अजमेर. शहर के वैशाली नगर इलाके में चौपाटी के पास जालौर जिले के सांचौर क्षेत्र से आए कुछ परिवार रावण के पुतले बनाकर बेच रहे हैं. रावण के साथ मेघनाथ और कुंभकर्ण का पुतला भी बनाया जा रहा है. पिछले 4 वर्षों से रावण मेघनाथ और कुम्भकर्ण के पुतले अजमेर में यह परिवार भेज रहा है.
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रावण के पुतले बनाने वाले कारीगर धन्नालाल ने बताया कि लोगों की डिमांड के अनुसार रावण के पुतले की अधिकतम और न्यूनतम साइज बनाई जाती है. उसने बताया कि बॉस, अखबार और लुगदी से रावण के पुत्रों का निर्माण किया जाता है. डिमांड बढ़ने पर कुछ वर्षों से उनका परिवार रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले बनाने लगा है.
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अजमेर में पिछले 4 महीने से डेरा डाले यह परिवार रावण का पुतला बना रहे हैं. लेकिन देर रात की बारिश ने इनकी मेहनत पर पानी फेर दिया. बुत पर दिए गए आकार पर लगाए कागज बारिश के पानी से गल गए हैं. लिहाजा उन्हें दोबारा से पुतलों पर कागज लगाने की मेहनत करनी पड़ रही है. कारीगर हीरा ने बताया कि दशहरे के एक-दो दिन पहले लोग उनसे रावण मेघनाथ और कुंभकरण के पुतले खरीद कर ले जाते हैं.
बदलते समय में जहां होलीका गली मोहल्लों और कॉलोनियों में जलाई जाने लगी है. उसी तर्ज पर अब रावण दहन भी होने लगे हैं. जबकि शहरों में एक दो जगह और गांव में एक ही जगह पर रावण दहन करने की हमेशा से परंपरा रही है. ताकि लोग एकजुट होकर बुराई पर अच्छाई की विजय को होते हुए देख सकें.