अजमेर. अजमेर नगर निगम के वार्ड 79 के बीजेपी पार्षद वीरेंद्र बारिया और दलाल रोशन चीता को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद एसीबी ने दोनों को भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की विशेष अदालत में पेश किया. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 2 मार्च तक न्यायिक अभिरक्षा में भेजा है. बता दें कि 15 फरवरी को एसीबी ने बीजेपी पार्षद और दलाल को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.
अभियोजन विभाग के उपनिदेशक सत्यनारायण चितारा ने बताया कि परिवादी से 20 हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार पार्षद वीरेंद्र वालिया और दलाल रोशन चीता को एसीबी ने रिमांड अवधि के बाद शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 2 मार्च तक न्यायिक हिरासत में भेजा है. उन्होंने बताया कि परिवादी अब्दुल खालिक का नगर निगम के वार्ड संख्या 79 क्षेत्र में आवासीय भूखंड है, जिस पर वह मकान का निर्माण करवा रहा था.
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क्षेत्र के पार्षद वीरेंद्र वालिया और दलाल रोशन चीता ने भूखंड को अवैध बताते हुए नगर निगम से निर्माण को ध्वस्त कराने की धमकी देते हुए उससे 50 रुपए की डिमांड की थी. इसमें 25 हजार रुपए उसने परिवादी और परिवादी के एक रिश्तेदार के भूखंड पर निर्माण निर्बाध रूप से चलने देने की एवज में मांगे थे. एसीबी ने आरोपी दलाल रोशन चीता और पार्षद वीरेंद्र वालिया को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था.
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पेशी पर मुस्कुरा रहा था वालिया: एसीबी की कार्रवाई के बाद गिरफ्तार भाजपा पार्षद वीरेंद्र वालिया जोर-जोर से चिल्लाने लगा था. गिरफ्तारी के बाद जब पेशी पर वालिया को लाया गया, तो वह मुंह छुपाता हुआ दिखाई दिया. लेकिन शुक्रवार को जब रिमांड अवधि के दौरान उसे पेशी पर लाया गया, तो वह सहज और मुस्कुराता हुआ नजर आया.
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नगर निगम के पूर्व पार्षद चंद्रेश सांखला एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के शहर अध्यक्ष आशीष सोनी ने भी विरेंदर वालिया के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं. सांखला का आरोप है कि 2007 में जब वीरेंद्र वालिया ने पार्षद का चुनाव लड़ा था, तो उन्होंने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था. जिसमें 13 लाख रुपए की संपत्ति दर्शाई थी. वर्तमान में वीरेंद्र वालिया 200 करोड़ के मालिक बनकर बैठे हैं. सांखला का आरोप है कि सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उसे बेचना वालिया का काम है.