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RPSC on Paper Leak Case: पहली बार आयोग ने जारी किया बयान, कहा- भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह न हों अभ्यर्थी

पेपर लीक प्रकरण को लेकर पहली बार राजस्थान लोक सेवा आयोग ने बयान जारी किया है. आयोग के संयुक्त सचिव ने अपील की है कि अभ्यर्थी भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह न हों.

RPSC on Paper Leak Case
राजस्थान लोक सेवा आयोग
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Published : Jul 19, 2023, 10:16 PM IST

अजमेर. पेपर लीक प्रकरण के बाद से ही राजस्थान लोक सेवा आयोग पर उंगलियां उठने लगी हैं. आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा के बाद अन्य सदस्यों को भी शक की निगाह से देखा जा रहा है. पेपर लीक प्रकरण को लेकर विपक्ष लगातार सरकार के खिलाफ हमला बोल रहा है. ऐसे में पहली बार आयोग की ओर से बयान जारी किया गया है. आयोग के संयुक्त सचिव आशुतोष गुप्ता ने कहा कि अभ्यर्थी भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह न हों. प्रत्येक परीक्षा को समयबद्ध और पूर्ण निष्पक्षता से कराने को लेकर आयोग प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से पिछले 2 वर्षों से लगभग 40 विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया गया है. वर्तमान में राजस्थान राज्य और अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2021 के साक्षात्कार का आयोजन आयोग की ओर से किया जा रहा है. साथ ही स्कूल व्याख्याता के 6 हजार पदों की भर्ती के लिए काउंसलिंग भी लगातार जारी है. शेष परीक्षाओं और वरिष्ठ अध्यापक के 9760 पदों की भर्ती भी जल्द पूर्ण कर ली जाएगी. विद्यार्थी हित में परीक्षा का दोबारा आयोजन किया जाना अपरिहार्य था ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके. इस कारण विलंब जरूर हुआ है, लेकिन नकल माफिया, दलालों और छात्र हितों पर कुठाराघात करने वाले अन्य तत्वों के निहित स्वार्थों को पूर्णतः निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से यह अत्यावश्यक था.

पढ़ें. School lecturer exam 2022 : हिंदी और कृषि विषय की विचारित सूचियों में सम्मिलित अभ्यर्थियों का काउंसलिंग कार्यक्रम जारी

अभ्यर्थियों के मन में भ्रामक धारणा बनती है : गुप्ता ने कहा कि राज्य एवं केंद्र की विभिन्न जांच एजेंसियों की ओर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार समय रहते इन तत्वों पर अंकुश लगाने का हर संभव प्रयास जारी है. एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग और देश भर की समान संवैधानिक संस्थाएं एक सुरक्षित और निर्धारित गोपनीय प्रक्रिया के तहत ही कार्य करती है. कई बार सोशल मीडिया के माध्यमों से अभ्यर्थियों के मन में यह भ्रामक धारणा बन जाती है कि संभवतः संपूर्ण परीक्षा प्रणाली दूषित है, इससे उनका विश्वास भी टूटता है.

फीडबैक आयोग को उपलब्ध कराएं : आयोग की ओर से सतत रूप से परीक्षा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जाता है, ताकि माफियाओं की स्वार्थ सिद्धि पर पूर्ण अंकुश लग सके. साथ ही राज्य सरकार से भी लगातार आयोग की कार्यप्रणाली को अधिक कुशल बनाने के लिए संसाधनों की मांग की जाती है. इसमें विभिन्न जांच एजेंसियों से भी अनुरोध किया जाता है कि वह निरंतर अपना फीडबैक आयोग को उपलब्ध कराएं. गुप्ता ने समस्त अभ्यर्थियों से अपील की है कि वह किसी भी भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह नहीं हो. आयोग प्रत्येक परीक्षा को समयबद्ध रूप से और पूर्ण निष्पक्षता के साथ कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

अजमेर. पेपर लीक प्रकरण के बाद से ही राजस्थान लोक सेवा आयोग पर उंगलियां उठने लगी हैं. आयोग सदस्य बाबूलाल कटारा के बाद अन्य सदस्यों को भी शक की निगाह से देखा जा रहा है. पेपर लीक प्रकरण को लेकर विपक्ष लगातार सरकार के खिलाफ हमला बोल रहा है. ऐसे में पहली बार आयोग की ओर से बयान जारी किया गया है. आयोग के संयुक्त सचिव आशुतोष गुप्ता ने कहा कि अभ्यर्थी भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह न हों. प्रत्येक परीक्षा को समयबद्ध और पूर्ण निष्पक्षता से कराने को लेकर आयोग प्रतिबद्ध हैं.

उन्होंने कहा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से पिछले 2 वर्षों से लगभग 40 विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं का आयोजन किया गया है. वर्तमान में राजस्थान राज्य और अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा 2021 के साक्षात्कार का आयोजन आयोग की ओर से किया जा रहा है. साथ ही स्कूल व्याख्याता के 6 हजार पदों की भर्ती के लिए काउंसलिंग भी लगातार जारी है. शेष परीक्षाओं और वरिष्ठ अध्यापक के 9760 पदों की भर्ती भी जल्द पूर्ण कर ली जाएगी. विद्यार्थी हित में परीक्षा का दोबारा आयोजन किया जाना अपरिहार्य था ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके. इस कारण विलंब जरूर हुआ है, लेकिन नकल माफिया, दलालों और छात्र हितों पर कुठाराघात करने वाले अन्य तत्वों के निहित स्वार्थों को पूर्णतः निष्प्रभावी करने के उद्देश्य से यह अत्यावश्यक था.

पढ़ें. School lecturer exam 2022 : हिंदी और कृषि विषय की विचारित सूचियों में सम्मिलित अभ्यर्थियों का काउंसलिंग कार्यक्रम जारी

अभ्यर्थियों के मन में भ्रामक धारणा बनती है : गुप्ता ने कहा कि राज्य एवं केंद्र की विभिन्न जांच एजेंसियों की ओर से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार समय रहते इन तत्वों पर अंकुश लगाने का हर संभव प्रयास जारी है. एक महत्वपूर्ण तथ्य यह भी है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग और देश भर की समान संवैधानिक संस्थाएं एक सुरक्षित और निर्धारित गोपनीय प्रक्रिया के तहत ही कार्य करती है. कई बार सोशल मीडिया के माध्यमों से अभ्यर्थियों के मन में यह भ्रामक धारणा बन जाती है कि संभवतः संपूर्ण परीक्षा प्रणाली दूषित है, इससे उनका विश्वास भी टूटता है.

फीडबैक आयोग को उपलब्ध कराएं : आयोग की ओर से सतत रूप से परीक्षा प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने का प्रयास किया जाता है, ताकि माफियाओं की स्वार्थ सिद्धि पर पूर्ण अंकुश लग सके. साथ ही राज्य सरकार से भी लगातार आयोग की कार्यप्रणाली को अधिक कुशल बनाने के लिए संसाधनों की मांग की जाती है. इसमें विभिन्न जांच एजेंसियों से भी अनुरोध किया जाता है कि वह निरंतर अपना फीडबैक आयोग को उपलब्ध कराएं. गुप्ता ने समस्त अभ्यर्थियों से अपील की है कि वह किसी भी भ्रामक दुष्प्रचार से गुमराह नहीं हो. आयोग प्रत्येक परीक्षा को समयबद्ध रूप से और पूर्ण निष्पक्षता के साथ कराने के लिए प्रतिबद्ध है.

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