अजमेर. अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 811वां उर्स जनवरी माह (811th Annual Urs of Ajmer Dargah ) में है. आठ दिवसीय उर्स मेले की तैयारियां जोर शोर से की जा रही है. दरगाह में खादिमो की संस्था अंजुमन कमेटी की ओर से उर्स के मौके पर पारंपरिक रस्मों को निभाया जाएगा. वहीं, शाही कव्वालों की ओर से उर्स के दौरान पारंपरिक कव्वालियां पेश की जाएगी. दरगाह दीवान की सदारत में हर दिन महफिलखाने में महफिल होगी. साथ ही उर्स के पहले दिन जन्नती दरवाजे भी खुलेंगे. इस खास मौके पर ख्वाजा गरीब नवाज के उर्स में आने वाले अकीदतमंद अपने आपको खुश नसीब समझते हैं. इन आठ दिनों में लाखों जायरीन अजमेर दरगाह में जियारत के लिए आते हैं. जिसे देखते हुए उनके ठहरने, खाने, पीने से लेकर अन्य सभी व्यवस्थाओं के खास इंतजाम किए जा रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में डिप्टी नाज़िम डॉ. आदिल ने बताया कि कोरोना की वजह से बीते दो साल पाबंदियां रही. जिसके कारण लोग उर्स के मौके पर यहां नहीं आ पाए थे. लेकिन इस बार काफी तादाद में लोग अजमेर जियारत के लिए आएंगे. जिला प्रशासन और दरगाह कमेटी की ओर से जायरीन को बेहतर सुविधा देने के लिए कवायद की जा रही है.
सर्दी का रहेगा चैलेंज - डिप्टी नाज़िम डॉ. आदिल ने कहा कि इस बार उर्स सर्द (special arrangements maks at rest place ) मौसम में आ रहा है. ऐसे में विश्राम स्थल पर जायरीन को सर्दी से बचाने की चुनौती है. उन्होंने कहा कि सर्दी से बचाव के लिए डोम और डोरमेट्री को ढकने के लिए इंतजाम किए जाएंगे. साथ ही प्लेट फार्म और अतिरिक्त एरिया में डोम लगाने की भी व्यवस्था की जाएगी. हवा और बरसात से बचाव के लिए डोम पर प्लास्टिक कवर लगेंगे. इसके अलावा डोरमेट्री की खिड़कियों और दरवाजों को भी प्लास्टिक से कवर किया जाएगा.
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आठ से दस दिन तक रहेंगे इतंजाम - बातचीत में डॉ. आदिल ने बताया कि विश्राम स्थल पर 8 से 10 दिन में ढाई से तीन लाख जायरीन रुकते हैं. उन्होंने कहा कि पैदल, बसों और स्पेशल ट्रेनों के जरिए जायरीन विश्राम स्थल को आते हैं और यहां वो तमाम सुविधाएं पाते हैं. उन्होंने कहा कि उर्स के आखरी दो दिन में जायरीनों की भीड़ अधिक रहती है. वहीं, पांचवी और छठे दिन विश्राम स्थल पर 50 से 70 हजार जायरीन रहते हैं.
सफाई पर रहेगा विशेष जोर - कायड़ विश्राम स्थली पर जायरीन के लिए शौचालय, स्नान घर की व्यवस्था पर्याप्त है. इनकी सफाई को लेकर विशेष ध्यान रखा जाएगा. वहीं, जायरीन के रहने के स्थान भी स्वच्छ हो, इसके लिए भी सफाई के विशेष इंतजाम किए जाएंगे. डॉ. आदिल ने बताया कि सामाजिक व स्वयंसेवी संस्थाओं का भी काफी सहयोग मिल रहा है. उन्होंने आगे कहा कि जायरीन की सुरक्षा के लिए विश्राम स्थली में पुलिस की तैनातगी रहेगी. साथ ही सीसीटीवी कमरों से भी असामाजिक तत्वों पर नजर रखी जाएगी.