब को देखते हुए जायरीन भी गदगद नजर आए. नमाज के बाद देश के कोने-कोने से ख्वाजा गरीब नवाज के 812वें उर्स में हाजरी लगाने आए जायरीन जुम्मे की नमाज तक रुके हुए थे. इसके बाद ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की चौखट चूमने के बाद दिल में दोबारा आने की हसरत लिए जायरीन अपने घरों को लौटने लगे हैं.

पढ़ें: ख्वाजा गरीब नवाज का 812वां उर्स छोटे कुल की रस्म के साथ सम्पन्न, 21 जनवरी को होगी बड़े कुल की रस्म

यह बोले जायरीन: ख्वाजा के दर पर आने वाले जायरीन में कई युवा पहली बार आए हैं, तो कई जायरीन वर्षों से उर्स में हाजरी देने के लिए आ रहे हैं. कलकत्ता से आये युवा जायरीन परवेज बताते हैं कि पहली बार वे ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में आए हैं. परिवार में सब स्वस्थ और खुशहाल रहें. इसके लिए दुआएं मांगी गई हैं. ख्वाजा के यहां जुम्मे की नमाज अदा करने का मौका मिला यह खुशनसीबी है. दुआ करते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज बार-बार बुलाते रहें. उन्होंने कहा कि देश में सभी लोग मिलजुल कर रहें और देश तरक्की करे, यही दुआएं की गई हैं.

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जमील बताते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज के दर पर आकर दिल को सुकून मिला है. उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. यहां देखा कि हिंदू-मुस्लिम सब मोहब्बत और भाईचारे के साथ रहते हैं. दरगाह में सभी मजहब के लोग आते हैं. देश में सब खुशहाल और भाईचारे के साथ रहें. मुबारक बताते हैं कि वह वर्षों से उर्स में अजमेर आ रहे हैं. यहां हर जायज मन्नत है और मुरादे पूरी होती हैं. देश में ही नहीं पूरे दुनिया में ख्वाजा गरीब नवाज की शान है. एयरपोर्ट पर जेब से डॉलर गिर गए थे और घर के पास वह डॉलर मिल गए, यह इनका ही कर्म है.

कल जाएंगे पाकिस्तानी जायरीन: ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में देश और दुनिया से हाजरी देने के लिए आए लाखों लोगों में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के 230 जायरीन भी हैं. 15 जनवरी को पाक जायरीन अजमेर आए थे. 17 जनवरी को पाकिस्तानी जायरीन ने दरगाह में पाकिस्तान की हुकूमत और ख्वाब की ओर से चादर पेश की थी. अब उनके रुखसत होने का समय भी आ गया है.

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