अजमेर. शरीर पर बैंगनी धब्बे उभर रहे हैं और उनमें खुजली चलती है, तो अलर्ट हो जाएं और तुरंत चर्म रोग विशेषज्ञ को दिखाएं. उपचार में देरी करना रोगी के लिए पीड़ादायक होता है. चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ संजय पुरोहित बताते हैं कि लाइकेन प्लेनस (एलपी) शरीर के भीतर होने वाला एक प्रकार का विकार है जो चर्म रोग के रूप में सामने आता है. यह शरीर के किसी भी हिस्से में धब्बे के रूप में दिखता है.
उन्होंने बताया कि जब यह धब्बे आपस में मिल जाते हैं, तो मोटा उभरा हुआ धब्बा बना देते हैं. इसको एलपीएच कहते हैं. उन्होंने बताया कि एलपी या एलपीएच किसी भी उम्र में हो सकती है. इस रोग के कारण रोगी को बैंगनी धब्बों पर काफी खुजली होती है. डॉ पुरोहित बताते हैं कि छोटे बच्चों में लाइकेन निटिडस होता है. यह ज्यादातर रंगों और उसके आसपास के क्षेत्र में होता है. यह बड़ों में भी हो सकता है. लेकिन ज्यादातर बच्चों में अधिक देखा जाता है.
एलपी रोग संक्रामक नहीं: डॉ पुरोहित बताते हैं कि रोगी के शरीर पर बैंगनी रंग के धब्बे उभरने और उसमें खुजली चलने के कारण लोगों में गलत धारणा बन गई है कि यह रोग संक्रामक है, लेकिन ऐसा नहीं है. बल्कि यह उपचार के अभाव में रोगी के शरीर पर फैलता है. मुंह के अंदर (गाल के भीतरी क्षेत्र) या पैरों की तलवे में होने पर यह रोगी के लिए कष्टदायक हो जाता है. रोगी को कुछ भी खाने में तकलीफ होती है. उसी प्रकार पैरों के तलवे में एलपी होने पर चलने-फिरने में दिक्कत आती है.
एलपी के लक्षण और उपचार: उन्होंने बताया कि एलजी रोग में तकलीफ का कारण खुजली होती है. रोगी में रोग की तीव्रता पर निर्भर है कि खुजली कम और ज्यादा भी हो सकती है. डॉ पुरोहित बताते हैं कि वर्तमान में एलपी के उपचार के लिए नई दवाइयां काफी कारगर हैं. दवा के माध्यम से एलपी रोग को बढ़ाने से रोका जाता है. इसके बाद उभरे हुए दोनों को फ्लैट करने की दवा रोगी को दी जाती है. बैंगनी धब्बों को स्किन कलर में आने में समय लगता है. एलपी रोग को ठीक होने में 3 से 6 माह का समय लगता है.