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हाई सिक्योरिटी जेल में 12 कैदियों की कलाई पर बंधी राखी, जानिए क्यों रही शेष बंदियों की कलाइयां सूनी

अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में केवल 12 कैदियों की कलाई पर ही राखी बंध पाई. हालांकि शेष बंदियों की कलाई सूनी रह गई.

only 12 prisoners allowed to tie Rakhi
जेल में 12 कैदियों की कलाई पर बंधी राखी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 30, 2023, 5:59 PM IST

Updated : Aug 30, 2023, 7:20 PM IST

ज्यादातर कैदियों की कलाइयां राखी के बिना रही सूनी...

अजमेर. रक्षाबंधन के पर्व पर हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है. जब भाई दूर हो तो बहनें उसे राखी भेजती है. लेकिन जब भाई जेल में हो, तब बहन के दुख को बयां कर पाना मुश्किल होता है. प्रदेश की हर जेल में रक्षाबंधन के पर्व पर बहनें दूर-दूर से भाई को राखी बांधने पंहुची. लेकिन प्रदेश की एकमात्र हाई सिक्योरिटी जेल है जहां कुछ कैदियों की किस्मत में ही बहन के हाथों से राखी बंधवाना लिखा था. ज्यादातर कैदियों की कलाइयां बहन की राखी के बिना सूनी ही रही.

जानिए कारण: अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में 208 के लगभग हार्डकोर अपराधी हैं, जो राज्य के विभिन्न जिलों की जेलों से यहां शिफ्ट किए गए हैं. गंभीर अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण ही उन्हें सामान्य जिलों की बजाय हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया हैं. जेल में कुछ बंदी राजस्थान के बाहर से भी हैं. अजमेर की केंद्रीय कारागार जेल में रक्षाबंधन के पर्व पर भावनात्मक माहौल रहा. दूर-दराज से बहने जेल में कैद भाई की कलाई पर राखी बांधने पंहुची. भाई को जेल की सलाखों के पार देख बहनों की आंखों से आंसू बह रहे थे. बहनों की आंखों में आंसू देख भाई की आंखे भी बह रही थी.

पढ़ें: कारागृह में बंदी भाइयों को राखी बांधने पहुंची बहनें, भाइयों ने अपराध छोड़ने का किया वादा

बहनों ने सलाखों में हाथ डालकर भाई के माथे पर तिलक किया और कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया. बहनों ने भाई को राखी बांधकर उनकी जल्द रिहाई की कामना की. लेकिन प्रदेश की एक मात्र हाई सिक्योरिटी जेल में कैद 12 बंदियों को ही बहनों का स्नेह मिल पाया. जबकि शेष कैदियों के हाथों की कलाइयां बहन की राखी के बिना ही सूनी रही. हाई सिक्योरिटी जेल की जेलर भंवर सिंह बताते हैं कि रक्षाबंधन के पर्व पर जेल में कैद बंदियों की बहनें राखी बांधने आई थी. इस दौरान काफी भावनात्मक माहौल देखा गया.

पढ़ें: राखी पर रक्षक बनकर आया कांस्टेबल, चंबल पुलिया से कूदने पहुंची महिला की बचाई जान

हाई सिक्योरिटी के जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ बताते हैं कि 12 कैदियों से मिलने के लिए उनकी बहनें आई थी. वर्तमान में 208 हार्डकोर अपराधी जेल में हैं. उन्होंने बताया कि यह सभी हार्डकोर अपराधी राजस्थान के विभिन्न जिलों है. अपराध में लिप्तता के कारण इनके कई दुश्मन भी हैं. उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन के पर्व पर मुलाकात कम रहने के कारण कई है. इनमें सबसे बड़ा कारण दूरी है. राजस्थान की कई जिलों से हार्डकोर अपराधियों को यहां रखा जाता है. आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण इनकी दुश्मनी भी काफी है. ऐसे स्वंय के साथ साथ परिवार की सुरक्षा को लेकर हमेशा खतरा बना रहता है.

पढ़ें: BJP Kamal Rakhi Campaign : राजस्थान में कमल खिलाने के लिए भाजपा नेत्रियां बांध रही 'कमल' रक्षासूत्र, जानें इसके पीछे की मंशा

तीसरा बड़ा कारण यह भी है कि परिजनों को लगता है कि मुलाकात यहां करवाई जाएगी अथवा नहीं. इसको लेकर वह असमंजस्य स्थित में रहते हैं. उन्होंने बताया कि कई बंदी अन्य राज्यों से भी हैं. यही वजह है कि हाई सिक्योरिटी जेल में सामान्य जेल की अपेक्षा मुलाकात कम रहती है. उन्होंने बताया कि कई बड़े अपराधियों की गैंग के सदस्य यहां कैद हैं. इनमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग, राजू फौजी गैंग, राजू ठेठ हत्याकांड के आरोपी, आनंदपाल गैंग, कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी जेल में कैद हैं.

