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Parama Ekadashi 2023: पुष्कर में पहली बार 2100 शालीग्राम का किया गया जलाभिषेक और पूजन

पुरुषोत्तम मास की परमा एकादशी पर पुष्कर के पवित्र सरोवर के जयपुर घाट पर 2100 शालीग्राम का जलाभिषेक और पूजन किया गया.

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Published : Aug 11, 2023, 5:45 PM IST

Updated : Aug 11, 2023, 11:35 PM IST

2100 shaligram worship in Pushkar on Parama Ekadashi 2023
Parama Ekadashi 2023: पुष्कर में पहली बार 2100 शालीग्राम का किया गया जलाभिषेक और पूजन
पुष्कर में पहली बार 2100 शालीग्राम का किया गया जलाभिषेक और पूजन.

अजमेर. सनातन की वैष्णव परंपरा में शालीग्राम को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है. शालीग्राम का पूजन सनातन धर्म की परंपरा रही है. तीर्थराज गुरु पुष्कर के पवित्र सरोवर में शुक्रवार को 2100 शालीग्राम का जल, दूध से अभिषेक और सहस्त्र अर्चन-पूजन किया गया. तीर्थयात्रियों के लिए भी इतनी बड़ी संख्या में एक ही जगह पर शालीग्राम के दर्शन आकर्षण का केंद्र रहा.

गुलाब बाड़ी नयाघर निवासी सुनीत झा और रामस्वरूप वैष्णव के संयुक्त प्रयासों से देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर 2100 शालीग्राम का जल और दुग्ध अभिषेक एवं सहस्त्रअर्चन 12 वर्षों से किया जा रहा है. इस कड़ी में पुरुषोत्तम मास की परमा एकादशी पर जल, दूध से अभिषेक और सहस्त्र अर्चन किया गया. इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और हवन भी किया गया. सभी शालीग्राम को अजमेर से लाया गया. ये सभी वहीं विराजित रहते हैं. झा ने बताया कि शालीग्राम का 12 वर्ष से विभिन्न तीर्थां पर इसी प्रकार से तीर्थांटन किया जा रहा है.

पढ़ें: पुष्कर में देव प्रबोधनी एकादशी से पंच तीर्थ स्नान की शुरुआत, पूर्णिमा पर इस राशि के जातक रहें सावधान!

बातचीत में उन्होंने बताया कि 12 वर्ष में वे 45 बार नेपाल गए हैं. वहीं काली गंडकी नदी के मुक्तिनाथ क्षेत्र से यह सभी शालीग्राम मच्छवारों के सहयोग से उन्हें प्राप्त हुए हैं. उन्होंने बताया कि शालीग्राम में भगवान विष्णु के 10 अवतार के दर्शन होते हैं. दशावतार में मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुध, कल्कि है. झा ने बताया कि घर पर मंदिर में नित्य भगवान शालीग्राम की पूजा अर्चना होती है. वहीं सभी शालीग्राम को विभिन्न तीर्थों पर ले जाकर तीर्थ के जल से अभिषेक और सहस्त्र अर्चन किया है.

पढ़ें: कार्तिक शुक्ल एकादशी पर पुष्कर सरोवर में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, लोगों ने लगाई आस्था की डूबकी

भगवान शालीग्राम का पूजन सनातन की वैष्णव परंपराः ओमकार सनातन वेद शक्ति पीठ महंत स्वामी लक्ष्मी नारायण दास ने बताया कि सनातन धर्म की वैष्णव परंपरा में शालीग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. तीर्थ पुष्कर के पवित्र सरोवर में भगवान शालीग्राम का पूजन-अर्चन अधिक मास में परमा एकादशी पर बड़ा सौभाग्य देने वाला है. श्रद्धालुओं को पूजन का पुनीत अवसर मिल रहा है.

पढ़ें: पुष्कर में है कार्तिक स्नान का विशेष महत्व, एकादशी से पूर्णिमा तक समस्त देवी देवता बिराजते हैं यहां, जानिए क्यों

पांच वर्ष से मन जुड़ाः रामस्वरूप वैष्णव बताते हैं कि विगत 5 वर्षों से भगवान शालीग्राम से ऐसा मन जुड़ा है कि तब से सुनीत झा के साथ मिलकर 2100 शालीग्राम की सेवा का मौका मिला. उन्होंने बताया कि कई पुष्कर तीर्थ सरोवर के जयपुर घाट पर भगवान शालीग्राम का विभिन्न सामग्रियों और औषधियों से अभिषेक किया गया. इस दौरान कई संत और श्रद्धालु मौजूद रहे. सुबह से शाम 5 बजे तक विभिन्न अनुष्ठान होंगे. साथ ही श्रद्धालु भी पुष्कर सरोवर के जल से जलाभिषेक रहे हैं.

