अजमेर. ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में खादिमो की संस्था अंजुमन यादगार शेखजादगान की कमेटी को लेकर विवाद गहरा गया है. वर्तमान में एक साल से संस्था का कार्य देख रही कमेटी ने विपक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कमेटी के सचिव शेखजादा एहतेशाम मोहम्मद चिश्ती सहित पदाधिकारियों ने दरगाह इलाके में स्थित यादगार गेस्ट हाउस में प्रेस वार्ता कर विपक्ष के आरोपों को निराधार बताया.
उनका कहना है कि विपक्षी गोट मौजूदा अंजुमन कमेटी पर झूठे लांछन लगाकर अनाधिकृत रूप से अंजुमन ऑफिस पर कब्जा कर अंजुमन कमेटी के संचालन के लिए दुष्प्रचार फैला रहे हैं. जिस कारण अंजुमन संस्था की छवि को ठेस पहुंच रही है.
अंजुमन पदाधिकारी का कहना है कि लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं
अंजुमन पदाधिकारी अंजुमन के बायलॉज के अनुसार विधि के तहत सामाजिक आर्थिक कार्यों के साथ शेखजादगान खादिमों के हितों और विकास संबंधी निरंतर कार्य कर रहे हैं. मौजूदा कार्यरत अंजुमन कमेटी के नियुक्ति अंजुमन की परंपरा के अनुसार पूर्व कमेटी की ओर से गठित की गई थी. वर्तमान में जो लोग कथित समानांतर कमेटी के गठन का दुष्प्रचार कर रहे हैं. उनमें से अधिकतर पूर्व में अंजुमन के पदाधिकारी रहे हैं. उन्होंने पद पर रहते हुए उन्होंने लाखों रुपए के घोटाले किए हैं. जिनकी FIR दरगाह थाने में दर्ज है. पुलिस न्यायालय में उनके खिलाफ चार्जशीट भी प्रस्तुत कर चुकी है.
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चिश्ती का कहना-अंजुमन के पूर्व सचिव पर कई केस दर्ज
चिश्ती ने बताया कि अंजुमन के पूर्व सचिव पर जबरन कार्यालय में घुसकर एसिड अटैक संबंधी प्रकरण ही थाने में दर्ज है. जिसके 4 सीट भी पुलिस कोर्ट में पेश कर चुकी है. इसके अलावा 75 लाख रुपए के गबन संबंधी प्रकरण भी उनके खिलाफ दरगाह थाने में दर्ज है. जिसका अनुसंधान भी किया जा रहा है. चिश्ती का आरोप है कि जिन प्रकरणों के अभियुक्त गण पूर्व पदाधिकारी गण की हैसियत से इन मामलों में वह जेल भी जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा अंजुमन कमेटी के गठन और अंजुमन के आगामी होने वाले चुनाव को लेकर सिविल नेचर के प्रकरण विभिन्न न्यायालयों में प्रस्तुत किए गए हैं, जो वर्तमान समय तक विचाराधीन हैं. साथ ही मौजूदा कमेटी के विधिक अस्तित्व एवं आगामी चुनाव के संबंधी प्रक्रिया और नई कमेटी के गठन के संबंध में 6 मार्च 2021 को न्यायिक आदेश भी पारित हो चुके हैं.
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उन्होंने कहा कि इन आदेशों को किसी भी अपन न्यायालय में चुनौती नहीं दी गई है. जिसके विधिक अस्तित्व की भली-भांति जानकारी विपक्षी गुट को होते हुए भी समाज में भ्रांति फैलाई जा रही है. साथ ही समाज और प्रशासन के अधिकारियों को भी भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है.