ETV Bharat / state

उर्स के बाद विश्रामस्थली में फैली गंदगी से महामारी फैलने का खतरा, दूर तक दुर्गंध से बुरा हाल - उर्स के बाद गंदगी

अजमेर में ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में आने वाले जायरीन के लिए विश्राम स्थल में प्रशासन ने तमाम व्यवस्थाएं करवाईं थी. लेकिन उर्स के बाद विश्रामस्थल गंदगी का स्थल बन चुका है. जिसकी ओर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

अजमेर खबर ,Ajmer news
उर्स के बाद विश्रामस्थली में फैली गंदगी
author img

By

Published : Mar 9, 2020, 7:40 PM IST

अजमेर. ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 808 वां सालाना उर्स शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली. जिस तरीके से युद्ध स्तर पर उर्स की व्यवस्थाओं को अंजाम दिया गया. वहीं उर्स मेले के बाद प्रशासन अपनी थकान उतारने के चक्कर में बड़ी कोताही बरत रहा है.

उर्स के बाद विश्रामस्थली में फैली गंदगी

विश्राम स्थल में हर जगह फैली गंदगी
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में आने वाले जायरीन के लिए कायड़ स्थित विश्राम स्थली में प्रशासन ने सभी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए तमाम व्यवस्थाएं की थी. बेशक प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं से जायरीन लाभान्वित हुए हैं. वहीं उर्स मेला संपन्न हो चुका है और जायरीन सभी अपने घर को लौट चुके हैं. लेकिन विश्राम स्थल में हर जगह फैली गंदगी को साफ नहीं किया गया है. बल्कि विश्राम स्थल के सामने दरगाह कमेटी की 80 बीघा भूमि पर भी गंदगी का बुरा आलम है.

पढ़ें- रंगों के त्योहार पर रिश्तों में मिठास घोलता है अजमेर का प्रसिद्ध 'घीयर'

गंदगी से महामारी फैलने का खतरा

उर्स मेले के दौरान सैकड़ों शौचालय की व्यवस्था विश्राम स्थल में की गई थी. वहीं कुछ दूरी पर मौजूद कायड़ गांव और रिहाहशी क्षेत्रों में गंदगी से महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है. विश्व में कोरोना वायरस की दहशत है. शहर कांग्रेस के सचिव शिव बंसल और कांग्रेस ओबीसी विभाग के अध्यक्ष मामराज सैन ने बताया कि प्रशासन को तत्काल गंदगी की सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए थी. लोगों को यहां से निकलना दुर्भर हो गया है.

गंदगी को हटवाने के लिए प्रशासन को किया निर्देशित

बंसल ने कहा कि सीएम को पत्र लिखकर मांग की गई है कि विश्राम स्थली और सामने दरगाह कमेटी की भूमि से तत्काल गंदगी को हटवाने के लिए प्रशासन को निर्देशित किया जाए. बता दें कि उर्स मेले के दौरान कायड़ विश्राम स्थली में डेढ़ लाख से भी ज्यादा शायरी इस बार ठहरे थे. इतनी तादात में जायरीन के ठहरने से गंदगी होना जाहिर सी बात है,लेकिन उस गंदगी को साफ करवाना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है. सफाई नही होने से यह गन्दगी लोगों के लिए आफत बन गई है.

अजमेर. ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 808 वां सालाना उर्स शांतिपूर्ण संपन्न होने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली. जिस तरीके से युद्ध स्तर पर उर्स की व्यवस्थाओं को अंजाम दिया गया. वहीं उर्स मेले के बाद प्रशासन अपनी थकान उतारने के चक्कर में बड़ी कोताही बरत रहा है.

उर्स के बाद विश्रामस्थली में फैली गंदगी

विश्राम स्थल में हर जगह फैली गंदगी
ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में आने वाले जायरीन के लिए कायड़ स्थित विश्राम स्थली में प्रशासन ने सभी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए तमाम व्यवस्थाएं की थी. बेशक प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं से जायरीन लाभान्वित हुए हैं. वहीं उर्स मेला संपन्न हो चुका है और जायरीन सभी अपने घर को लौट चुके हैं. लेकिन विश्राम स्थल में हर जगह फैली गंदगी को साफ नहीं किया गया है. बल्कि विश्राम स्थल के सामने दरगाह कमेटी की 80 बीघा भूमि पर भी गंदगी का बुरा आलम है.

पढ़ें- रंगों के त्योहार पर रिश्तों में मिठास घोलता है अजमेर का प्रसिद्ध 'घीयर'

गंदगी से महामारी फैलने का खतरा

उर्स मेले के दौरान सैकड़ों शौचालय की व्यवस्था विश्राम स्थल में की गई थी. वहीं कुछ दूरी पर मौजूद कायड़ गांव और रिहाहशी क्षेत्रों में गंदगी से महामारी फैलने का खतरा मंडरा रहा है. विश्व में कोरोना वायरस की दहशत है. शहर कांग्रेस के सचिव शिव बंसल और कांग्रेस ओबीसी विभाग के अध्यक्ष मामराज सैन ने बताया कि प्रशासन को तत्काल गंदगी की सफाई की व्यवस्था करनी चाहिए थी. लोगों को यहां से निकलना दुर्भर हो गया है.

गंदगी को हटवाने के लिए प्रशासन को किया निर्देशित

बंसल ने कहा कि सीएम को पत्र लिखकर मांग की गई है कि विश्राम स्थली और सामने दरगाह कमेटी की भूमि से तत्काल गंदगी को हटवाने के लिए प्रशासन को निर्देशित किया जाए. बता दें कि उर्स मेले के दौरान कायड़ विश्राम स्थली में डेढ़ लाख से भी ज्यादा शायरी इस बार ठहरे थे. इतनी तादात में जायरीन के ठहरने से गंदगी होना जाहिर सी बात है,लेकिन उस गंदगी को साफ करवाना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है. सफाई नही होने से यह गन्दगी लोगों के लिए आफत बन गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.