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छात्र संघ चुनाव 2019: चाक-चौबंद सुरक्षा के बीच संपन्न हुआ एमडीएस यूनिवर्सिटी में चुनाव

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Published : Aug 27, 2019, 8:56 PM IST

अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव को लेकर इस बार यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस सख्त नजर आए. यूनिवर्सिटी से 200 फीट की दूरी तक विद्यार्थियों को एकत्रित नहीं होने दिया गया. वहीं, ओमार शीट पर मतदान हुआ.

student union election 2019, एमडीएस यूनिवर्सिटी में चुनाव

अजमेर. अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी में बुधवार को चुनाव के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए. कॉलेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से लिंगदोह समिति के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था आयोजित किए गए. यूनिवर्सिटी से 200 फीट की दूरी तक विद्यार्थियों और छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को एकत्रित नहीं होने दिया गया. इसी वजह से आमतौर पर छात्र संघ चुनाव के दौरान होने वाला हल्ला और हुड़दंग इस बार नहीं देखा गया. पुलिस की सख्ती की वजह से यूनिवर्सिटी का माहौल शांत रहा.

एमडीएसयू में चुनाव को लेकर प्रशासन सख्त

यूनिवर्सिटी में केवल उन्हीं विद्यार्थियों को दाखिला दिया गया जिनके पास यूनिवर्सिटी का परिचय पत्र था. मतदान करने के बाद विद्यार्थियों को वापस कैंपस से बाहर किया गया. यूनिवर्सिटी में करीब 5 सालों से ओमार शीट पर ही मतदान हो रहा है. निष्पक्ष मतदान करवाने और फर्जी मतदान ना हो इसके लिए ओमार शीट के भी क्रमांक नंबर दिए गए हैं.

ये पढ़ें: छात्र संघ चुनाव 2019: अजमेर में मतदान शांतिपूर्ण संपन्न...छात्रों में दिखा उत्साह

समस्याओं से जूझ रहा एमडीएस यूनिवर्सिटी

यूनिवर्सिटी में पिछले डेढ़ साल से कुलपति की नियुक्ति नहीं होना एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन रहा. कुलपति के अभाव में यूनिवर्सिटी में कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. जिसका खासा असर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर भी पड़ रहा है.

ये पढ़ें: छात्र संघ चुनाव 2019: NSUI ने कहा बौखलाहट में ABVP वाले प्राचार्य को कांग्रेसी बता रहे

छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी को लेकर हमेशा से सरकारों की बेरुखी रही है. कुलपति की नियुक्ति तो केवल डेढ़ वर्ष से नहीं हई है. यूनिवर्सिटी में तमाम संसाधन होने के बावजूद दशकों से विद्यार्थियों की संख्या 11 सौ से ज्यादा नहीं बढ़ाई गई है. यही वजह है कि यूनिवर्सिटी में होने वाले छात्र संघ चुनाव भी विद्यार्थियों की कम संख्या की वजह से प्रभावित रहता है.

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित जैन बताया कि यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रशासन कभी गंभीर नहीं रहा है. साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कभी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी, बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल को लेकर सरकार से मांग नहीं की है.

अजमेर. अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी में बुधवार को चुनाव के दौरान सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए. कॉलेज प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से लिंगदोह समिति के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था आयोजित किए गए. यूनिवर्सिटी से 200 फीट की दूरी तक विद्यार्थियों और छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को एकत्रित नहीं होने दिया गया. इसी वजह से आमतौर पर छात्र संघ चुनाव के दौरान होने वाला हल्ला और हुड़दंग इस बार नहीं देखा गया. पुलिस की सख्ती की वजह से यूनिवर्सिटी का माहौल शांत रहा.

एमडीएसयू में चुनाव को लेकर प्रशासन सख्त

यूनिवर्सिटी में केवल उन्हीं विद्यार्थियों को दाखिला दिया गया जिनके पास यूनिवर्सिटी का परिचय पत्र था. मतदान करने के बाद विद्यार्थियों को वापस कैंपस से बाहर किया गया. यूनिवर्सिटी में करीब 5 सालों से ओमार शीट पर ही मतदान हो रहा है. निष्पक्ष मतदान करवाने और फर्जी मतदान ना हो इसके लिए ओमार शीट के भी क्रमांक नंबर दिए गए हैं.

