अजमेर. एडीजी जेल मालिनी अग्रवाल ने केंद्रीय कारागृह व हाई सिक्योरिटी जेल का निरीक्षण किया. जिसमें जेल में कैदियों से मिलीभगत में लापरवाही बरतने के परिणाम पर कार्रवाई की जाएगी. पुलिस उपमहानिदेशक मालिनी अग्रवाल ने कहा कि जेलों में बंदियों के बैरक से मिलने वाली प्रतिबंधित सामग्री को लेकर जेल मुख्यालय काफी गंभीर है.
प्रतिबंधित सामग्री पहुंचाने में जेल अधिकारी और प्रहरी की लापरवाही मिलीभगत उजागर होने पर उनके खिलाफ भी अब सख्ती से कार्रवाई की जाएगी. वहीं अजमेर पहुंचने पर सबसे पहले घुघरा स्थित हाई सिक्योरिटी जेल जेल प्रशिक्षण संस्थान और फिर सेंट्रल जेल का भी निरीक्षण किया गया. अग्रवाल ने कहा कि टेलीकम्युनिकेशन की तकनीक में हो रहा विकास में बदलाव जेल विभाग के लिए काफी चुनौतीपूर्ण रहा है. बदलाव के साथ तकनीकी बंदियों तक तो पहुंच जाती है लेकिन उसे ढूंढने में रोकथाम का विकल्प तलाशने में समय लग जाता है.
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पुलिस महानिदेशक राजीव दासोत ने जेल में मोबाइल फोन के जरिए चलने वाली अवांछित गतिविधियों पर रोक लगाने के लिय OPERATION FLASH OUT को शुरू किया है. जिससे प्रदेश के समस्त जिलों में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है. जिससे बड़ी संख्या में मोबाइल फोन चार्जर डाटा केबल और अवांछित सामग्री भी लगातार जेल में मिल रही है.
जेल में चल रहे OPERATION FLASH OUT का असर प्रदेश की जेलों में भी नजर आने लगा है. अभियान से बंदियों को जीरो टॉलरेंस का मैसेज दे दिया है. जेल के अधिकारी कर्मचारियों की लापरवाही पर विभागीय कार्यवाही व लिप्तता उजागर होने पर सख्त कार्रवाई भी की जा रही है. जेल की सुरक्षा में लगे जवानों को बहुत अच्छे से यह भी बता दिया गया है कि जेल में अवांछित सामग्री मिलने पर उनकी जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए कार्रवाई की जाएगी.