अजमेर. ऐसे तो आप समुद्र व बड़ी नदियों में क्रूज चलते देखे होंगे, लेकिन अब जल्द ही जिले के आनासागर झील में क्रूज देखने को मिलेगी. शायद आपको विश्वास न भी हो, लेकिन जो हम कह रहे हैं वो सौ फीसदी सच है. यहां अगले दो माह में आनासागर झील पर बड़ा सा क्रूज तैरता नजर आएगा. इस क्रूज की खास बात यह है कि ये पूरी तरह से लग्जरी होने के साथ ही इको फ्रेंडली होगा. साथ ही ये देश का पहला ऐसा क्रूज होगा, जो सोलर पैनल की मदद से चार्ज बैटरियों के जरिए चलाएगा. वहीं, इसके चलने से यहां आने वाले पर्यटकों को खास अनुभव होगा तो लोकल्स भी झील की लहरों पर पार्टी सेलिब्रेट कर सकेंगे.
मानव निर्मित ऐतिहासिक झीलः अजमेर की मानव निर्मित ऐतिहासिक आनासागर झील सदियों से अपनी सुंदरता से लोगों को आकर्षित करती आ रही है. पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अब अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से झील के चारों ओर विकास कार्य कराए गए हैं. वहीं, झील में म्यूजिकल फाउंटेन, बर्ड सेंचुरी, फूड कोट, लेक व्यू फ्रंट गार्डन खास तौर पर बनवाए गए हैं. जहां पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है. वहीं, अब अजमेर नगर निगम जल्द ही आनासागर झील में क्रूज उतारने जा रहा है.
क्रूज की खासियतः झील की लहरों पर बड़ा सा क्रूज लोगों के लिए आगामी दो माह में आकर्षण का केंद्र होगा. जिस पर सभी लग्जरी सुविधाएं होंगी. खास बात यह है कि पर्यावरण का ध्यान रखते हुए इस क्रूज को तैयार करवाया जा रहा है. क्रूज का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. नगर निगम के अधिशासी अभियंता रविंद्र कुमार सैनी ने बताया कि किशनगढ़ की गीता मार्बल फर्म को क्रूज के संचालन का ठेका दिया गया है. इस फर्म को 15 सालों के लिए ठेका दिया गया है. ठेके की शर्तों के अनुरूप ही क्रूज का निर्माण हो रहा है. बताया गया कि ठेका फर्म ने गोवा की एक फर्म को क्रूज निर्माण का काम दिया है.
इसे भी पढ़ें - प्रवासी और देसी पक्षियों ने आनासागर झील से फेरा मुंह...वजह कई हैं...
इको फ्रेंडली होगा क्रूजः पर्यावरण की दृष्टि से क्रूज इको फ्रेंडली होगा. साथ ही बताया गया कि क्रूज के जरिए पर्यावरण को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा. यही कारण है कि इसके निर्माण में भारी-भरकम लोहे और लकड़ी का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. बल्कि इसे फाइबर से तैयार किया जा रहा है. इस कारण क्रूज का वजन भी कम होगा. डबल डेकर क्रूज के ऊपरी मंजिल यानी छत पर सोलर पैनल फिट किए जाएंगे, जो क्रूज में मौजूद बैटरी को चार्ज करेंगे. क्रूज का इंजन बैटरी से मिलने वाली इलेक्ट्रिसिटी से संचालित होगा. इस कारण इंजन की आवाज भी कम होगी. वहीं, विकल्प के तौर पर एक जनरेटर भी रहेगा. जिसका उपयोग इमरजेंसी में किया जाएगा. सबसे खास बात यह है कि क्रूज में बायो टॉयलेट्स की व्यवस्था होगी. साथ ही अपशिष्ट के लिए अलग से टैंक होंगे, जो नियमित रूप से खाली किए जाएंगे. नगर निगम की ओर से क्रूज के संचालन के लिए रूट भी तय किया जाएगा. ताकि झील में आने वाले पक्षियों को किसी तरह का डिस्टर्बेंस न हो.
क्रूज में होगी ये सुविधाएंः सैनी ने बताया कि क्रूज में पहले तल पर एक बड़ा सा हॉल होगा. हॉल में ही आगे की ओर डांस फ्लोर होगा. फ्लोर के चारों ओर बैठने के लिए मुलायम सोफे होंगे. पीछे की ओर पैंट्री होगी, जहां खाद्य सामग्री मिलेगी. हालांकि क्रूज पर भोजन पकाने की कोई व्यवस्था नहीं होगी, बल्कि यहां रेडीमेड फूड ही उपलब्ध होंगे. इसके अलावा चार शौचालय होंगे तो हॉल पूरी तरह से ग्लास से कवर्ड होंगे. ठेका फर्म ने क्रूज निर्माण कार्य गोवा की एक कंपनी को दिया है. आनासागर झील से सटी हुई पुरानी विश्राम स्थली पर नगर निगम के ट्राम्बे स्टेशन पर क्रूज का निर्माण किया जा रहा है. जिसका 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. ऐसे में अगले माह तक क्रूज को पानी में उतारा जाएगा. इसके बाद क्रूज की ऊपर मंजिल का काम शुरू होगा. निगम के अधिशासी अभियंता रविंद्र कुमार सैनी ने बताया कि इसके संचालन में अभी भी करीब ढाई माह का वक्त लगेगा.
आगे उन्होंने कहा कि क्रूज निर्माण में करीब 5 से 6 करोड़ रुपए खर्च होंगे. 15 वर्ष तक ठेका कंपनी क्रूज का संचालन करेगी. 67 लाख रुपए कंपनी सालाना निगम को देगी तो वहीं, प्रतिवर्ष इस राशि में 10 प्रतिशत का इजाफा होगा. बातचीत में सैनी ने कहा कि क्रूज की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ये लाइटवेट है.