अजमेर. राजस्थान सरकार ने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने और इसके अलावा कोविड-19 की परेशानी के मद्देनजर दीपावली पर पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर रोक लगा दी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को बिना फिटनेस के धुआं उगलने वाले वाहनों पर भी सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. अब ऐसे में पटाखे से जुड़े व्यवसाय कर्मी काफी परेशान हैं. जहां उन्हें इस आदेश के बाद करोड़ों रुपए का नुकसान हो सकता है.
सावधानी बरतनी जरूरी...
गहलोत सरकार ने पटाखों की बिक्री के लिए अस्थाई लाइसेंस पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि शादी और समारोह में भी आतिशबाजी को रोका जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से लगातार कोविड का संक्रमण चल रहा है. उसको देखते हुए किसी तरह का प्रदूषण शहर में ना हो, इसको लेकर राजस्थान सरकार द्वारा पटाखा बिक्री रोक को लेकर आदेशों को जारी कर दिया गया है. अब ऐसे में अजमेर से जुड़े पटाखा व्यवसायी कर्मी काफी असमंजस की स्थिति में है कि वह आखिर क्या करें और कहां जाएं.
अजमेर जिला मुख्यालय पर सोमवार को पटाखा व्यवसाय कर्मियों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा को बताया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से पिछले 6 से 7 महीनों से लॉकडाउन के दौरान पहले ही लोगों के पास काम धंधा नहीं है. अब ऐसे में जब दुकानदारों को एक आशा थी कि दीपावली पर उनकी कुछ आमदनी होगी. इस आशा में उनके द्वारा लाखों रुपए का माल मंगवा लिया गया लेकिन अब राजस्थान सरकार द्वारा आतिशबाजी पर रोक लगाने के बाद उनकी स्थिति असमंजस हो चुकी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही पटाखा बिक्री पर लगी रोक को हटाया जाए नहीं तो जिले भर के पटाखा व्यवसायी कर्मी आंदोलन पर उतर जाएंगे.
सभी पटाखे की दुकान हाल-फिलाहल हैं बंद...
पटाखा व्यवसायी संतोष सेन का कहना है कि केवल मात्र राजस्थान में ही आतिशबाजी पर रोक लगाई गई है. आखिर क्यों सिर्फ कोरोना संक्रमण का खतरा इंडिया में और भी कहीं नहीं है. जहां कहीं भी रोक नहीं लगा कर केवल राजस्थान में पटाखाकर्मियों पर ही आर्थिक भार डाला जा रहा है.
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उन्होंने कहा कि इस आदेश को जल्द ही वापस लिया जाए नहीं तो सभी पटाखा व्यवसाय दीपावली को काली दीपावली को रूप में मनाएंगे और धरने पर बैठ जाएंगे. अब ऐसे में देखना होगा कि राजस्थान सरकार पटाखा व्यवसायकर्मियों के हक में फैसले को वापस लेती है या नहीं.
करोड़ों रुपए का होगा नुकसान...
वहीं, व्यवसायियों ने कहा कि इस फैसले से करोड़ों रुपए का नुकसान होगा. प्रदेश के मुख्यमंत्री व सरकार के मुखिया अशोक गहलोत को व्यापारियों के हितों में भी सोचना चाहिए क्योंकि जिस तरह से दीपावली व शादी समारोह पर अगर आतिशबाजी की रोक लगा दी जाएगी तो वह व्यापार कैसे कर पाएंगे.
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उन्होंने कहा कि इस फैसले के बारे में उन्हें एक बार फिर विचार करना चाहिए. जिससे व्यापारियों को राहत मिल सके. व्यापारियों ने जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित से मुलाकात कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते में इस आदेश को वापस लेने की मांग की है.