राहुल गांधी ने अपने अट्ठारह मिनट के भाषण में 5 मिनट मोदी और आरएसएस पर हमले बोले. वहीं शेष मिनटों में उन्होंने सेवा दल और उसकी विचारधारा पर अपना संबोधन दिया. राहुल ने पीएम नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वे मेरे मेरे परिवार और कांग्रेस के लिए अर्नगल बोलते हैं. उनके दिल में नफरत है. मैंने उनकी नफरत को गले लग कर प्यार से दबाया. आरएसएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज में वैमनस्य फैलाने और माहौल भड़काने का काम करती है वहीं कांग्रेस प्यार और अमन चैन भाईचारे की बात करती है. यही फर्क उनमें और कांग्रेस में है.
मंच से राहुल गांधी ने चौकीदार चोर है के नारे लगवाए और कहा कि देश के चौकीदार ने अंबानी अडानी की तिजोरियां पैसों से भरा है. राहुल ने कहा कि नफरत को नफरत से नहीं बल्कि प्यार से ही जीता जा सकता है. मंच से ही राहुल ने सेवादल से माफी मांगी और कहां की सेवा दल को जो सम्मान मिलना चाहिए वह उन्हें मिला नहीं है. उन्होंने पटना में हुई रैली का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस की रैली में एनएसयूआई, महिला कांग्रेस, यूथ कांग्रेस सभी का नाम लिया गया लेकिन सेवादल का नाम नहीं लिया. उन्होंने भरोसा दिलाया कि सेवादल को पूरा सम्मान मिलेगा. कांग्रेस शासित राज्यों में मुख्यमंत्री मंत्री सेवादल के कार्यकर्ताओं को तरजीह देंगे.
राहुल ने अपने संबोधन में कहा कि सेवा दल का कार्यकर्ता लोगों के बीच में जाए और प्यार-अमन और भाईचारे का संदेश दे. उन्होंने कहा कि हम नफरत हिंसा में विश्वास नहीं करते. सेवादल का काम सेवा और अपनी विचारधारा के माध्यम से धरातल पर काम करते हुए देश को कमजोर करने वाली ताकतों के खिलाफ वैचारिक लड़ाई लड़ने का है.