ETV Bharat / state

27 हजार पंचायत सहायकों पर लटकी बेरोजगारी की तलवार... - rajasthan

पूर्व वसुंधरा सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में 6 हजार मासिक वेतन पर पंचायत सहायक लगाए थे. इनके कार्यकाल को 2 वर्ष पूरे हो चुके हैं. जिसके बाद अब पंचायत सहायक नियमित होने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में उन्हें नियमित करने की घोषणा की थी.

पंचायत सहायक मांगे रखते हुए
author img

By

Published : May 31, 2019, 7:26 PM IST

अजमेर. प्रदेश में 27 हजार पंचायत सहायकों पर बेरोजगारी की तलवार लटक रही है. पूर्व वसुंधरा सरकार में प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक की नियुक्ति 6 हजार रुपए के मासिक वेतन पर की गई थी. इस दौरान पंचायत के कामकाज के साथ ही स्कूल के कार्य में भी इनकी सेवाएं ली गई. 20 मई को पंचायत सहायक का कार्यकाल पूरा हो गया है. पंचायत सहायकों ने जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद होकर सरकार से नियमितीकरण की मांग की है.

पंचायत सहायकों ने जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद होकर की नियमितीकरण की मांग

पंचायत सहायकों को उम्मीद थी कि गहलोत सरकार में उन्हें नियमित किया जाएगा. लिहाजा नियमितीकरण की उम्मीद में अल्प वेतन मिलने के बावजूद पंचायत सहायक 2 वर्ष तक काम करते रहे. पंचायत सहायकों का कहना है कि अल्प वेतन में उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है. बावजूद इसके, उन्होंने 2 वर्ष तक काम किया और अब उनके कार्यकाल की अवधि पूरी हो चुकी है. लेकिन सरकार ना तो उनका कार्यकाल बढ़ा रही है और ना ही उन्हें नियमित किया जा रहा है.

पंचायत सहायक सुरेंद्र मेघवाल ने बताया कि पंचायत सहायकों के नियमितीकरण के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मांग की गई है. लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई साकारात्मक जवाब उन्हें नहीं मिला है. कार्यकाल की 2 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद अब प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायक कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है. पंचायत सहायकों की मानें तो अब उनकी स्थिति ना घर की रही है और ना ही घाट की.

अजमेर. प्रदेश में 27 हजार पंचायत सहायकों पर बेरोजगारी की तलवार लटक रही है. पूर्व वसुंधरा सरकार में प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक की नियुक्ति 6 हजार रुपए के मासिक वेतन पर की गई थी. इस दौरान पंचायत के कामकाज के साथ ही स्कूल के कार्य में भी इनकी सेवाएं ली गई. 20 मई को पंचायत सहायक का कार्यकाल पूरा हो गया है. पंचायत सहायकों ने जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद होकर सरकार से नियमितीकरण की मांग की है.

पंचायत सहायकों ने जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद होकर की नियमितीकरण की मांग

पंचायत सहायकों को उम्मीद थी कि गहलोत सरकार में उन्हें नियमित किया जाएगा. लिहाजा नियमितीकरण की उम्मीद में अल्प वेतन मिलने के बावजूद पंचायत सहायक 2 वर्ष तक काम करते रहे. पंचायत सहायकों का कहना है कि अल्प वेतन में उनका गुजारा नहीं हो पा रहा है. बावजूद इसके, उन्होंने 2 वर्ष तक काम किया और अब उनके कार्यकाल की अवधि पूरी हो चुकी है. लेकिन सरकार ना तो उनका कार्यकाल बढ़ा रही है और ना ही उन्हें नियमित किया जा रहा है.

पंचायत सहायक सुरेंद्र मेघवाल ने बताया कि पंचायत सहायकों के नियमितीकरण के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से मांग की गई है. लेकिन अभी तक सरकार की तरफ से कोई साकारात्मक जवाब उन्हें नहीं मिला है. कार्यकाल की 2 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद अब प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायक कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है. पंचायत सहायकों की मानें तो अब उनकी स्थिति ना घर की रही है और ना ही घाट की.

Intro:ना कार्यकाल की बढी अवधि और ना ही स्थायीकरण को लेकर सरकार ने लिया निर्णय, 27 हजार पंचायत सहायकों पर लटकी बेरोजगारी की तलवार

अजमेर। पूर्व वसुंधरा सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों में 6 हजार मासिक वेतन पर पंचायत सहायक लगाए थे। इनके कार्यकाल को 2 वर्ष पूरे हो चुके हैं। पंचायत सहायक नियमित होने की मांग कर रहे हैं उनका कहना है कि सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में उन्हें नियमित करने की घोषणा की थी।


Body:प्रदेश में 27 हजार पंचायत सहायकों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है। पूर्व वसुंधरा सरकार में प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक की नियुक्ति छ हजार रुपए मासिक वेतन पर की गई थी। इस दौरान पंचायत के कामकाज के साथ ही स्कूल के कार्य में भी इनकी सेवाएं ली गई। 20 मई को पंचायत सहायक का कार्यकाल पूरा हो गया है। पंचायत सहायकों को उम्मीद थी कि गहलोत सरकार में उन्हें नियमित किया जाएगा। लिहाजा नियमितीकरण की उम्मीद में अल्प वेतन मिलने के बावजूद पंचायत सहायक 2 वर्ष तक काम करते रहे। पंचायत सहायकों का कहना है कि अल्प वेतन में उनका गुजारा नहीं होता। बावजूद इसके भी उन्होंने 2 वर्ष तक काम किया और अब उनके कार्यकाल की अवधि पूरी हो चुकी है। बावजूद इसके सरकार ना तो उनका कार्यकाल बढ़ा रही है और ना ही उन्हें नियमित किया जा रहा है। पंचायत सहायक सुरेंद्र मेघवाल ने बताया कि पंचायत सहायकों के नियमितीकरण के लिए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से भी मांग की गई। मगर अभी तक सरकार की तरफ से कोई संतोषप्रद जवाब उन्हें नहीं मिला है। कार्यकाल की 2 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद अब प्रदेश के 27 हजार पंचायत सहायक कर्मचारियों पर बेरोजगारी की तलवार लटक गई है। पंचायत सहायक सुरेंद्र बंजारा ने बताया कि 20 मई को कार्यकाल पूरा होने के बाद भी सरकार उनका कार्यकाल नहीं बढ़ा रही है। एक और सरकार पंचायत सहायकों को स्थायीकरण की सोच रही है। वहीं 20 मई से सभी पंचायत सहायकों को घर बैठा दिया गया है। बंजारा ने कहा कि पंचायत सहायकों की स्थिति ना घर की रही है और ना ही घाट की...
बाइट- सुरेंद्र मेघवाल -पंचायत सहायक
बाईट- सुरेंद्र बंजारा -पंचायत सहायक

अजमेर में पंचायत सहायकों ने जिला मुख्यालय के बाहर लामबंद होकर नियमितीकरण की सरकार से मांग की है ..


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.