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गणेश विसर्जन के दौरान देवी-देवताओं की प्रतिमाओं की दिखी बेकद्री

गणेश चतुर्थी के मौके पर जहां देशभर में गणेश भक्तों की धूम मची हुई थी. वहीं श्रद्धा और भक्ति के साथ में गणेश प्रतिमाओं की पूजा अर्चना कर विसर्जन किया गया. तथा जहां गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन करने के लिए नगर निगम द्वारा आजाद पार्क में कुंड बनाया गया था, जिसमें गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन करने की कवायद पूरे दिन तक चली.

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Published : Sep 14, 2019, 8:31 AM IST

Updated : Sep 14, 2019, 1:47 PM IST

अजमेर. गणेश चतुर्थी के मौके पर जहां देशभर में गणेश भक्तों की धूम मची हुई थी. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम ने शुक्रवार सुबह उस स्थल का दौरा किया. तो गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन कुंड से नगर निगम द्वारा रात ही में खाली करा लिया गया था. यहां लगभग 200 से 300 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था. अब ऐसे में नगर निगम द्वारा तत्परता दिखाते हुए देर रात ही गणेश प्रतिमाओं को वहां से निकालकर कुंड को खाली किया गया.

नजर आई कुछ गणेश और देवी-देवताओं की तस्वीरों की बेकद्री

लेकिन इस बार गणेश प्रतिमाओं का अनुमानित तौर पर पिछली बार से कम आंकड़ा रहा. क्योंकि जहां एक ओर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में कहीं गणेश भक्तों ने मिट्टी से बने गणेश प्रतिमाओं को इस बार सराहा और उनकी स्थापना कर उनका विसर्जन किया. कहीं इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं नजर आई जो पर्यावरण दूषित ना हो उसकी मिसाल दे रही थी.

यह भी पढ़ें- भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर सरकार को बड़ा झटका, इंश्योरेंस कंपनी ने काम करने से किया इनकार

वहीं जब प्लास्टर ऑफ पेरिस प्रतिमाओं को पानी में विसर्जित किया जाता है, तो पानी भी दूषित होता है. जिसके चलते कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न होती है. जहां प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां पूरी तरह पानी में नहीं घुल पाती और पानी को दूषित करने का काम करती है. तो वहीं मिट्टी से बनी प्रतिमाएं पानी में पूरी तरह घुल जाती है. जिससे पानी भी दूषित नहीं होता है. ऐसे में लोगों ने ज्यादा मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं को ज्यादा से ज्यादा स्थापित किया.

अजमेर. गणेश चतुर्थी के मौके पर जहां देशभर में गणेश भक्तों की धूम मची हुई थी. ऐसे में जब ईटीवी भारत की टीम ने शुक्रवार सुबह उस स्थल का दौरा किया. तो गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन कुंड से नगर निगम द्वारा रात ही में खाली करा लिया गया था. यहां लगभग 200 से 300 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था. अब ऐसे में नगर निगम द्वारा तत्परता दिखाते हुए देर रात ही गणेश प्रतिमाओं को वहां से निकालकर कुंड को खाली किया गया.

नजर आई कुछ गणेश और देवी-देवताओं की तस्वीरों की बेकद्री

लेकिन इस बार गणेश प्रतिमाओं का अनुमानित तौर पर पिछली बार से कम आंकड़ा रहा. क्योंकि जहां एक ओर प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण दूषित हो रहा है. ऐसे में कहीं गणेश भक्तों ने मिट्टी से बने गणेश प्रतिमाओं को इस बार सराहा और उनकी स्थापना कर उनका विसर्जन किया. कहीं इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं नजर आई जो पर्यावरण दूषित ना हो उसकी मिसाल दे रही थी.

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वहीं जब प्लास्टर ऑफ पेरिस प्रतिमाओं को पानी में विसर्जित किया जाता है, तो पानी भी दूषित होता है. जिसके चलते कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न होती है. जहां प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां पूरी तरह पानी में नहीं घुल पाती और पानी को दूषित करने का काम करती है. तो वहीं मिट्टी से बनी प्रतिमाएं पानी में पूरी तरह घुल जाती है. जिससे पानी भी दूषित नहीं होता है. ऐसे में लोगों ने ज्यादा मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं को ज्यादा से ज्यादा स्थापित किया.

Intro:अजमेर/ गणेश चतुर्थी के मौके पर जहां देशभर में गणेश भक्तों की धूम मची हुई थी श्रद्धा और भक्ति के साथ में गणेश प्रतिमाओं की पूजा अर्चना कर विसर्जन किया गया जान गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन करने के लिए नगर निगम द्वारा आजाद पार्क में कुंड बनाया गया था जिसमें गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन करने की कवायद पूरे दिन तक चली


Body:जब ईटीवी भारत की टीम ने शुक्रवार सुबह उसे स्थल का दौरा किया तो गणेश प्रतिमाओं को विसर्जन कुंड से नगर निगम द्वारा रात ही खाली करा लिया गया था जहां लगभग 200 से 300 गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था अब ऐसे में नगर निगम द्वारा तत्परता दिखाते हुए देर रात ही गणेश प्रतिमाओं को वहां से निकालकर कुंड को खाली किया गया


लेकिन इस बार गणेश प्रतिमाओं का अनुमानित तौर पर पिछली बार से कम आंकड़ा रहा क्योंकि जहां एक और प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों से पर्यावरण दूषित हो रहा है तो ऐसे में कहीं गणेश भक्तों ने मिट्टी से बने गणेश प्रतिमाओं को इस बार सराहा और उनकी स्थापना कर उनका विसर्जन किया तो कहीं इको फ्रेंडली गणेश प्रतिमाएं नजर आई जो पर्यावरण दूषित ना हो उसकी मिसाल दे रही थी



वहीं जब प्लास्टर ऑफ पेरिस प्रतिमाओं को पानी में विसर्जित किया जाता है तो पानी भी दूषित होता है जिसके चलते कई तरह की समस्याएं भी उत्पन्न होती है जहां प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी मूर्तियां पूरी तरह पानी में नहीं बोल पाती और पानी को दूषित करने का काम करती है तो वही मिट्टी से बनी प्रतिमाएं पानी में पूरी तरह भूल जाती है जिससे पानी भी दूषित नहीं होता है ऐसे में लोगों ने ज्यादा मिट्टी के गणेश प्रतिमाओं को ज्यादा से ज्यादा स्थापित किया


Conclusion:जान गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया था वहां पर गणेश प्रतिमाओं पर उड़ाई गई चुनरिया वे देवताओं की कुछ तस्वीरें हमें कचरे के ढेर में नजर आए जहां नगर निगम के कर्मचारियों द्वारा उनको खतरों के ढेर में डालकर फेंका जा रहा था जहां साफ तौर पर गणेश प्रतिमाओं के साथ काम आने वाली चुनरी वह कुछ तस्वीरों की भी होती हुई आप साफ तौर पर इन कैमरा में कैद हुई तस्वीरों में देख सकते हैं


बाईट-सुनील कुमार नगर निगम कर्मचारी
Last Updated : Sep 14, 2019, 1:47 PM IST
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