नसीराबाद (अजमेर ). जिले में शनिवार को केकड़ी-थडोली के निकट बीसलपुर की पाइपलाइन टूट जाने के कारण जलदाय विभाग द्वारा छावनी परिषद को पानी की सप्लाई नहीं हुई. जिसके कारण कस्बे में रविवार को जलापूर्ति नहीं होने से कस्बेवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.
जानकारी के अनुसार कोटा मार्ग पर स्थित छावनी परिषद टैंक पर दो स्टोरेज टैंक जिनकी स्टोरेज क्षमता करीब 6 लाख गैलन है, जो की कस्बे की आबादी के अनुसार कम है. जिसके कारण कभी भी जलदाय विभाग की पाइपलाइन बीच मार्ग में क्षतिग्रस्त हो जाने पर कस्बेवासियों को पेयजल समस्या का सामना करना पड़ता है.
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विगत कई समय से कस्बेवासी पेयजल समस्या से जूझ रहे है. जिसको लेकर परिषद प्रशासन और पार्षदों ने उक्त समस्या को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाए गए है. जिसका खामियाजा कस्बेवासी झेलने को मजबूर है. कस्बे के वासिंदों का कहना है कि जब तक छावनी परिषद आज की आवश्यकता के अनुरूप एक और स्टोरेज टैंक की स्थापना और पंपिंग स्टेशन का नवीनीकरण नहीं करेगा तब तक पेयजल समस्या का समाधान नहीं होगा.
छावनी परिषद ने 1995 में कस्बे की जलापूर्ति के लिए पंपिंग स्टेशन स्थापित किया था. जिसको करीब 25 साल हो गए किन्तु छावनी परिषद ने आज की आबादी को देखते हुए उक्त पंपिंग स्टेशन में ना ही स्टोरेज टैंक की क्षमता बढ़ाई न ही पम्पिंग मशीनों का नवीनीकरण किया.
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कोटा मार्ग स्थित छावनी परिषद स्टेडियम के निकट कस्बे को पेयजल आपूर्ति करने वाली दोनों टंकियो की वर्ष 2016 के बाद आज तक छावनी परिषद ने सफाई कराने की भी जहमत नहीं उठाई. जिस कारण से कस्बेवासी दूषित पानी पीने को मजबूर है. गत दिनों राज्य सरकार ने कस्बे के विकास हेतु पहली मर्तबा डेढ़ करोड़ रुपये की अनुदान राशि छावनी परिषद को आवंटित की थी.
प्रशासन अगर पेयजल समस्या को गंभीरता से ले, तो समस्या का हो सकता है निदान-
बता दें की गत 27 जून को भी ईटीवी भारत ने “नसीराबाद में वाटर स्टोरेज टेंक की दरकार“ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी, जिस पर सजगता दिखाते हुए परिषद के पूर्व सिविल एरिया कमेटी चेयरमैन और वार्ड संख्या 1 पार्षद योगेश सोनी और वार्ड संख्या 6 पार्षद अनीता मेहरा ने छावनी परिषद ईओ अरविन्द नेमा को पेयजल समस्या के समाधान के लिए पत्र लिखा था. उक्त मामले को बोर्ड बैठक में रखने की मांग की थी, मगर अभी तक अन्य पार्षद पेयजल सम्बन्धी समस्या को गंभीरता से नहीं लेकर मूक दर्शक बने हुए है. जिससे कस्बे वासी पेयजल संकट झेलने को मजबूर है.