पुष्कर (अजमेर). अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले के तहत गुरुवार का दिन महिला सशक्तिकरण के नाम रहा. एक ओर जहां 2000 से अधिक महिलाओं ने घूमर नृत्य की प्रस्तुति देकर राजस्थानी लोक कला व संस्कृति की छटा बिखेरी तो वहीं दूसरी ओर रूमा देवी का उद्बोधन महिलाओं में नई ऊर्जा संचारित करने वाला साबित हुआ.
पुष्कर मेले में देशी-विदेशी पर्यटकों के मनोरंजन और आकर्षण के लिए यूं तो कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं. लेकिन पुष्कर मेले के इतिहास में पहली बार महिला सशक्तिकरण जैसे संवेदनशील विषय पर कार्यक्रम आयोजित हुए. इतना ही नहीं 2,000 से अधिक महिलाओं की शानदार घूमर नृत्य प्रस्तुति को आज इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में जगह भी मिली. घूमर नृत्य का निर्देशन सुनीता भार्गव ने किया.
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महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल बनीं रूमा देवी का उद्बोधन कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता का भाव जगाने वाला रहा. रूमा देवी ने बताया कि पुष्कर मेले में हुआ यह आयोजन बहुत अच्छी पहल है. इसके माध्यम से लोगों को रोजगार मिल रहा है. रूमा देवी ने अपने संघर्ष भरे जीवन का जिक्र करते हुए बताया कि कम उम्र में मां की मृत्यु और स्वयं की शादी के बावजूद उन्होंने हिम्मत रखी और आज ग्रामीण विकास महिला संस्थान के सहयोग से 75 गांवों की 22000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का गौरव हासिल किया.
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गौरतलब है कि रूमा देवी एक भारतीय हस्तशिल्पकार एवं महिला उद्यमी हैं. उन्होंने अपने हस्तशिल्प के दम पर पूरे विश्व में अपना नाम कमाया. रूमा देवी 2018 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित है. हाल ही में उन्हें सुप्रसिद्ध टीवी शो केबीसी में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने 'कर्मवीर' पुरस्कार से सम्मानित किया था.