नसीराबाद (अजमेर). केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन स्थानीय निकाय छावनी परिषद की बैठक परिषद सभागार में छावनी बोर्ड अध्यक्ष और सेना स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर समीर कोशल की अध्यक्षता और मनोनीत सदस्य अजमेर जिला सांसद भागीरथ चौधरी और सिविल एरिया कमेटी चेयरमेन योगेश सोनी की मौजूदगी में संपंन्न हुई .नव नियुक्त स्टेशन कमांडर और बोर्ड अध्यक्ष समीर कोशल ने पद और गोपनीयता की शपथ ली.
वहीं बैठक के दौरान भवन कर और छावनी में वाहन प्रवेश कर का मुद्दा भी गरमाया मगर बैठक शांतिपूर्ण माहौल में संपंन्न हुई. बैठक में परिषद ई.ओ अरविंद नेमा ने फंड की कमी बताते हुए, कहा की राजस्थान सरकार की मदद नहीं मिलती है, जबकि महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की सरकारें वहां स्थित छावनी परिषदों को मदद देती है, और स्वच्छ भारत योजना एक्शन के तहत 2 रूपये 80 पैसे प्रति व्यक्ति मिलते हैं. वह भी आवंटित करवाए जाये. आयोजित बैठक में वार्ड संख्या-3 के पार्षद अनिरुद्ध खंडेलवाल ने रोष प्रकट करते हुए बताया की भवन कर निर्धारण को लेकर परिषद ने कमेटी तो गठित कर दी और हजार गुणा भवन कर जनता पर लाद दिया. जिससे आमजन परेशान है, जबकि वर्ष 2015 से उक्त मुद्दे को उठा रहे है मगर कोई भी सुनवाई नहीं की जाती.
छावनी सीमा में प्रवेश करने पर वसूला जाने वाला प्रवेश कर के मुद्दों को लेकर काफी गहमा गहमी का माहौल रहा जिसको लेकर सिविल एरिया कमेटी चेयरमेन योगेश सोनी ने कहा की प्रवेश कर नाकों पर किसी भी कार्मिक को हमने यह अधिकार नहीं दिया है की वाहन पर डंडा मारगे या वाहन से चालक को नीचे उतारेगा.
इसी के साथ सोनी ने कहा की नाकों पर तैनातकर्मी को निर्धारित प्रवेश शुल्क लेकर वाहन को रवाना कर देना है. मगर इस तरह की दादागिरी नहीं चलेगी. इस मौके पर अजमेर जिला सांसद भागीरथ चौधरी ने नव नियुक्त बोर्ड अध्यक्ष स्टेशन कमांडर ब्रिगेडियर समीर कोशल से पार्षदों की बैठक कर उपरोक्त मामले निपटाने की बात कहते हुए बैठक में बताया कि अजमेर जिले में 60 प्रतिशत समस्याये नसीराबाद से जुडी मिलती है.
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सांसद भागीरथ चौधरी ने परिषद को कहा की कस्बे की जनता पर करों का अधिक भार नहीं लगाया जाये जिससे की आमजन आहत हो और परिषद का रेलवे विभाग – डाकघर अथवा BSNL विभाग सहित अन्य विभागों पर करो के रूप में बकाया हो तो वह उन्हें अवगत कराये जिससे वसूली में वह मदद कर सके और वह राज्य सरकार से परिषद को अनुदान दिए जाने के संबंध में बात करेंगे.
बैठक में परिषद की ओर से निशक्त बच्चों के लिए संचालित उड़ान स्कूल में टीचर्स की नियुक्ति और संविदा कर्मियों की समय सीमा बढ़ाये जाने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा कर पारित किये गये और कुछ मुद्दे स्थगित किये गये. बैठक के बाद अजमेर जिला सांसद भागीरथ चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया की दोनों और से समस्या सामने आई है. और परिषद भी टेंशन में है की कई पेंशन बकाया पड़ी हैं और वह नहीं दे पा रहे है. कर के रूप में बेवजह का भार डालना न्याय संगत नहीं हैं.
बता दें की गत वर्ष 2013 में राज्य की गहलोत सरकार ने छावनी परिषद के लिये 5 करोड़ रूपये का बजट आवंटित किया था, मगर परिषद की ओर से उक्त राशी का उपयोग नहीं किये जाने से वह राशी लेप्स हो गयी.