अजमेर. अजमेर के निकट सराधना रेलवे स्टेशन के समीप डीएफसी रेलवे ट्रैक पर मालगाड़ी की चपेट में आने से 17 भैंसों की मौत हो गई. इनमें चार गर्भवती भैंसे भी शामिल थी. सूचना मिलते ही मौके पर आरपीएफ थाना प्रभारी लक्ष्मण गौड़ मय दल मौके पर पहुंच गए. जहां मालगाड़ी की टक्कर से भैसों के शव क्षत-विक्षत पड़े हुए थे. करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद मालगाड़ी को रवाना किया गया.
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रात को तूफान आने से बाड़े से निकल गईं थीं भैंसेंः सराधना गांव के सरपंच हरि किशन चौधरी ने बताया कि हादसे में मारी गई 17 भैंसें सराधना गांव निवासी पशुपालक रीदकरण जीवण की है. गांव में उसका मकान है. पशुपालक रीदकरण का हादसे की जगह से तीन किलोमीटर दूर कुआं है. रात को तेज तूफान आने से एक कुएं पर बने बाड़े के टीन शेड उड़ गए. इस कारण डर के कारण रात को भैंसें बाड़े से निकल गईं इसका किसी को पता नहीं चला. सुबह जब पशुपालक रिदकरण बाड़े में पहुंचा तो भैंसें गायब थी. पशुपालक रीदकरण सुबह से अपनी भैंसों को आसपास के गांवों में खोज रहा था.
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रीदकरण की आजीविका का जरिया थीं भैंसेंः हादसे के बारे में जब उसे पता चला तो उसके पैरों तले जमीन सरक गई. हादसे में मरी भैंसें उसके परिवार की आजीविका का जरिया थीं. सूचना मिलते ही बदहवास हालत पशुपालक रीदकरण मौके पर पहुंचा तो उसका पशुधन तबाह हो चुका था. हर तरफ भैसों के शव पड़े थे. कई भैंसों के शरीर के अंग मालगाड़ी में फंसे हुए थे. इस कारण मालगाड़ी भी आगे नहीं बढ़ पाई. उन्होंने बताया कि हादसे के पता काफी देरी से चला. रात के तूफान की वजह से गांव के लोग अपने घर बाड़ों की खैर खबर लेने में व्यस्त थे. आरपीएफ के आने के बाद हादसे के पता चला.
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नहीं देख पाया मालगाड़ी का ड्राइवर: आरपीएफ थाना प्रभारी लक्ष्मण गौड़ ने बताया कि डीएफसी ट्रैक पर मालगाड़ी के भैसों से टकराने की सूचना मिली थी. मौके पर काफी संख्या में पशुधन की हानि हुई है. उन्होंने बताया कि प्रारंभिक रूप से माना जा रहा है कि ट्रेन के ड्राइवर ने ट्रैक पर आए पशुधन को नहीं देखा. इस कारण यह बड़ा हादसा हुआ है. रेलवे के कर्मचारी और तकनीकी टीम मौके पर पहुंच गई है. ट्रक से क्षत-विशप्त भैसों के अंगों को हटाकर रास्ता साफ किया गया. उसके बाद माल गाड़ी अपने गंतव्य के लिए रवाना हो गई. गनीमत रही कि इस हादसे में मालगाड़ी पटरी से नहीं उतरी, वर्ना बड़ा हादसा भी हो सकता था.