अजमेर. आईपीएस सुशील बिश्नोई और अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त गिरधर समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. इन पर अजमेर में जयपुर रोड स्थित मकराना राज होटल कर्मियों के साथ मारपीट करने का आरोप है. होटलकर्मी ने अज्ञात लोगों के खिलाफ गेगल थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. इस घटना से क्षत्रिय समाज में आक्रोश था. समाज के लोगों ने आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ से मामले में दखल देकर घटना को अंजाम देने वाले आईपीएस और एडीए आयुक्त सहित घटना में शामिल गेगल थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
राठौड़ ने क्षत्रिय समाज के पदाधिकारियों को कार्रवाई का आश्वासन दिया था. मामला राज्य सरकार तक पहुंचने पर आईपीएस सुशील कुमार बिश्नोई और एडीए आयुक्त गिरधर समेत 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के आदेश दिए गए हैं. बता दें कि मंगलवार देर शाम को इस पूरे प्रकरण में एडीए आयुक्त आईएएस गिरधर की संलिप्तता भी सामने आई थी.
यह है पूरा मामला : राजस्थान के अजमेर में जयपुर रोड हाईवे पर स्थित होटल पर आईपीएस सुशील बिश्नोई और उनके दोस्तों के अलावा कुछ पुलिसकर्मियों पर डंडों से होटल कर्मियों को पीटने का मामला सामने आया था. घटना का सीसीटीवी वीडियो भी वायरल हो रहा है. बताया जा रहा है कि यह घटना 11 जून के रात की है.
बता दें कि आईपीएस सुशील बिश्नोई अजमेर में एएसपी सिटी के पद पर रह चुके हैं. वर्तमान में वह नए जिले गंगापुर के ओएसडी है. बताया जा रहा है कि आईपीएस सुशील बिश्नोई को फेयरवेल पार्टी दी थी. रात में कुछ दोस्तों के साथ वह होटल में खाना खाने पहुंचे थे. होटल मालिक महेंद्र सिंह का आरोप है कि आईपीएस सुशील बिश्नोई अपने पांच साथियों के साथ प्राइवेट गाड़ी में होटल आए, तब होटल के बाहर एक कर्मचारी से उन्होंने पूछा कि यहां कैसे बैठे हो. कर्मचारी ने उन्हें बताया कि वह होटल का स्टाफ है और सोने जा रहा है. इतना कहने पर आईपीएस सुशील बिश्नोई ने उसे थप्पड़ मार दिया.
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वहीं, होटल के स्टाफ महेंद्र गुर्जर, उमेश कुमार समेत अन्य स्टाफ को गालियां निकाल कर मारपीट की. इसके बाद आईपीएस सुनील बिश्नोई वापस लौट गए. होटल मालिक महेंद्र सिंह ने बताया कि रात करीब ढाई बजे आईपीएस सुशील बिश्नोई गेगल थाने के एएसआई रूपा राम और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ वापस मकराना राज होटल आए. होटल के रेस्ट रूम में गए, जहां स्टाफ के लोग सो रहे थे. वहां सुशील बिश्नोई और उनके साथ आए पुलिसकर्मियों ने डंडों से मारपीट शुरू कर दी. 15 मिनट बाद ही आईपीएस सुशील बिश्नोई पुलिस की जीप से रवाना हो गए. होटल मालिक महेंद्र सिंह ने बताया कि रात में गेगल पुलिस थाने में इस घटना की उन्होंने नामजद शिकायत दी, लेकिन मामला बड़े अधिकारी का होने के कारण पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मारपीट का मामला दर्ज कर लिया.
तीन पुलिसकर्मी लाइन हाजिर : अजमेर एसपी चुनाराम जाट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए गेगल थाने के एएसआई रूपा राम, कांस्टेबल मुकेश यादव और गौतम को लाइन हाजिर करने के आदेश दिए हैं. जाट ने तीनों पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर करने का कारण विभागीय जांच प्रस्तावित होना बताया है.
क्षत्रिय समाज में आक्रोश : होटल मालिक महेंद्र सिंह ने घटना के सीसीटीवी वीडियो भी पुलिसकर्मियों को दिए हैं. यह सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं. सीसीटीवी वीडियो में वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी और आईपीएस सुशील बिश्नोई अपने दोस्तों के साथ मारपीट करते हुए नजर आ रहे हैं. इस घटना को लेकर क्षत्रिय समाज में आक्रोश है. आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को क्षत्रिय समाज ने शिकायत पत्र देकर मामले में आईपीएस सुशील बिश्नोई और होटल कर्मचारियों से मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आरटीडीसी चेयरमैन ने कहा कि इस कार्रवाई में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
यह बोले राठौड़ : आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि क्षत्रिय समाज के लोगों ने उनसे मुलाकात की है. मकराना राज होटल के मालिक महेंद्र सिंह की समाज सेवी की छवि है. होटल पर रात को एक आईपीएस अधिकारी और गेगल थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने शिकायत की है. रात को एफआईआर दर्ज की गई है. गेगल थाने के जिन पुलिसकर्मियों ने मारपीट की है, उनके निष्कासन की क्षत्रिय समाज के लोगों ने मांग की है.
राठौड़ ने कहा कि होटल मालिक से बातचीत की गई और उनसे पूछा कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का कारण क्या रहा. तब उन्होंने बताया कि रात्रि को पता ही नहीं चला कि मारपीट करने वाले लोग कौन थे. शुभा सीसीटीवी फुटेज देखकर पता चला कि उसमें एक आईपीएस अधिकारी इसमें शामिल थे. इस पूरे प्रकरण की सच्चाई को सीएम अशोक गहलोत को अवगत करवाया जाएगा. इस प्रकरण में आईजी और डीजीपी से भी बात की जाएगी. इस मामले में जो भी दोषी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितने भी बड़े पद पर क्यों ना हो.