अजमेर. अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी में बुधवार को चुनाव के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए. कॉलेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से लिंगदोह समिति के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था आयोजित किए गए. यूनिवर्सिटी से 200 फीट की दूरी तक विद्यार्थियों और छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को एकत्रित नहीं होने दिया गया. इसी वजह से आमतौर पर छात्र संघ चुनाव के दौरान होने वाला हल्ला और हुड़दंग इस बार नहीं देखा गया. पुलिस की सख्ती की वजह से यूनिवर्सिटी का माहौल शांत रहा.
यूनिवर्सिटी में केवल उन्हीं विद्यार्थियों को दाखिला दिया गया जिनके पास यूनिवर्सिटी का परिचय पत्र था. मतदान करने के बाद विद्यार्थियों को वापस कैंपस से बाहर किया गया. यूनिवर्सिटी में करीब 5 सालों से ओमार शीट पर ही मतदान हो रहा है. निष्पक्ष मतदान करवाने और फर्जी मतदान ना हो इसके लिए ओमार शीट के भी क्रमांक नंबर दिए गए हैं.
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समस्याओं से जूझ रहा एमडीएस यूनिवर्सिटी
यूनिवर्सिटी में पिछले डेढ़ साल से कुलपति की नियुक्ति नहीं होना एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन रहा. कुलपति के अभाव में यूनिवर्सिटी में कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. जिसका खासा असर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर भी पड़ रहा है.
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छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी को लेकर हमेशा से सरकारों की बेरुखी रही है. कुलपति की नियुक्ति तो केवल डेढ़ वर्ष से नहीं हई है. यूनिवर्सिटी में तमाम संसाधन होने के बावजूद दशकों से विद्यार्थियों की संख्या 11 सौ से ज्यादा नहीं बढ़ाई गई है. यही वजह है कि यूनिवर्सिटी में होने वाले छात्र संघ चुनाव भी विद्यार्थियों की कम संख्या की वजह से प्रभावित रहता है.
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित जैन बताया कि यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रशासन कभी गंभीर नहीं रहा है. साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कभी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी, बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल को लेकर सरकार से मांग नहीं की है.