अजमेर. सीएए, एनपीआर और एनआरसी के विरोध में अंदर कोट इलाके में स्थित ढाई दिन की झोपड़ी के पास जनसभा का आयोजन हुआ. जनसभा के माध्यम से केंद्र सरकार की नीतियों की खिलाफत भी की गई. इसका आयोजन एनआरसी एनपीआर और सीएए विरोधी संघर्ष समिति की ओर से किया गया.
जनसभा में वरिष्ठ पत्रकार प्रशांत टंडन, स्वतंत्र टिप्पणीकार अखलाक अहमद उस्मानी, प्रोफेसर साजिद फलाही, मोहसीन रशीद, शहर काजी तौफीक सिद्दीकी सहित कई वक्ताओं ने एनआरसी एनपीआर और सीएए के विरोध जताते हुए अपने विचार रखें. वहीं जनसभा में बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग शामिल हुए.
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वक्ताओं ने केंद्र सरकार की खिलाफत करते हुए कहा कि एनआरसी एनपीआर और सीएए कानून से देश में नफरत और हिंसा का माहौल बना है. इस कानून के जरिए केंद्र सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है. यह देश सभी धर्म के लोगों का है. ऐसे में सीएए कानून में मुसलमानों को शामिल नहीं किया गया.
वहीं समिति के सदस्य आरिफ हुसैन ने कहा कि केंद्र सरकार जब तक यह काला कानून वापस नहीं लेगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा. समिति के सदस्य एसएम अकबर ने कहा कि सीएए कानून को लेकर अजमेर में एक महीने से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.