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समस्याओं से जूझ रहा एमडीएस यूनिवर्सिटी

यूनिवर्सिटी में पिछले डेढ़ साल से कुलपति की नियुक्ति नहीं होना एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन रहा. कुलपति के अभाव में यूनिवर्सिटी में कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. जिसका खासा असर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर भी पड़ रहा है.

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छात्रों ने बताया कि यूनिवर्सिटी को लेकर हमेशा से सरकारों की बेरुखी रही है. कुलपति की नियुक्ति तो केवल डेढ़ वर्ष से नहीं हई है. यूनिवर्सिटी में तमाम संसाधन होने के बावजूद दशकों से विद्यार्थियों की संख्या 11 सौ से ज्यादा नहीं बढ़ाई गई है. यही वजह है कि यूनिवर्सिटी में होने वाले छात्र संघ चुनाव भी विद्यार्थियों की कम संख्या की वजह से प्रभावित रहता है.

पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित जैन बताया कि यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रशासन कभी गंभीर नहीं रहा है. साथ ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कभी यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी, बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल को लेकर सरकार से मांग नहीं की है.

Intro:अजमेर। अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की कम संख्या के साथ ही मतदान में भी विद्यार्थियों की कम रुचि प्रत्याशियों के लिए चिंता का सबब बनी हुई है। यूनिवर्सिटी में एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच सीधी टक्कर है। एबीवीपी में यहां उपाध्यक्ष पद पर पहले ही निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी। ऐसे में मुकाबला अब और रोचक हो गया है।

अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी में छात्र संघ चुनाव को लेकर इस बार यूनिवर्सिटी प्रशासन और पुलिस सख्त नजर आ रहे हैं। यूनिवर्सिटी से 200 फीट की दूरी तक विद्यार्थियों और छात्र संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को एकत्रित नहीं होने दिया जा रहा है। यही वजह है कि आमतौर पर छात्र संघ चुनाव के दौरान होने वाला हल्ला और हुड़दंग इस बार नहीं देखा जा रहा है। पुलिस की सख्ती की वजह से माहौल शांत है। वही यूनिवर्सिटी में प्रशासन की सख्ती की वजह से केवल उन्हीं विद्यार्थियों को दाखिला दिया जा रहा है जिनके पास यूनिवर्सिटी का परिचय पत्र है। मतदान करने के बाद विद्यार्थियों को वापस कैंपस से बाहर किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी में करीब 5 सालों से ओमार शीट पर ही मतदान हो रहा है निष्पक्ष मतदान करवाने और फर्जी मतदान ना हो इसके लिए ओमार शीट के भी क्रमांक नंबर दिए गए हैं। बता दें कि यूनिवर्सिटी में डेढ़ वर्ष से कुलपति की नियुक्ति नहीं होना एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन चुका है। कुलपति के अभाव में यूनिवर्सिटी में कामकाज प्रभावित हो रहे हैं जिसका खासा असर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले विद्यार्थियों पर भी पड़ रहा है। बता दें कि यूनिवर्सिटी को लेकर हमेशा से सरकारों की बेरुखी रही है। कुलपति की नियुक्ति नहीं होना यह मुद्दा तो सिर्फ डेढ़ वर्ष से बना हुआ है लेकिन इससे बड़ा सवाल यह है कि यूनिवर्सिटी में तमाम संसाधन होने के बावजूद दशकों से विद्यार्थियों की संख्या 11 सौ से ज्यादा नहीं बढ़ पाई है। यही वजह है कि अक्सर यूनिवर्सिटी में होने वाले छात्र संघ चुनाव का परिणाम भी विद्यार्थियों की कम संख्या की वजह से प्रभावित रहता है। इस बार भी परिणाम प्रभावित होंगे यूनिवर्सिटी में कुल 785 मतदाता है। 1:00 बजे तक चुनाव है वही 12:00 बजे तक 38 फ़ीसदी ही मतदान हुआ है। पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित जैन बताते हैं कि यूनिवर्सिटी में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रशासन कभी गंभीर नहीं रहा है और ना ही यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कभी सरकार से मांग की है यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की कमी है वही बॉयज और गर्ल्स हॉस्टल की सुविधा नहीं है।
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Body:प्रियांक शर्मा अजमेर


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