अजमेर. गणेश चतुर्थी के मौके पर जहां देशभर में गणेश भक्तों की धूम मची हुई थी. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम ने शुक्रवार सुबह उस स्थल का दौरा किया. तो गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन कुंड से नगर निगम द्वारा रात ही में खाली करा लिया गया था. यहां लगभग 200 से 300 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था. अब ऐसे में नगर निगम द्वारा तत्परता दिखाते हुए देर रात ही गणेश प्रतिमाओं को वहां से निकालकर कुंड को खाली किया गया.
लेकिन इस बार गणेश प्रतिमाओं का अनुमानित तौर पर पिछली बार से कम आंकड़ा रहा. क्योंकि जहां एक ओर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में कहीं गणेश भक्तों ने मिट्टी से बने गणेश प्रतिमाओं को इस बार सराहा और उनकी स्थापना कर उनका विसर्जन किया. कहीं इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं नजर आई जो पर्यावरण दूषित ना हो उसकी मिसाल दे रही थी.
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वहीं जब प्लास्टर ऑफ पेरिस प्रतिमाओं को पानी में विसर्जित किया जाता है, तो पानी भी दूषित होता है. जिसके चलते कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न होती है. जहां प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां पूरी तरह पानी में नहीं घुल पाती और पानी को दूषित करने का काम करती है. तो वहीं मिट्टी से बनी प्रतिमाएं पानी में पूरी तरह घुल जाती है. जिससे पानी भी दूषित नहीं होता है. ऐसे में लोगों ने ज्यादा मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं को ज्यादा से ज्यादा स्थापित किया.