पहली बार पुष्कर तीर्थ में 2100 शालीग्राम का हुआ धार्मिक अनुष्ठानः पंडित कैलाश शर्मा बताते हैं कि 2100 शालीग्राम के दर्शन बहुत ही दुर्लभ है. ऐसे दर्शन कहीं नहीं होते. पुष्कर सरोवर के जयपुर घाट पर 2100 शालीग्राम का पूजन और दर्शन का अवसर सभी को मिल रहा है. पंडित शर्मा ने बताया कि शालीग्राम का पूजन करने से घर मे शांति और लक्ष्मी का आगमन होता है. घर में प्रत्येक सदस्य रोग मुक्त होता है. उन्होंने कहा कि भगवान शालीग्राम की पूजा अर्चना कर हम सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की जा रही है जो पूजन दर्शन के लिए आ रहे है.

पुष्कर में पहली बार 2100 शालीग्राम का किया गया जलाभिषेक और पूजन.

अजमेर. सनातन की वैष्णव परंपरा में शालीग्राम को भगवान विष्णु का रूप माना जाता है. शालीग्राम का पूजन सनातन धर्म की परंपरा रही है. तीर्थराज गुरु पुष्कर के पवित्र सरोवर में शुक्रवार को 2100 शालीग्राम का जल, दूध से अभिषेक और सहस्त्र अर्चन-पूजन किया गया. तीर्थयात्रियों के लिए भी इतनी बड़ी संख्या में एक ही जगह पर शालीग्राम के दर्शन आकर्षण का केंद्र रहा.

गुलाब बाड़ी नयाघर निवासी सुनीत झा और रामस्वरूप वैष्णव के संयुक्त प्रयासों से देश के विभिन्न तीर्थ स्थलों पर 2100 शालीग्राम का जल और दुग्ध अभिषेक एवं सहस्त्रअर्चन 12 वर्षों से किया जा रहा है. इस कड़ी में पुरुषोत्तम मास की परमा एकादशी पर जल, दूध से अभिषेक और सहस्त्र अर्चन किया गया. इस दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और हवन भी किया गया. सभी शालीग्राम को अजमेर से लाया गया. ये सभी वहीं विराजित रहते हैं. झा ने बताया कि शालीग्राम का 12 वर्ष से विभिन्न तीर्थां पर इसी प्रकार से तीर्थांटन किया जा रहा है.

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बातचीत में उन्होंने बताया कि 12 वर्ष में वे 45 बार नेपाल गए हैं. वहीं काली गंडकी नदी के मुक्तिनाथ क्षेत्र से यह सभी शालीग्राम मच्छवारों के सहयोग से उन्हें प्राप्त हुए हैं. उन्होंने बताया कि शालीग्राम में भगवान विष्णु के 10 अवतार के दर्शन होते हैं. दशावतार में मत्स्य, कूर्म, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुध, कल्कि है. झा ने बताया कि घर पर मंदिर में नित्य भगवान शालीग्राम की पूजा अर्चना होती है. वहीं सभी शालीग्राम को विभिन्न तीर्थों पर ले जाकर तीर्थ के जल से अभिषेक और सहस्त्र अर्चन किया है.

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भगवान शालीग्राम का पूजन सनातन की वैष्णव परंपराः ओमकार सनातन वेद शक्ति पीठ महंत स्वामी लक्ष्मी नारायण दास ने बताया कि सनातन धर्म की वैष्णव परंपरा में शालीग्राम को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है. तीर्थ पुष्कर के पवित्र सरोवर में भगवान शालीग्राम का पूजन-अर्चन अधिक मास में परमा एकादशी पर बड़ा सौभाग्य देने वाला है. श्रद्धालुओं को पूजन का पुनीत अवसर मिल रहा है.

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पांच वर्ष से मन जुड़ाः रामस्वरूप वैष्णव बताते हैं कि विगत 5 वर्षों से भगवान शालीग्राम से ऐसा मन जुड़ा है कि तब से सुनीत झा के साथ मिलकर 2100 शालीग्राम की सेवा का मौका मिला. उन्होंने बताया कि कई पुष्कर तीर्थ सरोवर के जयपुर घाट पर भगवान शालीग्राम का विभिन्न सामग्रियों और औषधियों से अभिषेक किया गया. इस दौरान कई संत और श्रद्धालु मौजूद रहे. सुबह से शाम 5 बजे तक विभिन्न अनुष्ठान होंगे. साथ ही श्रद्धालु भी पुष्कर सरोवर के जल से जलाभिषेक रहे हैं.

पहली बार पुष्कर तीर्थ में 2100 शालीग्राम का हुआ धार्मिक अनुष्ठानः पंडित कैलाश शर्मा बताते हैं कि 2100 शालीग्राम के दर्शन बहुत ही दुर्लभ है. ऐसे दर्शन कहीं नहीं होते. पुष्कर सरोवर के जयपुर घाट पर 2100 शालीग्राम का पूजन और दर्शन का अवसर सभी को मिल रहा है. पंडित शर्मा ने बताया कि शालीग्राम का पूजन करने से घर मे शांति और लक्ष्मी का आगमन होता है. घर में प्रत्येक सदस्य रोग मुक्त होता है. उन्होंने कहा कि भगवान शालीग्राम की पूजा अर्चना कर हम सभी के कल्याण के लिए प्रार्थना की जा रही है जो पूजन दर्शन के लिए आ रहे है.

Last Updated : Aug 11, 2023, 11:35 PM IST
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