अजमेर. जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्य के हुए मतदान के बाद मंगलवार को ईवीएम मशीन से प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा. कोविड-19 की वजह से जिले में धारा-144 लागू है. इस कारण राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं एवं प्रत्याशियों के समर्थकों को मतगणना स्थल से 100 मीटर की परिधि तक नहीं जुटने दिया जाएगा.
वहीं जीतने वाले प्रत्याशी आचार संहिता के कारण अपना विजय जुलूस भी नहीं निकाल पाएंगे. सह निर्वाचन अधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि सुबह 9 बजे प्रथम चरण में पंचायत समिति सदस्यों के मतों की गणना होगी. इनमें जवाजा, मसूदा, अजमेर ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्रों की मतगणना होगी. इसके बाद शेष किशनगढ़, अराई, भिनाय, पीसांगन, सांवर, केकड़ी, श्रीनगर, ब्यावर पंचायत समिति सदस्य है और उसके बाद जिला परिषद सदस्यों के मतों की गणना होगी.
बता दें कि जिला परिषद के 32 वार्डों के लिए भी मतगणना होगी. उन्होंने बताया कि पुलिस की ओर सुरक्षा को लेकर कार्य योजना तैयार कर ली गई है. कोविड-19 को देखते हुए मतगणना कक्षों को सेनेटाइज किया गया है. इसके अलावा मतगणना टेबलों को भी सेनेटाइज करवाने की व्यवस्था की गई है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मतगणना के दौरान प्रत्याशियों का रहना आवश्यक नहीं है प्रत्याशियों की ओर से इलेक्शन एजेंट या काउंटिंग एजेंट भी मौजूद रह सकते हैं.
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जानकारी देते हुए सह निर्वाचन अधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने बताया कि जीते हुए उम्मीदवारों को प्रधान एवं जिला प्रमुख के चुनाव से पहले तक शपथ लेनी होगी अन्यथा उन्हें उम्मीदवार नहीं माना जाएगा. पंचायत समिति एवं जिला परिषद के मतगणना से पहले ही कांग्रेस और भाजपा ने अपने उम्मीदवारों कि बड़ेबंदी कर दी है. दोनों ही पार्टियों में प्रधान एवं जिला प्रमुख के दावेदार सक्रिय हैं.
भाजपा में जिला प्रमुख के लिए पूर्व विधायक सुशील कंवर पलाड़ा और पूर्व जिला प्रमुख पुखराज पहाड़िया प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर संगठनात्मक ढांचा नहीं होने के कारण कांग्रेस में प्रबल दावेदारी किसी उम्मीदवार ने नहीं जताई है. हालांकि चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा के नजदीकी रिश्तेदार रोहित शर्मा और कांग्रेस कार्यकर्ता सुरेश आबड की जिला प्रमुख की दावेदारी को लेकर चर्चा है.