अजमेर. बदलते मौसम में लोग अमूमन लापरवाही कर बैठते हैं. खासकर सर्दी आने और जाने के दिनों में विशेष सावधानी रखने की जरूरत होती है. इन दिनों में साधारण जुखाम भी भारी पड़ सकता है. साधारण सा महसूस होने वाला जुखाम, इन्फ्लूएंजा भी हो सकता है. इन्फ्लूएंजा को हल्के में लिया, तो यह जानलेवा भी हो सकता है. अजमेर संभाग के जेएलएन अस्पताल में मेडिसिन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ मनीराम कुम्हार से जानते हैं इन्फ्लूएंजा को लेकर हेल्थ टिप्स:
डॉ कुम्हार बताते हैं कि मौसम में बदलाव के दौरान होने वाले जुखाम को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है. इन्फ्लूएंजा तेजी से फैलता है. यह एक तरह से संक्रामक बीमारी है. छोटे बच्चे, वृद्धजन, डायबिटीज, कैंसर, लीवर, गठिया, किडनी और सांस के मरीजों को होने वाला साधारण सा जुखाम निमोनिया में बदल जाता है और जानलेवा भी साबित हो सकता है. ऐसे में गंभीर बीमारियों से ग्रस्त रोगियों का विशेष ख्याल रखने की जरूरत होती है. साथ ही परिवार में यदि किसी व्यक्ति को जुखाम है तो वह ऐसे रोगियों से अपने आप को दूर कर लें.
उन्होंने बताया कि अच्छी इम्यूनिटी के व्यक्ति इन्फ्लूएंजा का संक्रमण होने पर चिकित्सक के परामर्श से दवा लेने पर 3 से 4 दिन में ठीक हो जाता है. लेकिन जिस व्यक्ति की इम्यूनिटी अच्छी नहीं है, उसे ठीक होने में 10 से 12 दिन भी लग जाते हैं. डॉ कुम्हार बताते हैं कि इन्फ्लूएंजा का हर बार नया स्टेन संक्रमण बनकर फैलता है. हर बार नए स्टेन को लेकर वैक्सीन भी नई आती है. उन्होंने बताया कि इन्फ्लूएंजा की जांच और स्वाइन फ्लू की जांच साथ ही होती है. उन्होंने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरल डिजीज है. इसमें एंटीबायोटिक दवाइयां भी ज्यादा कारगर नहीं होती हैं. एंटी वायरल दवाइयां रोगी को दी जाती है.
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पेन किलर का उपयोग ना करें: डॉ कुम्हार ने बताया कि बदलते मौसम में सर्दी से बचाव रखना जरूरी है. लोग गर्म कपड़े पहनना ना छोड़ें. ठंडे पेय पदार्थ का सेवन ना करें. शरीर में पानी की कमी ना होने दें. डॉ कुम्हार बताते हैं कि अक्सर लोग एंटीवायरल दवाओं की जगह पेन किलर का सेवन करते हैं. यह उनके लिए घातक साबित हो सकता है. इन्फ्लूएंजा होने पर पेन किलर नहीं लेना चाहिए. इससे किडनी, लीवर के खून जमाने वाले प्लेटलेट्स को नुकसान पहुंचता है. साथ ही रोगी को गंभीर बीमारी भी हो सकती है. उन्होंने बताया कि हाई रिस्क वाले रोगियों को इन्फ्लूएंजा से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई जाती है.
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इन्फ्लूएंजा के लक्षण: डॉ कुम्हार ने बताया कि इन्फ्लूएंजा से संक्रमित रोगी को खांसी, जुखाम, गले में दर्द, शरीर में दर्द, उल्टी, दस्त, तेज बुखार और सांस फूलना जैसे लक्षण होते हैं. ऐसे लक्षण प्रतीत होने पर रोगी को तुरंत चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और चिकित्सक की ओर से बताई गई दवा का ही सेवन करना चाहिए. गुनगुना पानी पीने से भी रोगी को फायदा मिलता है. उन्होंने बताया कि इन्फ्लूएंजा का संक्रमण हार्ट और ब्रेन को भी नुकसान पहुंचाता है. इसलिए जुकाम को हल्के में ना लें, तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें.