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अजमेर में एक ऐसा मतदान केन्द्र जहां परेशानियों के बीच लोगों ने डाला वोट

अजमेर शहर के कुछ ही दूरी पर एक ऐसा मतदान केन्द्र बनाया गया. जहां पर एक शारीरिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति को भी केन्द्र तक पहुंचने में सांसें फूलने लगीं. ऐसे में जानिए आखिरकार कैसे किया मतदाताओं ने अपने मताधिकार का किया प्रयोग.

अजमेर में बूथ संख्या 101 के मतदाता
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Published : Apr 29, 2019, 7:37 PM IST

Updated : Apr 29, 2019, 8:19 PM IST

अजमेर. शहर से सटे बालू पूरा गांव में बना एक ऐसा मतदान केंद्र बनाया गया, जो उस एरिया के लगभग 1400 मतदाताओं के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं रहा. इस मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने जाने वाले सामान्य व्यक्तियों की भी सांसें फूलने लगीं.

अजमेर में एक ऐसा मतदान केन्द्र जो लोगों के लिए बना मुसीबत, देखिए इस वीडियो में

बता दें कि अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के बालू पूरा गांव में बने बूथ संख्या 101, तेजाजी का चौक स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में लोकसभा चुनाव के तहत सोमवार (29 अप्रैल) को मतदान हुआ. मगर मतदान केंद्र में मताधिकार करना कोई आसान काम नहीं था. वहां तक पहुंचने के लिए लगभग 300 फुट ऊपर चढ़ना पड़ा. ऐेसे तेज धुप और भीषण गर्मी में ऊपर चढ़ने वाले स्वस्थ सामान्य व्यक्ति की भी सांसें फूल गईं.

ऐसा नहीं है कि लोकसभा चुनाव में इस स्कूल को मतदान केंद्र पहली बार बनाया गया हो. पिछले कई चुनाव से इस स्कूल को मतदान केंद्र बनाया जा रहा है. वहीं मतदाता इसका विरोध भी करते रहे हैं. ऐसे में एक दिव्यांग को केंद्र तक पहुंचाने के लिए आठ व्यक्तियों की जरूरत पड़ी, जिनके पास साधन है वो बुजुर्गों को बैठाकर चढ़ाई कर लेते हैं. लेकिन जिनके पास साधन नहीं है वो मताधिकार से वंचित रह गए. क्षेत्र के लोगों ने कई बार निर्वाचन विभाग को शिकायत भी की है. लेकिन विभाग ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है.

मतदान को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए स्वीप के जरिए कई कार्यक्रम किए गए. मगर मतदाताओं की मांग और उनकी सुविधा को यहां नजर अंदाज किया गया. बावजूद जागरूक मतदाता वोट डालने आए तो मगर उनके चेहरे पर उत्साह नहीं थकान दिखाई देता रहा.

अजमेर. शहर से सटे बालू पूरा गांव में बना एक ऐसा मतदान केंद्र बनाया गया, जो उस एरिया के लगभग 1400 मतदाताओं के लिए किसी बड़ी मुसीबत से कम नहीं रहा. इस मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग करने जाने वाले सामान्य व्यक्तियों की भी सांसें फूलने लगीं.

अजमेर में एक ऐसा मतदान केन्द्र जो लोगों के लिए बना मुसीबत, देखिए इस वीडियो में

बता दें कि अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के बालू पूरा गांव में बने बूथ संख्या 101, तेजाजी का चौक स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में लोकसभा चुनाव के तहत सोमवार (29 अप्रैल) को मतदान हुआ. मगर मतदान केंद्र में मताधिकार करना कोई आसान काम नहीं था. वहां तक पहुंचने के लिए लगभग 300 फुट ऊपर चढ़ना पड़ा. ऐेसे तेज धुप और भीषण गर्मी में ऊपर चढ़ने वाले स्वस्थ सामान्य व्यक्ति की भी सांसें फूल गईं.

ऐसा नहीं है कि लोकसभा चुनाव में इस स्कूल को मतदान केंद्र पहली बार बनाया गया हो. पिछले कई चुनाव से इस स्कूल को मतदान केंद्र बनाया जा रहा है. वहीं मतदाता इसका विरोध भी करते रहे हैं. ऐसे में एक दिव्यांग को केंद्र तक पहुंचाने के लिए आठ व्यक्तियों की जरूरत पड़ी, जिनके पास साधन है वो बुजुर्गों को बैठाकर चढ़ाई कर लेते हैं. लेकिन जिनके पास साधन नहीं है वो मताधिकार से वंचित रह गए. क्षेत्र के लोगों ने कई बार निर्वाचन विभाग को शिकायत भी की है. लेकिन विभाग ने कोई भी कार्रवाई नहीं की है.

मतदान को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए स्वीप के जरिए कई कार्यक्रम किए गए. मगर मतदाताओं की मांग और उनकी सुविधा को यहां नजर अंदाज किया गया. बावजूद जागरूक मतदाता वोट डालने आए तो मगर उनके चेहरे पर उत्साह नहीं थकान दिखाई देता रहा.

Intro:एक मतदान केंद्र ऐसा की वोट डालने के लिए मतदाता की चढ़ जाती है सांसे

अजमेर। अजमेर में शहर से सटे बालू पूरा गांव में स्थित मतदान केंद्र क्षेत्र के 1400 मतदाताओं के लिए मुसीबत से कम नही है। यहां मतदान केंद्र में अपने मताधिकार का उपयोग करने आने वाले सामान्य व्यक्तियों की भी सांसे चढ़ जाती है। बावजूद इसके मतदान केंद्र को बदला नही गया।


Body:अजमेर के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में बालू पूरा गांव बूथ संख्या 101, तेजा जी का चौक स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय में लोकसभा चुनाव के तहत मतदान जारी है। मगर मतदान केंद्र में मताधिकार करना कोई आसान नही है। मतदान केंद्र की चढ़ाई 300 फुट से अधिक है। जहां भीषण गर्मी में चढ़ने वाला स्वस्थ सामान्य मतदाता की सांस भी फूल जाती है।
बाइट- महिला- मतदाता

ऐसा नही है कि लोकसभा चुनाव में इस स्कूल को मतदान केंद्र पहली बार बनाया है। पिछले कई चुनाव में स्कूल में मतदान केंद्र बनते आये है और मतदाता इसका विरोध करते आये है। बीमार या वृद्धजन के लिए मतदान केंद्र तक पहुचना मतलब मुसीबत बुलाने से कम नही है। एक दिव्यांग को केंद्र तक पहुचाने के लिए आठ व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है। जिनके पास साधन है वो बुजुर्गो को बैठाकर चढ़ाई चढ़ लेते है। जिनके पास संसाधन नही है वो मताधिकार से वंचित रहते है। क्षेत्र के लोगो ने कई बार निर्वाचन विभाग को शिकायत भी की है मगर हर बार लोगो को वोट देने के लिए मशक्त करनी पड़ती है ....
बाइट- 3 , मतदाता




Conclusion:मतदान के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए तमाम काम स्वीप के जरिये किये गए। मगर मतदाताओं की मांग और उनकी सुविधा को यहां नजरअंदाज किया गया है। बावजूद जागरूक मतदाता वोट डालने आ तो रहे है मगर उनके चेहरे पर उत्साह नही थकान दिखाई देती है।
Last Updated : Apr 29, 2019, 8:19 PM IST
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