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अजमेरः पंचायत सहायकों की मानदेय बढ़ाने और नियमित करने की मांग, ज्ञापन सौंपा

पंचायत सहायकों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार से मानदेय बढ़ाने और उन्हें नियमित करने की मांग की है.

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पंचायत सहायकों की नियमित करने की मांग
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Published : Feb 7, 2020, 2:29 PM IST

अजमेर. पंचायत सहायकों का कहना है, कि उन्हें मनरेगा श्रमिक से भी कम मानदेय मिलता है. जिस कारण आर्थिक तंगी की वजह से राज्य में करीब 70 पंचायत सहायक आत्महत्या कर चुके हैं.

पंचायत सहायकों की नियमित करने की मांग

पंचायत सहायकों ने बताया, कि कई सालों तक उन्होंने विद्यार्थी मित्र के रूप में अपनी सेवाएं दीं. उसके बाद पूर्व वसुंधरा सरकार ने उन्हें पंचायत सहायक के रूप में लगाया था. पूर्व वसुंधरा सरकार ने उनका मानदेय नहीं बढ़ाया और ना ही उन्हें नियमित किया. वहीं सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने सरकार आने पर 90 दिन में उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन गहलोत सरकार भी अपना वादा नहीं निभा रही है.

पढ़ें. मंत्री मेघवाल ने अधिकारियों की ली बैठक, बजट का पैसा खर्च नहीं होने पर अधिकारियों को लगाई लताड़

उन्होंने बताया, कि मानदेय की वजह से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक तंगी की वजह से उनमें तनाव व्याप्त है. पारिवारिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाने से उनकी मनोदशा भी ठीक नहीं है.

उन्होंने कहा, कि पंचायत सहायक पद पर लगे सभी लोग उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. सरकार अपना वादा पूरा करे और नियमित कर उनके मानदेय को बढ़ाए .

अजमेर. पंचायत सहायकों का कहना है, कि उन्हें मनरेगा श्रमिक से भी कम मानदेय मिलता है. जिस कारण आर्थिक तंगी की वजह से राज्य में करीब 70 पंचायत सहायक आत्महत्या कर चुके हैं.

पंचायत सहायकों की नियमित करने की मांग

पंचायत सहायकों ने बताया, कि कई सालों तक उन्होंने विद्यार्थी मित्र के रूप में अपनी सेवाएं दीं. उसके बाद पूर्व वसुंधरा सरकार ने उन्हें पंचायत सहायक के रूप में लगाया था. पूर्व वसुंधरा सरकार ने उनका मानदेय नहीं बढ़ाया और ना ही उन्हें नियमित किया. वहीं सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने सरकार आने पर 90 दिन में उन्हें नियमित करने का वादा किया था, लेकिन गहलोत सरकार भी अपना वादा नहीं निभा रही है.

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उन्होंने बताया, कि मानदेय की वजह से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है. आर्थिक तंगी की वजह से उनमें तनाव व्याप्त है. पारिवारिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाने से उनकी मनोदशा भी ठीक नहीं है.

उन्होंने कहा, कि पंचायत सहायक पद पर लगे सभी लोग उच्च शिक्षा प्राप्त हैं. सरकार अपना वादा पूरा करे और नियमित कर उनके मानदेय को बढ़ाए .

Intro:अजमेर। राजस्थान ग्राम पंचायत सहायक महासंघ के बैनर तले अजमेर में पंचायत सहायकों ने जिला प्रशासन के माध्यम से सरकार से मानदेय बढ़ाने और उन्हें नियमित करने की मांग की है पंचायत सहायकों का कहना है कि उन्हें मनरेगा श्रमिक से भी कम मानदेय मिलता है जिस कारण आर्थिक तंगी की वजह से राज्य में करीब 70 पंचायत सहायक आत्महत्या कर चुके हैं।

पंचायत सहायकों ने बताया कि कई वर्षों तक उन्होंने विद्यार्थी मित्र के रूप में अपनी सेवाएं दी उसके बाद पूर्व वसुंधरा सरकार ने उन्हें पंचायत सहायक के रूप में लगाया था पूर्व वसुंधरा सरकार ने उनका मानदेय नहीं बढ़ाया और ना ही उन्हें नियमित किया वहीं सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने सरकार आने पर 90 दिन में उन्हें नियमित करने का वादा किया था लेकिन गहलोत सरकार भी अपना वादा नहीं निभा रही है उन्होंने बताया कि आप मानदेय की वजह से उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है उन्होंने यह भी बताया कि राजस्थान में आर्थिक तंगी की वजह से करीब 70 पंचायत सहायक आत्महत्या कर चुके हैं आर्थिक तंगी की वजह से उनमें तनाव व्याप्त है और परिवारिक जरूरतों को पूरा नहीं कर पाने से उनकी मनोदशा भी ठीक नहीं है उन्होंने कहा कि पंचायत सहायक पद पर लगे सभी लोग उच्च शिक्षा प्राप्त है उन्होंने कहा कि सरकार अपना वादा पूरा करें और उन्हें नियमित कर उनके मानदेय को बढ़ाएं ....
बाइट कृष्णा गोठवाल पंचायत सहायक
बाइट किशोर यादव पंचायत सहायक

बता दें कि राजस्थान में 26 हजार एवं अजमेर जिले में 871 पंचायत सहायक लगे हैं।


Body:प्रियांक शर्मा अजमेर


Conclusion:
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