अजमेर. राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के बैनर तले सैकड़ों समायोजित शिक्षाकर्मी जिला मुख्यालय के बाहर रैली के रूप में पहुंचे, जो समायोजित शिक्षाकर्मी पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की सरकार से मांग कर रहे हैं. वहीं, दूसरी तरफ जिले में ही हिंदी प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 के अभियर्थियों ने परीक्षा परिणाम में त्रुटि होने की आशंका जताते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग से परीक्षा परिणाम जांच कर पुनः जारी करने की मांग की गई.
राजस्थान समायोजित शिक्षाकर्मी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सरदार सिंह बुगालिया ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के 13 सितंबर 2018 के आदेश की ओर से राज्य के समायोजित शिक्षा कर्मियों को 2004 से पूर्व का कार्मिक मांगते हुए पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का आदेश राजस्थान सरकार को दिया था, जिसे लागू करवाने के लिए संघ की ओर से शिष्टमंडल और अनेक मंचों के माध्यम से सरकार से आग्रह और प्रार्थनाएं की गई. इसके अलावा पार्टी के विधायकों, संगठन के पदाधिकारियों ने भी संघ की मांग को जायज मानते हुए सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन की लिखित में सरकार को अभिशंषा की और पेंशन आदेश लागू करने का आग्रह किया गया है. बुगालिया ने सरकार पर हठधर्मिता और निरंकुशता का आरोप लगाया.
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राजस्थान समायोजित शिक्षा कर्मी संघ के जिला अध्यक्ष नरोत्तम शर्मा ने बताया कि सरकार की संवेदनहीनता के विरोध में प्रदेशव्यापी आह्वान पर सभी जिलों में धरने और प्रदर्शन सोमवार को जिला मुख्यालय के बाहर किए जा रहे हैं. शर्मा ने सरकार से पेंशन आदेश लागू करने की मांग की.
इसके साथ ही जिले में हिंदी प्राध्यापक भर्ती परीक्षा 2018 के अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम में त्रुटि होने की आशंका जताते हुए राजस्थान लोक सेवा आयोग से परीक्षा परिणाम जांच कर पुनः जारी करने की मांग की गई. सोमवार को अभ्यार्थियों ने आयोग के अधिकारियों को इस संबंध में ज्ञापन दिया.