ज्यादातर कैदियों की कलाइयां राखी के बिना रही सूनी...

अजमेर. रक्षाबंधन के पर्व पर हर बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है. जब भाई दूर हो तो बहनें उसे राखी भेजती है. लेकिन जब भाई जेल में हो, तब बहन के दुख को बयां कर पाना मुश्किल होता है. प्रदेश की हर जेल में रक्षाबंधन के पर्व पर बहनें दूर-दूर से भाई को राखी बांधने पंहुची. लेकिन प्रदेश की एकमात्र हाई सिक्योरिटी जेल है जहां कुछ कैदियों की किस्मत में ही बहन के हाथों से राखी बंधवाना लिखा था. ज्यादातर कैदियों की कलाइयां बहन की राखी के बिना सूनी ही रही.

जानिए कारण: अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में 208 के लगभग हार्डकोर अपराधी हैं, जो राज्य के विभिन्न जिलों की जेलों से यहां शिफ्ट किए गए हैं. गंभीर अपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण ही उन्हें सामान्य जिलों की बजाय हाई सिक्योरिटी जेल में रखा गया हैं. जेल में कुछ बंदी राजस्थान के बाहर से भी हैं. अजमेर की केंद्रीय कारागार जेल में रक्षाबंधन के पर्व पर भावनात्मक माहौल रहा. दूर-दराज से बहने जेल में कैद भाई की कलाई पर राखी बांधने पंहुची. भाई को जेल की सलाखों के पार देख बहनों की आंखों से आंसू बह रहे थे. बहनों की आंखों में आंसू देख भाई की आंखे भी बह रही थी.

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बहनों ने सलाखों में हाथ डालकर भाई के माथे पर तिलक किया और कलाई पर राखी बांधकर मिठाई खिलाकर मुंह मीठा करवाया. बहनों ने भाई को राखी बांधकर उनकी जल्द रिहाई की कामना की. लेकिन प्रदेश की एक मात्र हाई सिक्योरिटी जेल में कैद 12 बंदियों को ही बहनों का स्नेह मिल पाया. जबकि शेष कैदियों के हाथों की कलाइयां बहन की राखी के बिना ही सूनी रही. हाई सिक्योरिटी जेल की जेलर भंवर सिंह बताते हैं कि रक्षाबंधन के पर्व पर जेल में कैद बंदियों की बहनें राखी बांधने आई थी. इस दौरान काफी भावनात्मक माहौल देखा गया.

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हाई सिक्योरिटी के जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ बताते हैं कि 12 कैदियों से मिलने के लिए उनकी बहनें आई थी. वर्तमान में 208 हार्डकोर अपराधी जेल में हैं. उन्होंने बताया कि यह सभी हार्डकोर अपराधी राजस्थान के विभिन्न जिलों है. अपराध में लिप्तता के कारण इनके कई दुश्मन भी हैं. उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन के पर्व पर मुलाकात कम रहने के कारण कई है. इनमें सबसे बड़ा कारण दूरी है. राजस्थान की कई जिलों से हार्डकोर अपराधियों को यहां रखा जाता है. आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहने के कारण इनकी दुश्मनी भी काफी है. ऐसे स्वंय के साथ साथ परिवार की सुरक्षा को लेकर हमेशा खतरा बना रहता है.

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तीसरा बड़ा कारण यह भी है कि परिजनों को लगता है कि मुलाकात यहां करवाई जाएगी अथवा नहीं. इसको लेकर वह असमंजस्य स्थित में रहते हैं. उन्होंने बताया कि कई बंदी अन्य राज्यों से भी हैं. यही वजह है कि हाई सिक्योरिटी जेल में सामान्य जेल की अपेक्षा मुलाकात कम रहती है. उन्होंने बताया कि कई बड़े अपराधियों की गैंग के सदस्य यहां कैद हैं. इनमें लॉरेंस बिश्नोई गैंग, राजू फौजी गैंग, राजू ठेठ हत्याकांड के आरोपी, आनंदपाल गैंग, कन्हैया लाल हत्याकांड के आरोपी जेल में कैद हैं.

Last Updated : Aug 30, 2023, 7:20 PM IST
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